वास्तव में अपराध और अपराधियों की जनक पुलिस ही है,क्योंकि पुलिस ही जानबूझकर पहले अपराध को करवाती है और दबाव पड़ने पर अपराधियों के गिरेबान को दबोचने का रचती है,ढोंग
फतेहपुर जनपद में कई महीने तक बैटिंग करने वाले पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल अब प्रतापगढ़ जिले की कप्तानी कर रहे हैं, देखना है कि दोनों जिलों की कप्तानी का अनुभव इस जुए की फड़ को बंद करा पाते हैं अथवा ऐसे ही चलता रहेगा
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश में जब अपराध की समीक्षा की जाती है तो प्रतापगढ़ जनपद का नाम टॉप टेन की सूची में रहता है। जिले में माफियागीरी से लेकर अवैध खनन एवं अवैध शराब के धंधे खूब जमकर फलते फूलते हैं।इस धंधे में सिस्टम भी कहीं न कहीं मिला रहता है, क्योंकि जितने अवैध कार्य किये जाते हैं, उन्हें कहीं न कहीं से शासन सत्ता के नेताओं की छत्रछाया उनके सिर पर होती है। उसी की आड़ में सारे नियम विरुद्ध कार्य किये जाते हैं और जिला प्रशासन सहित इलाके की पुलिस भी चुपचाप तमाशा देखने में अपनी भलाई समझती है। चूँकि इस भलाई में उसे भी ऊपर ही ऊपर जूठन स्वरूप कुछ प्रसाद चखने को मिल जाता है।
मानिकपुर थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जुआ खेला जाता है,ये हम नहीं कह रहे हैं और न ही विरोधी डाल का कोई नेता का आरोप है, बल्कि जुए की सजी फड़ का एक वीडियों सोशल मीडिया में आज तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने से किसी की किरकिरी हो या न हो, परन्तु पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है। क्योंकि वायरल वीडियो में जुए की फड़ सजी है और जुआड़ी दाँव पर दाँव लगा रहे हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि प्रतापगढ़ का पश्चिमी क्षेत्र मानिकपुर जहाँ जुए की यह फड़ सजने का दावा किया जा रहा है, वह बार्डर है। अब बार्डर पर कई जिले के लोग बिना रोक टोक के इस जुए की फड़ में शामिल होकर जुए को खेलते हैं।
इस जुए की फड़ की बात करें तो इसमें फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, रायबरेली, सुल्तानपुर आदि जिलों के जुआड़ी शिरकत करते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि जुए की इस फड़ के बारे में जिले के ही नहीं बल्कि अगल बगल जनपदों के लोग जानते हैं, लेकिन मानिकपुर तथा कुंडा सर्किल के पुलिस वाले इस जुए की फड़ से अनभिज्ञ है। जबकि अवैध शराब, जुए पर रोक थाम लगाने के लिए ही अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी का ऑफिस जिला मुख्यालय से हटाकर मनगढ़ में बनाया गया, परन्तु जुआड़ी बेखौफ होकर झाऊ लाल का पुरवा (रेलवे क्रासिंग के बगल आम की बाग में) खुलेआम जुआ खेल रहे हैं। उन्हें पुलिस का लेशमात्र खौफ नहीं है और न ही कानून का कोई भय है। इससे लगता है कि कहीं न कहीं पुलिस इस मामले में संलिप्त है।
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