तवादले हुए जिले के दरोगाओं द्वारा बैकडेट में आरोप पत्र और फाइनल रिपोर्ट लगाकर धन कमाने का खेल खुलेआम खेला जा रहा है। साथ ही ईमानदार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल की छवि को भी ये तवादले वाले सब-इंस्पेक्टर कर रहे हैं,बदनाम
भविष्य में होने वाले चुनाव को देखते हुए एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए जिले के डेढ़ दर्जन एसआई को कप्तान ने इधर से उधर किया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किए गए ट्रांसफर के बाद भी अभी तक किसी भी एसआई ने अपना थाना नहीं छोड़ा। वर्षों से थाने के हल्को में तैनात दरोगाओं से मलाई काटने के चक्कर में थाने का मोह नहीं छूट रहा है। ज्ञात हो कि ट्रांसफर का आदेश मिलने के बाद हल्के में तैनात दरोगाओं ने वसूली अभियान तेज कर दिया है। सारे पेंडिंग कार्य युद्ध स्तर पर निपटाए जा रहे हैं। सभी पुराने कार्यों का रेट फिक्स कर दिया गया है। पुलिस की दलाली करने वाले इस समय खुश हैं। उनकी 20 अंगुलियाँ देशी घी में हैं। दलालों के माध्यम से सारे कार्य निष्पादित हो रहे हैं। इस तरह ईमानदार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल की छवि को भी ये तवादले वाले सब-इंस्पेक्टर बदनाम कर रहे हैं।
तवादले हुए जिले के दरोगाओं की बात करें तो सबसे अधिक उनका ध्यान दर्ज मुकदमों की विवेचनाओं में है। वादी और प्रतिवादी दोनों से धन वसूली का अभियान छेड़ रखा है। बैकडेट में आरोप पत्र और फाइनल रिपोर्ट लगाकर धन कमाने का खेल खुलेआम खेला जा रहा है। अपना अवैध वसूली अभियान ट्रांसफर के बाद भूखे शेर की तरह नजर आने लगे हैं। दरोगा जी मोटी रकम की एवज में तेजी से गैर कानूनी कार्य किये जा रहे हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी एसपी साहब अपने ही आदेश का अनुपालन नहीं करा पा रहें हैं। तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल के सामने आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जो कानून व्यवस्था के मद्देनजर किये गए ट्रांसफर आदेश का अनुपालन करवाने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं।
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