बेल्हा में नकली शराब के सेवन से जब दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है,परन्तु अपने फायदे के लिए विभाग के आला अफसर और शराब के ठेकेदार नियम-कानून को ताख पर रखकर उपरी कमाई का नया तरीका खोज निकाला है
![]() |
नकली शराब के सेवन से अब तक सैकड़ों लोगों की हो चुकी हैं,मौते... |
प्रतापगढ़। आबकारी विभाग को चुस्त दुरुस्त करने के लिए शासन कई नए अधिनियम पारित किए, परन्तु विभाग के अफसर उसे क्रियान्वित नहीं होने देते। अपने फायदे के लिए सारे नियम-कानून ताख पर रख देते हैं। बेल्हा में नकली शराब के सेवन से जब दर्जन भर से अधिक लोगो की मौत हो गयी, तब शासन ने कई अफसरों पर गाज गिरा दी थी। शासन की जांच में आया कि पुलिस व आबकारी विभाग की जुगलबंदी से सरकारी ठेकों से नकली शराब की बिक्री हो रही थी। शासन के एक्शन लेने पर जब नकली शराब की बिक्री पर रोक लगी तो कमाई का दूसरा रास्ता निकाल लिया गया। ओवर रेटिंग के जरिये प्रति माह 1 करोड़, 17 लाख, 60 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई करके आबकारी व अनुज्ञापी मालामाल हो रहे हैं। जनपद में 237 दुकानें देशी शराब की है। इन दुकानों से प्रति माह 11 लाख, 76 हजार पौवा देशी शराब बेचने की बाध्यता है।
प्रत्येक शराब की दुकान पर दस रुपये अतिरिक्त लेकर एक पौवे की बिक्री की जा रही है। 70 का पौवा 80 में बिक रहा है। इस तरह से ओबर रेटिंग से 1 करोड़, 17 लाख से अधिक की कमाई केवल देशी शराब से हो रही है। इसी तरह जिले में 81 दुकाने अंग्रेजी तथा 67 दुकाने वियर की है। इन दुकानों पर अधिक दामों पर शराब बेंची जा रही है। ब्लेंडर प्राइड का क्वाटर 230 का है, परन्तु 250 में बेचा जा रहा है। आर सी विस्की 170 की है, परन्तु 200 में बेचा जा रहा है। रॉयल 170 के बजाय 200 में बेचा जा रहा है। 20 से 30 रुपया प्रति क्वाटर ओबर रेटिंग के जरिये अतिरिक्त कमाई की जा रही है। इसी तरह वियर की कैन 110 के बजाय 120 में बेची जा रही है। कुल मिला कर मोटा-मोटा ओवर रेटिंग से डेढ करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई आबकारी विभाग व अनुज्ञापी मिलकर कर रहे है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें