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मंगलवार, 21 सितंबर 2021

जिस चोरी की मोटरसाइकिल को खोजने फूलपुर पुलिस प्रतापगढ़ आई वह वादी मुकदमा के घर के सामने अमरुद के पेड़ के नीचे मिली

एक साजिश के तहत बेटे अजय गुप्ता ने अपने पिता प्यारेलाल गुप्ता के नाम कथित चोरी की मोटरसाइकिल को बेंच दिया था, ताकि चोरी का मुकदमा पुलिस से सांठगांठ करके लिखाया जा सके, नहीं तो अजय गुप्ता के नाम गाड़ी रहते नहीं दर्ज हो सकता चोरी का मुकदमा 


वादी मुकदमा प्यारेलाल को अपनी मोटरसाइकिल का नम्बर भी नहीं पता, तभी तो बरामद हुई मोटरसाइकल और मूल तहरीर व मुकदमें में लिखी मोटरसाइकिल का नम्बर भी भिन्न निकला, जिस गाड़ी का मुदकमा फूलपुर पुलिस ने दर्ज किया, वह वादी मुकदमा प्यारेलाल गुप्ता के नाम कभी दर्ज ही नहीं रही 


राहुल गुप्ता जिसे फूलपुर चोरी के झूठे मामले में फंसाने के लिए रची थी,साजिश...

कई सालों से ससुराल पक्ष से पति, देवर, देवरानी, ससुर और सास और ननद की प्रताड़ना से अपनी लड़की को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय के चक्कर काट रहे बाबूलाल गुप्ता की बात सच साबित होती दिख रही है कि वादी मुकदमा अजय गुप्ता उसका भाई संजय गुप्ता और पिता प्यारे लाल गुप्ता का झूठ आखिरकार खुल ही गया और झूठ के मुकदमें का पर्दाफाश हो गया। सवाल उठता है कि क्या फूलपुर पुलिस भी अजय गुप्ता, संजय गुप्ता और प्यारेलाल गुप्ता पर झूठा मुकदमा लिखाने के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही करती है या नहीं ! कई महीने बीत जाने के बाद पुलिस की प्रताड़ना और अपने बेटे राहुल गुप्ता के ऊपर दर्ज फेंक मुकदमें के बारे में जब जन सूचना अधिकार अधिनयम का सहारा लिया तो जनसूचनाधिकारी महोदय ने पहले तो 30 दिन के अंदर वांछित सूचना नहीं दिए और जब प्रथम अपील दाखिल किया तो सूचना दी गई।  


फूलपुर पुलिस का कारनामा आप भी देखें व समझे...

प्रयागराज पुलिस द्वारा जनसूचनाधिकार अधिनियम-2005 के तहत जो तीन विन्दुओं की सूचना मांगी गई थी, उसमें विन्दु संख्या- 1 में बताया गया है कि मुकदमा अपराध संख्या संख्या-112/21 धारा-379 आईपीसी पंजीकृत है। जिसकी विवेचना अमित सिंह सब-इंस्पेक्टर द्वारा की जा रही है उपरोक्त मुकदमें में राहुल गुप्ता अपने वकील व बहन एवं पिता के साथ स्वयं आये थे। विन्दु संख्या-2 की सूचना देय नहीं नहीं है। विन्दु संख्या-3  में बताया गया है कि राहुल गुप्ता के विरुद्ध थाना स्थानीय फूलपुर पर अभियोग दर्ज है, जिसमें वह स्वयं अपने बहन व पिता के साथ बयान देने आया था। बाद बयान सभी को सम्मान वापस किया गया था। उक्त सूचना उसी दरोगा से तैयार कराई गई जो पूरे मामले में संदेहास्पद रहे। हमारे देश में गजब की ब्यवस्था है जिस पर आरोप हो वही अपनी सूचना बनाकर अपना बचाव करे


इसी स्कार्पियो से दरोगा अमित कुमार सिंह आये थे,प्रतापगढ़...

ये तो वही कहावत चरितार्थ हुई कि जे छिनरा वो डोली संग। फिलहाल सम्पूर्ण प्रकरण में सबसे मजेदार मामला उस समय प्रकाश में आया जब वादी मुकदमा प्यारेलाल गुप्ता को अपनी ही मोटरसाइकिल का नम्बर भी पता न हो ! तभी तो वह दूसरी मोटरसाइकिल का नम्बर देकर मुकदमा लिखवाया उससे भी मजेदार विषय यह रहा कि कोर्ट में रिलीज ऑर्डर के तहत दूसरे नम्बर की मोटरसाइकिल जिस पर मुकदमा दर्ज हुआ, उसे प्यारे लाल गुप्ता के घर से बरामद मोटरसाइकिल को पुलिस ने रिलीज कर डिया  है इस बात से स्पष्ट हो गया कि एक साजिश के तहत राहुल गुप्ता और साधना गुप्ता को फंसाने हेतु फूलपुर में चोरी का मुकदमा नामजद दर्ज किया गया फूलपुर पुलिस, ग्राम प्रधान योगेन्द्र कुमार सहित वादी मुकदमा प्यारे लाल गुप्ता, अजय गुप्ता और संजय गुप्ता इस षड्यंत्र में शामिल रहे। मजेदार बात यह है कि जो दरोगा अमित कुमार सिंह प्रतापगढ़ से आकर राहुल गुप्ता और साधना गुप्ता को गिरफ्तार करके ले गए, वह सफेद झूठ बोल रहे हैं।  


सब-इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह,थाना-फूलपुर द्वारा बोला गया सफेद झूठ 

सच यह है कि दिनांक-15/05/2021 को दोपहर में अमित कुमार सिंह और दो महिला सिपाही और दो पुरुष सिपाही एक स्कार्पियों से प्रतापगढ़ राहुल गुप्ता के घर आकर दबिश दिए थे और राहुल एवं साधना को फूलपुर ले जाने लगे तो बाबूलाल गुप्ता अपने अधिवक्ता अरविन्द पाण्डेय और छोटे पुत्र सुशील कुमार गुप्ता को किराये की कार से उनके पीछे-पीछे फूलपुर पहुँचे थे। वह भी पहले साधना के ससुराल भुमई हुसामगंज कोड़ापुर उसके घर गए थे न कि थाना फूलपुर पहुँचे थे। जब चोरी हुई मोटरसाइकिल वादी मुकदमा के यहाँ से बरामद हुई तो दरोगा अमित कुमार सिंह समेत साथ में रहे सभी पुलिस कर्मियों के मुँह देखने लायक थे। फूलपुर थाने में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजकिशोर ने ग्राम प्रधान योगेन्द्र कुमार सहित प्यारे लाल गुप्ता, अजय गुप्ता और संजय गुप्ता को खूब खरी खोंटी सुनाई। चूँकि सारी योजना फेल हो गई थी और बेइज्जत अलग से हो रहे थे। यह सही है बाबूलाल गुप्ता और उनके बच्चों के बयान दर्ज वापस आने दिया गया, परन्तु फूलपुर पुलिस, ग्राम प्रधान योगेन्द्र कुमार सहित प्यारे लाल गुप्ता, अजय गुप्ता और संजय गुप्ता के चेहरे से नकाब उतर चुका था। 


RTI Act की उड़ाई धज्जियाँ...

आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जब पुलिस फूलपुर वादी मुकदमा के घर पहुँची और परिवादिनी साधना गुप्ता से घर खुलवाया गया तो घर के अंदर चोरी हुई मोटरसाइकिल नहीं मिली। पुलिस अभी साधना और राहुल पर अपना शिकंजा कस ही रही थी कि मोटरसाइकिल कहाँ है ? जिस पर साधना और राहुल एक सवार में बोले कि आप सब तो कह रहे थे कि हम लोग घर में मोटरसाइकिल चुराकर रखे हैं अभी इसी बात पर झिकझिक हो ही रही थी कि इसीबीच घर से बाहर किसी ने देखकर बताया कि जो मोटर साइकिल आप लोग घर के अंदर खोज रहे हो वह तो घर के बाहर अमरूद के पेड़ के नीचे खड़ी है। पुलिस मोटरसाइकिल देखकर चकित हो गई। सबके मन में सिर्फ एक सवाल कि आखिर किसने खड़ी कर दी चोरी हुई मोटरसाइकिल ? जब आरोपी पुलिस के साथ पुलिस अभिरक्षा में प्रतापगढ़ से फूलपुर तक गए तो चोरी हुई मोटरसाइकिल वादी मुकदमा के घर के सामने किसने लाकर खड़ी की ?


दूध के जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीने का फार्मूला बना चुके बाबूलाल गुप्ता फूलपुर जाने के साथ-साथ अपने बच्चों को फूलपुर पुलिस झूठे मुकदमें में फंसा न दे, इसके लिए उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक, प्रयागराज जोन, आईजी रेंज प्रयागराज, एसएसपी, प्रयागराज, गंगापार एसपी सहित सीओ के व्हाट्सएप नंबर पर फूलपुर पुलिस की कारस्तानी की पूरी दास्तान लिखकर भेज चुके थे। साथ ही सूबे के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ, मंडलायुक्त, प्रयागराज मंडल प्रयागराज, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रयागराज जोन, जिलाधिकारी प्रयागराज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज पुलिस अधीक्षक, गंगापार, प्रयागराज सहित सीओ, फूलपुर, प्रयागराज से पीड़िता साधना गुप्ता के पिता बाबूलाल गुप्ता ने जरिये ई-मेल शिकायत की, जिसकी जाँच पुलिस विभाग में भांग खाकर बैठे महान हुक्मरानों ने फूलपुर सर्किल न भेजकर प्रतापगढ़ सीओ सिटी सर्किल भेजकर अपनी काबिलियत का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आये। 

 

पत्नी और बच्चों को भरण पोषण और गुजारा भत्ता न देना पड़े, इसलिए परिवादिनी साधना गुप्ता के पति अजय गुप्ता देवर संजय गुप्ता और ससुर प्यारे लाल गुप्ता का नया दांव ! अपनी ही मोटरसाइकिल को चोरी दिखाकर अपनी पत्नी और साले को फेंक मुकदमें में फंसाकर उस घर से निकालने कि साजिश की गई, जिस घर में परिवादिनी साधना गुप्ता को रहने के लिए माननीय न्यायालय ने आदेश दे रखा है। साधना गुप्ता को उन्हीं के ससुरालीजनों द्वारा तरह-तरह का उत्पीड़न किया जा रहा है। परिवादिनी को धन न देना पड़े, इसके लिए अजय गुप्ता व संजय गुप्ता पुत्रगण प्यारे लाल गुप्ता ने एक नया ड्रामा रचा, जिसके मुताविक फूलपुर थाना में मनगठंत अपनी ही एक मोटरसाइकिल चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाई, जानबूझकर बाबूलाल गुप्ता के बड़े लड़के राहुल गुप्ता को मोटरसाइकिल चुराने का आरोपी बनाया गया। 


सबसे मजेदार बात यह है की प्रार्थी का लड़का जब अजय कि मोटरसाइकिल चोरी कर रहा था तो क्या अजय बंसी बजा रहे थे ? सवाल उठता है कि जब अजय गुप्ता की मोटर साइकिल को जब राहुल गुप्ता चुरा रहा था तो अजय गुप्ता उसे चुराने क्यों दिए। हल्ला गुहार क्यों नहीं मचाया ? पीड़ित बाबूलाल गुप्ता के मुताविक दोपहर में फूलपुर पुलिस उसके घर प्रतापगढ़ कोतवाली नगर के विवेक नगर आई और बाबूलाल गुप्ता के लड़के राहुल और साधना गुप्ता को ले जाने लगी तो बाबूलाल गुप्ता ने पूंछा कि किस जुर्म में उसके लड़के और लड़की को आप लोग ले जा रहे हो ? जिस पर दरोगा अमित सिंह और उनके साथ आये सिपाहियों ने बताया कि राहुल गुप्ता द्वारा अजय गुप्ता की मोटरसाइकिल चोरी की गई है। उसी मामले में ले जा रहे हैं। बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि प्रार्थी के लड़के के पास तो कोई मोटरसाइकिल नहीं है तो दरोगा ने बताया की फूलपुर में ही कहीं छिपा कर रखा है। 


प्रयागराज के फूलपुर से आई पुलिस ने प्रतापगढ़ की स्थानीय पुलिस को बिना साथ लिए सीधे भुक्तभोगी बाबूलाल गुप्ता के घर में जिस तरह दिन दहाड़े दबिश देकर उनके लड़के राहुल गुप्ता और बेटी साधना गुप्ता को अपने चार पहिया वाहन से फूलपुर ले गए। पीछे-पीछे वह भी अपने अधिवक्ता अरविन्द कुमार पाण्डेय के साथ अपने दूसरे बेटे सुशील कुमार गुप्ता के साथ फूलपुर अपनी लड़की की ससुराल भुमई हुसामगंज कोड़ापुर पहुँचा तो देखा कि जो मोटरसाइकिल चोरी हुई बताई जा रही है, वह अजय गुप्ता के घर पर अमरुद के पेड़ के नीचे खड़ी है। पुलिस भी साथ में मौजूद रही। इस तरह तय हो गया कि अजय गुप्ता बिना मोटरसाइकिल चोरी हुए ही मनगठंत झूठी रिपोर्ट राहुल गुप्ता पर दर्ज कराई है, जो विधि विरुद्ध है। अजय गुप्ता, संजय गुप्ता और प्यारेलाल गुप्ता चाहते हैं कि प्रार्थी और उसके पूरे परिवार को झूठे मुकदमें में फंसाकर परिवादिनी साधना गुप्ता को घर से निकलने के लिए विवश हो जाये। 


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