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शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

चालाक चेले आनन्द गिरी की अरबों रूपये की सम्पत्ति पर नजर गड़ गई थी, जिसकी वजह से गुरु चेले में शुरू हुआ था,विवाद

आइए जाने किस राज्य में कहां-कहां कितनी संपत्ति अखाड़ा के पास रही...???


आनंद गिरी के जलवे, सड़क पर बाइक स्टंट करते हुए...

प्रयागराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि (70) की मौत के बाद हर दिन एक नई जानकारी सामने आ रही है। नरेंद्र गिरि के पास यूपी समेत 4 राज्यों में आकूत संपत्ति का मालिकाना हक रहा है। निरंजनी अखाड़ा और बाघंबरी गद्दी की करीब 3 हजार करोड़ की संपत्ति होने का अनुमान है। शिष्य आनंद गिरि पर नरेंद्र गिरि को परेशान करने और अखाड़े की संपत्ति बेचने का आरोप लगा था। इसे लेकर गुरु-शिष्य के बीच काफी समय तक विवाद चला और फिर बाद में सुलह हो गई थी। गुरु-शिष्य में प्रयागराज की संपत्ति को लेकर सबसे ज्यादा विवाद होता रहा है। निरंजनी अखाड़ा 900 साल और बाघंबरी गद्दी 300 साल पुरानी है। नरेंद्र गिरि श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़े के महंत और सचिव भी रहे हैं।  


कभी गुरु नरेन्द्र गिरी और शिष्य आनंद गिरी ऐसे बैठकर करते थे,मंथन 

गुरु और शिष्य के बीच मनमुटाव होने की वजह अरबों रूपये के साम्राज्य की तो नहीं रही...???


1-  प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में बाघंबरी गद्दी और मठ है जो करीब 5 से 6 बीघा जमीन में है। यहां निरंजनी अखाड़े के नाम एक स्कूल और गौशाला भी है। संगम से सटे दारागंज इलाके में भी अखाड़े की जमीन है।

2-  मांडा (प्रयागराज) में 100 बीघा और मिर्जापुर के महुआरी में भी 400 बीघा से ज्यादा की जमीन बाघंबरी मठ के नाम है। इनके अलावा मिर्जापुर के नैडी में 70 और सिगड़ा में 70 बीघा जमीन है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रयागराज और आसपास के इलाकों में निरंजनी अखाड़े के मठ, मंदिर और जमीन की कीमत 300 करोड़ से ज्यादा की है, जबकि हरिद्वार और दूसरे राज्यों में संपत्ति की कीमत जोड़ें तो वो तीन हजार करोड़ के आसपास की है।

3-  कुंभ नगरी उज्जैन और ओंकारेश्वर में निरंजनी अखाड़े की 250 बीघा जमीन, आधा दर्जन मठ और दर्जन भर आश्रम हैं। कुंभ नगरी नासिक में 100 बीघा से अधिक जमीन, दर्जनभर आश्रम और मंदिर हैं।

4-  बड़ौदा, जयपुर, माउंट आबू में भी करीब 125 बीघा जमीन, दर्जनभर मंदिर और आश्रम हैं। हरिद्वार स्थित मुख्यालय के अधीन कई मठ-मंदिर हैं। नोएडा में मंदिर और 50 बीघा जमीन है। वाराणसी में मंदिर और करोड़ों की जमीन है।


गुरु नरेन्द्र गिरी पर शिष्य आनंद गिरी ने 40करोड़ की संपत्ति बेंचने का लगाया था,आरोप 

चार महीने पहले महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि उन्होंने बाघंबरी गद्दी की 8 बीघा जमीन बेची थी और उसका हिसाब कोर्ट में दिया गया है। वहीं अखाड़े से निष्कासन के बाद नाराज शिष्य आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि वर्ष-2012 में नरेंद्र गिरि ने गद्दी की 8 बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक महेश नारायण सिंह और उनके पार्टनर शैलेन्द्र सिंह को 40 करोड़ रुपए में बेच दी थी। यह जमीन बाघंबरी गद्दी का दक्षिणी तरफ का भू-भाग रहा।गुरु और चेले में बाघंबरी गद्दी को बेंचने को लेकर मनमुटाव शुरू हुआ तो दोनों के मन में बात घर कर गई। बाघंबरी गद्दी को बेंचने के बाद शिष्य आनन्द गिरी के कहने पर गुरु नरेन्द्र गिरी ने विधायक महेश नारायण सिंह और उनके पार्टनर शैलेन्द्र सिंह के बीच लड़ाई हुई थी और बाघंबरी गद्दी की बिकी हुई जमीन को चिन्हित करने और उस उस पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच कई राउंड फायरिंग भी हुई थी। उसका भी सूत्रधार यही आनंद गिरी ही रहा।   


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