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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को खुश करने के लिए उनके पिता स्व. डॉ सोनेलाल पटेल के नाम करके प्रतापगढ़ की सम्मानित जनता और प्रतापगढ़ के महापुरुषों का पीएम मोदी ने किया अपमान

प्रतापगढ़ के मेडिकल कालेज काम राजनीतिक वोटबैंक के मद्देनजर अपना दल संस्थापक स्व. डॉ सोनेलाल पटेल के नाम पर रखकर प्रतापगढ़ के महापुरुषों का घोर अपमान किया गया,परन्तु प्रतापगढ़ के भाजपाइयों ने नहीं कर सके इसका विरोध,चुप रहना ही बेहतर समझा 


एक साथ 9 मेडिकल कालेज का पीएम मोदी ने किया लोकार्पण...

मान गए कि वोटबैंक की राजनीति और सत्ता सुख के आगे कोई कितना भी नैतिक और चरित्रवान हो, परन्तु सत्ता पाने के लिए वह अनैतिक और दोगला होने में परहेज नहीं करेगा हमारे मन में ही नहीं प्रतापगढ़ जनपद में 40 लाख की आबादी है और उस आबादी में से लाखों लोग मोदी और योगी से प्रभावित होकर भाजपा को अपना मत दिया था बहुत सारे लोग भाजपा के न होते हुए भी मोदी और योगी को अपना आदर्श मानते हैं और हिंदुत्व के नाम पर उन्हें सत्ता में फिर से स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहे, परन्तु प्रतापगढ़ की 40 लाख की जनता के साथ जिस तरह भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की योगी सरकार ने प्रतापगढ़ में बने स्वशाषी राजकीय मेडिकल कालेज का नाम प्रतापगढ़ में पैदा हुए महापुरुषों को दफन करके उस मृतक ब्यक्ति के नाम किया जो प्रतापगढ़ के लिए एक धेला भी कार्य नहीं किया वह ब्यक्ति अपना दल राजनीतिक पार्टी का संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल है और कथित कमेरा समाज के लिए भाजपा को पानी पी पीकर गाली दिया करता था 


सिर्फ प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज के नाम का नामकरण राजनीति का हो गया,शिकार... 

अपना दल संस्थापक स्व. डॉ सोनेलाल पटेल के इसी कृत्य की वजह से भाजपा सरकार में प्रयागराज की धरती पर पुलिस ने उसकी हड्डियों को कई जगह से तोड़ दिया था और पूरे शरीर में प्लास्टर चढ़ाकर उसे फिर से जोड़ने के लिए चिकित्सकों ने बहुत प्रयास किया तब जाकर उनकी हड्डियां फिर से जुड़ सकी थी आज वही भाजपा सत्ता की खातिर उन्हीं सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल को अपने घटक दल में स्थान दिया और मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री भी बनाया यदपि कि अनुप्रिया पटेल कि इच्छा थी कि उसे कैबिनेट मंत्री बनाया जाये, परन्तु मोदी ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया इसलिए वर्ष-2019 में अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री न बन सकी भाजपा भी कम चालाक नहीं है उत्तर प्रदेश के चुनाव से ठीक पहले मोदी और भाजपा शीर्ष नेतृत्व अनुप्रिया पटेल को चारा डालना शुरू किया और अनुप्रिया पटेल फौरन भाजपा के श्रीचरणों में नतमस्तक हो गई और कैबिनेट मंत्री के स्थान राज्यमंत्री बनना ही स्वीकार कर लिया 


राज्यमंत्री बनते ही अनुप्रिया पटेल ने एक दाँव चला और पीएम मोदी उनकी चाल में फंस गए दाँव था प्रतापगढ़ में बने मेडिकल कालेज के नामकरण का, जो अनुप्रिया पटेल ने बड़ी चालाकी से अपने स्व. पिता डॉ सोनेलाल पटेल के नाम से करने के लिए पीएम मोदी को राजी कर लिया जबकि इस निर्णय के बाद प्रतापगढ़ जनपद में इसका जमकर विरोध हुआ और बहुत सारे लोगों की भावनाएं आहत की गई। आज अपना प्रतापगढ़ चंद दोगली ओछी संकीर्ण राजनीति का शिकार हो गया यहाँ के बड़े-बड़े नेताओं के सामने ये सब कुछ प्रकरण हो गया, किन्तु स्वार्थी राजनीति, व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के लिये इनके मुँह में फेविक्विक चिपक गई थी, जिससे इनकी जुबान बंद हो गई थी इनको अपने जनपद के गौरव और आत्म सम्मान की भी कोई चिंता नहीं रही। इस कृत्य पर वास्तव में प्रतापगढ़ के लोगों की अंतरात्मा कैसे गवाही दी होगी ? ऐसा सुनकर और देखकर बहुतों का ह्दय द्रवित हो गया। 


सवाल उठता है कि स्व. डॉ सोनेलाल पटेल के नाम से मेडिकल कॉलेज का नामकरण करने की ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी ? हमारे प्रतापगढ़ में तो इतने विराट व्यक्तित्व के प्रवीण महापुरुष थे, जिनके स्वाभिमान की तुलना भी स्व. डॉ सोनेलाल पटेल के नाम से नहीं की जा सकती इतना विरोध होने के बाद भी एक बाहरी व्यक्ति के नाम से नामकरण हो जाना कितने शर्म की बात है ? भाजपा और मोदी एवं योगी द्वारा लाखों स्वाभिमानी प्रतापगढ़ की जनता के साथ विश्वासघात किया गया। प्रतापगढ़ के प्रतिष्ठित नेताओं ने इसका अपने स्तर से व्यापक रूप में विरोध किया, परन्तु घमंडी मोदी और योगी सरकार पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सूबे में पूरे 9 मेडिकल कालेज का लोकार्पण देश के पीएम मोदी और सूबे के सीएम योगी ने सिद्धार्थ नगर से किया, उसमें एक मेडिकल कालेज प्रतापगढ़ का भी रहा। परन्तु सबसे बड़ा दुर्भाग्य प्रतापगढ़ का रहा कि उसके ही नामकरण में दोगलापन दिखाते हुए प्रतापगढ़ की जनता की भावनाओं के साथ गंदा खेल खेला है, जो प्रतापगढ़ की जनता हमेशा याद रखेगी  


प्रतापगढ़ की जनता की भावनाओं का लेशमात्र भी ध्यान पीएम मोदी रखते तो प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज का नामकरण जनपद की सबसे पौराणिक स्थल बेल्हा देवी के नाम से होता या जनपद के अन्य महापुरुषों के नाम से हुआ होता। भाजपा नेताओं में पूर्व विधायक बृजेश सौरभ के अतिरिक्त किसी भाजपाई नेता ने इसका विरोध नहीं किया। बाकी भाजपाई अपने जनपद के गौरव पर हुए कुठाराघात पर सुषुप्त एवं मूकदर्शक बनना अधिक उचित समझा इन राजनीतिक दलों ने कैसे प्रतापगढ़ की जनता के विश्वास को ठेंगा दिखा दिया ? इनका निकम्मापन तो देखिए ! इनकी मंशा देखिए और विचार करिये इतना प्रबलतम विरोध होने के उपरांत भी उनकी जो कुटिल मंशा थी, वो पूरी हुई। ऐसा लगता हैं कि प्रतापगढ़ की जनता संगठित होती तो इस सरकार का साहस नहीं था कि वह प्रतापगढ़ की जनता की अस्मिता से खिललवाड़ कर लेती। किन्तु आपसी बैर, आपसी वैमनस्य ही जनपद के मानहानि का प्रमुख कारण बना वैसे एक बात कह दूं ! प्रतापगढ़ की जनता के साथ जो कृत्य हुआ, वह ठीक ही हुआ क्योंकि प्रतापगढ़ के लोग हैं ही इसी लायक। प्रतापगढ़ के लोग केवल प्रयोग ही होने लायक हैं और वोट देने के लिये बने हैं और बाद में इन राजनीतिक दलों के द्वारा जूता खाने के लिये ही हैं 


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