हत्या और आत्महत्या में उलझ गई,महंत नरेन्द्र गिरी की मौत, कुछ दिन पहले शिष्य आनन्द गिरी से हुआ था जमकर महंत नरेन्द्र गिरी में विवाद...
प्रयागराज हनुमान मंदिर के महंत एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या की खबर को उनके जानने वाले नहीं कर पा रहे हैं,हजम
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो) |
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। उनका शव अल्लापुर बाघंबरी गद्दी स्थित कमरे से बरामद किया गया है। आईजी केपी सिंह सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। यह हत्या है या आत्महत्या, इसके पीछे के कारणों का खुलासा अभी नहीं हो सका है। संगम क्षेत्र में किले के पास लेटे हुए हनुमान जी के सेवक महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज नहीं रहे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन की खबर सोशल मीडिया में जंगल में आग कि तरह फैल गई। उनकी मौत की वजह का अब तक पता नहीं चल सका है। उनका शव अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि देश भर में अपने बयान से सुर्खियों में रहते थे।
आईजी रेंज प्रयागराज केपी सिंह ने बताया कि वह मौके पर पहुंच गए हैं।फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। संतो की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महराज की 20 सितंबर, 2021 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ परिसर में उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। महंत नरेन्द्र गिरी की मौत होने की अधिकारिक पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने कर दी है। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। उनके शव को फांसी के फंदे पर लटते हुए अल्लापुर स्थित बाघंबरी गद्दी के कमरे में मिला। उन्होंने आत्महत्या की या फिर किसी ने हत्या करके शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया। पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।
फिलहाल मृत्यु के कारणों पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। अधिकारी भी संदिग्ध मौत बता रहे हैं। मठ पर आवाजाही रोक दी गई है। आला अधिकारी मठ पहुंच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने आत्महत्या की है। पुलिस प्रशासन भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मौत की असल वजह के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मठ पर फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया। नरेंद्र गिरी अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहे हैं। कल सुबह ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि वह लगातार तनाव में रह रहे थे। अपने शिष्य आनंद गिरी से उनका पुराना विवाद भी चल रहा था। पिछले दिनों उन्होंने आनंद गिरी को मठ से अलग कर दिया था। हालांकि बाद में सुलह हो गई थी। नरेंद्र गिरी के निधन की खबर आते ही संत समाज के साथ ही राजनीतिक दलों में भी शोक की लहर दौड़ गई है।
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