उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव-2022के पहले योगी सरकार माफियाओं की कमर तोड़कर जनमानस में संदेश देना चाहती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं, परन्तु अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों के आगे नहीं बढ़ सकी कथित कार्रवाई
अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों के आगे नहीं बढ़ सकी कथित कार्रवाई |
एक लाख का इनामी शराब माफिया सुधाकर सिंह को STF नाटकीय ढंग से गिरफ्तार करके प्रतापगढ़ पुलिस को सौंप देती है,प्रतापगढ़ पुलिस बिना प्रेस कांफ्रेंस किये माफिया सुधाकर सिंह को चुपचाप जेल भेजकर मामले को दबा दिया, वही हाल शराब माफिया राजू सिंह और गुड्डू सिंह का भी रहा ! मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी पर ठाकुरवादी होने का लग रहा है,आरोप ! क्योंकि वाराणसी के माफिया बृजेश सिंह, जौनपुर के धनंजय सिंह, फैजाबाद के अभय सिंह, सुल्तानपुर के सोनू और मोनू सहित प्रतापगढ़ के रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" पर कार्रवाई न करने से उठ रहे हैं,सवाल...!!!
आबकारी अधिनियम में संशोधन कर करवा दिया है,फांसी तक की सजा का प्रावधान |
लखनऊ। आम शराब उपभोक्ताओं के जीवन से खिलवाड़ करने वाले शराब माफियाओं के लिये योगी सरकार ने काल का रूप अख्तियार कर लिया है। सीएम योगी के इस रुख से अब सूबे के शराब माफियाओं के महकमों में हड़कम्प है। मुख्यमंत्री योगी जहरीली शराब (Zehrili Sharab) से होने वाली मौतों पर रोक लगाने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन कर फांसी तक की सजा का प्रावधान करवा दिया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है। अन्यथा अब तक आबकारी अधिनयम के तहत शराब माफिया को फांसी की सजा सुनाए जाने का प्रावधान नहीं था। एक लाख का इनामिया सुधाकर सिंह राजधानी लखनऊ में मौज से घूमता रहा और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे तलाशती रही। ऐसे ही शराब माफिया गुड्डू सिंह भी इनाम घोषित होने के बाद फिल्मी अंदाज में पुलिस को चकमा देकर पुलिस के आला अफसर पर आरोप लगाते हुए प्रतापगढ़ अदालत में सरेंडर कर दिया यातायात की सुरक्षा के दृष्टिगत #UPCM श्री @myogiadityanath जी ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर 04 नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना के आदेश दिए हैं। @spgoyal @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/N1bR9Zh8BG
।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शराब माफियाओं पर कहर बनकर टूट रही है। योगी सरकार ने लोगों की जान से खेलने वाले करीब 600 शराब माफियाओं को चिन्हित किया है। वहीं अब तक 3400 मुकदमे दर्ज कर 534 से ज्यादा शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं प्रदेश के 11 माफियाओं की प्रॉपर्टी जब्त भी की गई है। सरकार से मिले आंकड़े के मुताबिक अब तक 101 शराब माफियाओं की 13 करोड़ से ज्यादा कीमत की संपत्ति जब्त की है। वहीं 367 पर गैंगस्टर एक्ट लगातर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वहीं 162 माफियाओं पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। 196 की हिस्ट्रीशीटर फिर से ओपन की गई है। इनमें दो के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। उधर, 154 शराब माफियाओं को अब तक जेल भेजा जा चुका है। प्रतापगढ़ में करोड़ों रुपये की अवैध नकली शराब पकड़ी गई और पुलिस और आबकारी विभाग सहित स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत का खेल उजागर हुआ था। परन्तु मामला क्षत्रियों से जुड़ा रहा सो योगी सरकार में उनके साथ नरमी बरती गई। अभी तक दूसरे जाति से ये शराब माफिया होते तो योगी जी की पुलिस उन्हें ठिकाने लगा चुकी होती।
फांसी तक की सजा का प्रावधान यूपी में पहली बार आबकारी अधिनियम में संशोधन कर फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए एक्शन में हैं। पुलिस अब तक 162 शराब माफियाओं पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई कर चुकी है। सिर्फ 12 दिनों में 1051 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 29 के वाहन जब्त कर लिए गए हैं। सरकार ने अलीगढ़ में शराब माफियाओं से 70 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। आबकारी विभाग के एक अभियान के तहत 26 अगस्त से 5 सितंबर तक शराब माफियाओं पर 2807 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके साथ ही 73,660 लीटर अवैध शराब भी जब्त की गई है। अवैध शराब माफियाओं पर योगी सरकार का चाबुक लगातार जारी है। सरकार मासूम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले शराब माफियाओं को बख्शने के बिल्कुल भी मूड में नहीं है। यही वजह है कि लगातार ताबड़तोड़ एक्शन लिए जा रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें