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गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल, सीएम योगी ने VAT कम करने को लेकर बुलाई बैठक

एक देश, एक टैक्स की बात करने वाली मोदी सरकार से पेट्रोल-डीजल को GSTमें शामिल करने के सवाल पर मोदी सरकार को सूंघ जाता है,साँप  

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को लेकर बुलाई अहम बैठक...

केंद्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार की नियति में खोंट ही खोंट है, यदि पेट्रोल और डीजल के बेतहाशा दामों की बढ़ोत्तरी में कमी करना है तो एक देश, एक टैक्स के सिद्धांत को अपनाते हुए डीजल और पेट्रोल को भी GST के दायरे में लाकर देश की जनता के साथ जो डकैती सरकार और सरकारी तेल कम्पनियां डाल रही हैं,वह बंद करके दिखाये...

 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है। ऐसे में सूबे की योगी सरकार को इस बात का डर अब सताने लगा है कि कहीं जनता डीजल और पेट्रोल के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर सरकार की तुगलकी नीति का जवाब अपने तुगलकी फरमान के साथ मतदान के दिन ईवीएम की बटन पर दबाकर योगी सरकार को ही सूबे की सत्ता से बेदखल न कर दे ! शायद इसी डर के मद्देनजर आज सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ ने अहम बैठक बुलाई  और बैठक में डीजल और पेट्रोल के दामों में अभी तक आँख मूँद कर केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और प्रदेश सरकार का वैट टैक्स की वसूली में गुंजाइश निकालने के लिए सहमति बनी। सरकार जनता की जेब पर डीजल और पेट्रोल के दामों में बेतहाशा बृद्धि करके डकैती डालने का कार्य कर रही है। जनता भी चुपचाप अपने ऊपर हो रहे जुर्म का हिसाब लेने के लिए उस समय का इंतजार कर रही है जिस समय वह सरकार पर प्रहार करके उसे उसकी औकात बता सके।  


सीएम योगी आदित्य नाथ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से प्रदेश वासियों को बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल सीएम योगी आदित्य नाथ ने आज यानी 28 अक्टूबर की शाम पांच बजे अपने सरकारी आवास पर एक अहम बैठक बुलाई थी, इस अहम बैठक में पेट्रोल-डीजल पर प्रदेश में लगने वाले वैट को कम करने पर चर्चा हुई। महंगाई राहत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बड़ी बैठक बुलाकर यह तय कर दिया कि सरकार को भी डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दाम पर जनता की नाराजगी का एहसास है। इसीलिए डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले वैट को लेकर आज सीएम आवास पर शाम 5.30 बजे की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा कि जनता को किस तरह राहत दी जाए।मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में वित्त विभाग के अधिकारियों को भी मुख्यमंत्री ने बुला रखा था। योगी और मोदी सरकार यह सोच रही है कि उसकी सरकार में शामिल लोग ही बुद्धिमान है तो वह उनकी पहली और अंतिम भूल है। 


देश की जागरूक जनता भी जान और समझ रही है कि मोदी और योगी का धृतराष्ट्र प्रेम के पीछे की असल वजह क्या है ? जनता की भलाई का यदि मोदी और योगी सरकार में तनिक भी ध्यान है तो पूरे देश में डीजल और पेट्रोल के दामों में समानता लाने के लिए उसे GST के दायरे में क्यों नहीं लाने का कार्य किया जा रहा है ? चुनावी राज्यों में राज्य सरकार से सिर्फ हाथी के दांत खाने को और दिखाने को और वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए वैट के टैक्स को घटाने की नापाक चाल चली जा रही है, जिसे देश और प्रदेश की जनता बखूबी समझ रही है। जनता तो यहाँ तक समझ चुकी है कि योगी सरकार का जनता के प्रति यह मोह चुनावी नफा-नुकसान के मद्देनजर लिया जा रहा है। चुनावी नतीजों के साथ यह निर्णय भी बदल जायेंगे। डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर बैठक में चर्चा के साथ-साथ जमाखोरी, कालाबाजारी को लेकर मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण निर्णय लेकर जनता को महंगाई से निजात दिलाने का फरमान सुना सकते हैं


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