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बुधवार, 15 सितंबर 2021

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर योगी आदित्यनाथ जी का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ, विधानसभा चुनाव-2022 को शांतिपूर्वक हो जाने दीजिए, मुख्यमंत्री तो वही बनेगा, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी चाहेगें

आजकल उत्तर प्रदेश में कला और पेंटिंग का बोलबाला है कलाकार को बुक कराओ 5 लाख रुपया दो और मनचाही पोस्टिंग लो 


आईपीएस राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाकर पीएम मोदी ने यह भी बता दिया कि मैं भारत का एकमात्र प्रधानमंत्री हूं जो जनता द्वारा दी गई असीम शक्ति का प्रयोग करने की क्षमता रखता हूं 


पीएम मोदी और सीएम योगी में अभी रार बाकी है...

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खड़ाऊँ, आसन और चटाई की दंडवत नौकरशाहों के लिए वरदान साबित हुई है। यही दंडवत कुछ नौकरशाहों के सिर चढ़कर बोल रही है। साधु, संत, महंत से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ की खड़ाऊँ, आसन और चटाई इतना ताकतवर है कि उनकी दंडवत करने वाले अधिकारियों की चांडाल चौकड़ी जो मन में आया, वही कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस ओ पी सिंह को खुद फोन करके उत्तर प्रदेश में उन्हें पुलिस महानिदेशक बनाने की सूचना दी थी, लेकिन खड़ाऊ, चटाई, आसन गैंग को यह रास नहीं आया और उन्होंने ओपी सिंह को निपटाने का प्लान बनाया। 


जब ओपी सिंह ने मुख्यमंत्री को उनके इर्द-गिर्द चाटुकारिता कर रहे नौकरशाहों के बारे में बताया तो मुख्यमंत्री ने ओ पी सिंह एवं अवनीश अवस्थी को बुलाकर यह कहकर अपना पीछा छुड़ा लिया कि आप लोग आपस में तालमेल बनाकर काम करें। ओपी सिंह बड़े आईपीएस अफसर थे, बड़ी-बड़ी पोस्टों पर रहे थे। वह समझ गए कि मुख्यमंत्री के ऊपर खड़ाऊ, चटाई, आसन भक्ति करने वालों का असर है। इसलिए वह अपना कार्यकाल पूरा करके निकल गए। वे चाहते तो अपना कार्यकाल और भी बढ़वा सकते थे या रिटायरमेंट के बाद किसी पोस्ट पर लग सकते थे, लेकिन उन्होंने जो माहौल देखा उस माहौल से बचकर निकलना ही अच्छा समझा। 


उसके बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी बनकर आए, हितेश अवस्थी ! हालांकि हितेश अवस्थी और अवनीश अवस्थी आपस में रिश्तेदार बताए जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के आसपास चाटुकारिता करने वालों की कारगुजारियों को देखकर उन्होंने भी अपना कार्यकाल पूरा किया और चलते बने। जिस राज्य में कला और पेंटिंग की खरीद-फरोख्त के माध्यम से पुलिस महकमे के ट्रांसफर पोस्टिंग हो रहे हो ! वहां कोई भी आईपीएस डीजीपी बनकर नहीं रहना चाहता। जो भी अधिकारी वरिष्ठ पद पर बैठता है, वह कार्य में विश्वास रखता है, चाटुकारिता में नहीं ! चाटुकार नौकरशाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रातः जाकर उठाते हैं और दिन भर उनको भारत का प्रधानमंत्री बनाने का सपना दिखाते हैं फिर रात्रि में ही उन्हें शयनकक्ष तक छोड़ते हैं। 


इन्हीं सब कारगुजारियों के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह एवं योगी आदित्यनाथ के बीच अभी हाल ही में टकराव की स्थिति बन गई थी। उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक है, कहीं चुनावी वैतरणी में कोई खलल न पड़ जाए। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीच-बचाव कर योगी आदित्यनाथ को बचा लिया लेकिन योगी आदित्यनाथ उन्हीं चाटुकारों के सहारे हिन्दूवादी सम्राट बनकर पूरे देश पर छा जाने का सपना देख रहे हैं। मुख्यमंत्री के चाटुकार नौकरशाहों को पूरा विश्वास था कि वह अपनी चरण वंदना करने वाले अधिकारी को उत्तर प्रदेश का डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बनवा ले जाएंगे लेकिन जिन्होंने योगी आदित्यनाथ को बचाया, उन्होंने ही मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश का डीजीपी बनाने की पैरोकारी कर उनको उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनवा दिया।


जब चाटुकार नौकरशाहों का अपना पालतू डीजीपी नहीं बन पाया तो उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अनर्गल सूचनाएं देना शुरू कर दी। इंटेलिजेंस का काम उत्तर प्रदेश की सूचनाएं देने का होता है लेकिन इंटेलिजेंस, पुलिस मुख्यालय में क्या हो रहा है ? किसका ट्रांसफर हो रहा है ? कौन दरोगा कहां लगाया जा रहा है ? इसकी झूठी सूचनाएं देकर मुख्यमंत्री को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। मुकुल गोयल को लगे हुए अभी चंद महीने ही हुए हैं, उन्हें मुस्लिम परस्त बताकर गुमराह किया जा रहा है।इतना ही नहीं मुख्यमंत्री को यह भी भरमाया जा रहा है कि जहां-जहां डीजीपी मुख्यालय से ट्रांसफर पोस्टिंग हो रही है, उससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। 


जबकि सच्चाई सारे उत्तर प्रदेश को पता है। आजकल उत्तर प्रदेश में कला और पेंटिंग का बोलबाला है कलाकार को बुक कराओ 5 लाख रुपया दो और मनचाही पोस्टिंग लो इतना ही नहीं, जो पढ़ने लिखने वाले बच्चे पेंटिंग बनाते हैं उनसे पांच, दस हजार रुपए में पेंटिंग खरीद कर अपने नाम का चस्पा कर उसे पांच लाख रुपये में बेचा जा रहा है। गजब होती है खड़ाऊ, चटाई और आसन की दंडवत ! यहीं से मिल रही है, नौकरशाहों को असीम ताकत ! लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर हालत में उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतना है। इसलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव की कमान कृष्ण रूपी नरेंद्र मोदी बनकर अपने हाथ में लेकर साथ में अर्जुन अमित शाह के साथ खुद ही मोर्चा सम्भालने का निर्णय लिया है। 


मोदी को उत्तर प्रदेश चुनाव का मोर्चा संभालते ही भारत सरकार की गुप्तचर एजेंसियां उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो गई हैं। लगभग 60 आम सभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कराने की रूपरेखा बनाई जा रही है। इसके अलावा इतनी ही चुनावी आमसभा गृहमंत्री अमित शाह की होगी। जैसे ही चुनाव आचार संहिता लगेगी, मुख्यमन्त्री के सभी जादूगर नौकरशाही को झंडू बाम बनाया जाएगा। कुछ को तो निलंबित करके उनके घर बैठा दिया जाएगा। पेंटिंग और कला की जांच होगी जो महिला कल तक मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की चहेती कुसुम राय का बाल संभाल कर चुटिया करती थी, आखिर वह महिला उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कलाकार और सबसे बड़ी पेंटिंग विक्रेता कैसे बन गई ?


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिसने योगी जी को केवल इसलिए अभयदान दिलाया, क्योंकि हाल ही में होने वाले चुनाव में कहीं कोई खलल ना पड़ जाए। संघ भी मुख्यमंत्री योगी के चाटुकार नौकरशाहों की कारगुजारियों से बहुत परेशान है। मुख्यमंत्री के आसपास हो रही कारगुजारियों से वहां के विधायक, संघ और भाजपा के सारे पदाधिकारी परेशान हैं। जब भी कोई मुख्यमंत्री को इस बारे मे कहने की कोशिश करता है तो मुख्यमंत्री उस जनप्रतिनिधि की बात को अनसुना कर देते हैं और उसे अपना विरोधी मान लेते हैं उन्हें भी हाईकमान को शिकायत करने के बाद समय का इंतजार करने के लिए कहा गया है। कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कार्य करने की क्षमता को जानते नहीं हैं। 


आईपीएस राकेश अस्थाना को डायरेक्टर सीबीआई बनाने का उनका लक्ष्य केवल इसलिए चूक गया कि वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने यह कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट के हुए फैसले के अनुसार राकेश अस्थाना सीबीआई डायरेक्टर नहीं बन सकते। प्रधानमंत्री ने खून का घूंट पीकर अपने दूसरे भक्त नौकरशाह को डायरेक्टर सीबीआई तो बना दिया, लेकिन बाद में राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाकर यह भी बता दिया कि मैं भारत का एकमात्र प्रधानमंत्री हूं जो जनता द्वारा दी गई असीम शक्ति का प्रयोग करने की क्षमता रखता हूं। सबसे मजे की बात है, जब प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मामला उठाया तो मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने अदालत में यह कहकर किनारा कर लिया कि मैं इस बारे में अपनी एक बार टिप्पणी कर चुका हूं अब मैं इस मामले से अपने आप को अलग करता हूं। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चाटुकार नौकरशाहों को पता नहीं है कि मुकुल गोयल को किसकी सिफारिश पर उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बनाया गया है। उनका कार्यकाल 2024 तक है। उससे पहले वह सर्वोच्च एजेंसियों पर सवारी कर सकते हैं। तब चाटुकार खड़ाऊं पूजन करने वालों का क्या हाल होगा ? वह केवल अमिताभ ठाकुर पूर्व आईपीएस को ही देख कर ज्ञान ले लें, इतना ही काफी है। जब अवनीश अवस्थी की कहीं नहीं चली तो फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पीआईएल प्रस्तुत की गई देखना यह है कि अब अवनीश अवस्थी की लॉबी हाईकोर्ट का सहारा लेकर क्या गुल खिलाना चाहती है ? सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतकर सरकार बनाने का है। वह अभी इधर उधर शक्ति लगाकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते। उसके बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? प्रधानमंत्री किसको चाहते थे ? किस नौकरशाह को त्यागपत्र दिलाकर उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया ? सब जानते हैं उत्तर प्रदेश का चुनाव शांतिपूर्वक हो जाने दीजिए, मुख्यमंत्री तो वही बनेगा जिसे पीएम नरेंद्र मोदी चाहेगें। 


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