पूर्व विवेचक के रहमोकरम पर अब तक गिरफ्तारी से बचते रहे आरोपी,बेटे के अपराध में सहयोग के आरोपी माता-पिता की गिरफ्तारी पर अग्रिम आदेश तक हाईकोर्ट से मिली है,सशर्त राहत
मकान मालिक के बेटे द्वारा किरायेदार बीटीसी प्रशिक्षु को नशीली दवा खिलाकर उसके साथ करीब साढ़े तीन वर्षो तक करता रहा दुष्कर्म,साथ ही मानसिक शोषण करने का है,आरोप
अश्लील वीडियो बना और ब्लैकमेल करने का चल निकला है,चलन... |
सुल्तानपुर जनपद के कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित विवेक नगर इलाके से जुड़ा है। जहां के रहने वाले जल निगम कर्मचारी विनोद गुप्ता के यहां कादीपुर क्षेत्र की रहने वाली एक युवती वर्ष- 2017 में किराए का कमरा लेकर बीटीसी प्रशिक्षण दे रही थी। आरोप के मुताबिक इस दौरान मकान मालिक के परिवारीजनों ने किराए पर रह रही बीटीसी प्रशिक्षु से अच्छा संपर्क बना लिया और साथ में उठने-बैठने लगे। इन्हीं सम्बन्धों का नाजायज फायदा उठा कर विनोद गुप्ता के पुत्र सुधीर गुप्ता ने खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर पीड़िता को दे दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। यहीं नहीं आरोपी सुधीर ने उसका अश्लील फोटो व वीडियो भी बना लिया। इस घटना की जानकारी जब पीड़िता ने आरोपी सुधीर गुप्ता के पिता विनोद गुप्ता व उसकी माँ को दी तो उन्होंने अपने बेटे की इस गलती पर लगाम लगाने व उसे दंड देने के बजाय पीड़िता से अपने बेटे की शादी करा देने का झांसा देने लगे। उधर आरोपी सुधीर गुप्ता नशीली दवा देकर किए गए दुष्कर्म का वीडियो बनाकर अपने घरवालो के खिलाफ कोई शिकायत करने पर उसे वायरल कर देने की भी धमकी देने लगा और उसे दबाव में लेकर मन मुताबिक कुछ कागजात भी तैयार करा लिए।
इस तरह से एक बीटीसी प्रशिक्षु की बातों पर यकीन करें तो उसके मुताविक करीब साढ़े तीन वर्षों तक उसका मानसिक व शारीरिक शोषण किया जाता रहा। प्रशिक्षण प्राप्त करने तक किसी तरह से पीड़िता इन लोगों के जुल्मों को सहती रही, लेकिन जब वह घर चली गई फिर भी आरोपी सुधीर गुप्ता ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसे फिर ब्लैकमेल कर सम्बन्ध बनाने की नीयत से उसकी अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी दी और उसकी बात न मानने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। आरोपियों ने पीड़िता के घरवालों पर भी दबाव बनाने का भरसक प्रयास किया। इस मामले में बीते 6 अगस्त को पीड़िता की तहरीर पर कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। प्रकरण की तफ्तीश पहले उप निरीक्षक चित्रा सिंह को मिली, लेकिन चित्रा सिंह के रहमों करम के चलते काफी दिनों तक आरोपी बचते रहे और उन्हें बकायदा राहत पाने के लिए हर जगह भागने का मौका मिला। मिली जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट में आरोपी सुधीर गुप्ता, जल निगम कर्मी उसके पिता विनोद गुप्ता एवं उसकी मां की तरफ से एफआईआर को निरस्त करने की मांग संबंधी याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई के पश्चात हाईकोर्ट ने सुधीर गुप्ता की तरफ से प्रस्तुत अर्जी को खारिज कर दिया है।
प्रकरण जब हाईकोर्ट में गया तो पता चला कि आरोपी सुधीर एवं बीटीसी प्रशिक्षु वयस्क पीड़िता के बीच प्रेम-प्रसंग होने व बाद दोनों में जब आपसी मनमुटाव शुरू हुआ तो दोनों के बीच अनबन होने की वजह से शादी टूट जाने की बात सामने आई। जिसकी वजह से प्रथम दृष्टया मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता के माता-पिता की इस घटना में सक्रिय भूमिका न मिलने पर उन्हें अंतरिम राहत देते हुए अग्रिम आदेश तक दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लेकिन उनके लिए विवेचना में भरपूर सहयोग की भी शर्त रखी है। इस मामले में हाईकोर्ट से राहत पाये सुधीर के माता-पिता की तरफ से पूर्व में जारी आदेश का अनुसरण भी नही किया गया था, जिसके लिए हाईकोर्ट ने मात्र तीन दिन का समय देते हुए आदेश का अनुसरण न करने की दशा में अंतरिम आदेश स्वतः निरस्त हो जाने की चेतावनी देते हुए अगली तारीख तक पूर्व आदेश बहाल रहने की बात कही है। इस मामले में आरोपी सुधीर गुप्ता को विवेचक ने गिरफ्तार कर प्रभारी रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। जिसकी रिमांड स्वीकृत कर न्यायाधीश योगेश कुमार यादव ने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है।
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