मछली विक्रेता इम्तियाज उर्फ कल्लू प्रतापगढ़ के आतंकी का सम्बन्ध अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसके गुर्गों से निकलने के बाद प्रतापगढ़ का स्थानीय जाँच एजेंसी (LIU) और देश के बड़ी एजेंसी आईबी के अधिकारियों के होश उड़े
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उत्तर प्रदेश के तीन नापाक चेहरे... |
अंडरवर्ड माफिया दाउद इब्राहिम भले ही भारत छोड़कर मुस्लिम कन्ट्री में रहने लगा, परन्तु मुंबई सहित भारत में अपने आतंक को बढ़ाने में दाउद बकायदा प्रशिक्षण सहित असलहों की ब्यवस्था और फंडिंग की पूरी ब्यवस्था देखता है। दाउद से जुड़े माफिया समीर कालिया ने कई शहरों में अपना नेटवर्क बना रखा है। प्रतापगढ़ का इम्तियाज उर्फ कल्लू भी माफिया समीर कालिया के संपर्क में था, जिसकी गिरफ्तारी प्रतापगढ़ से ATS ने की है। प्रतापगढ़ से पकड़े गए इम्तियाज से हुई एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (ATS) की पूछताछ में कई मामले सामने खुलकर आये हैं।
वहीं प्रतापगढ़ से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी इम्तियाज उर्फ कल्लू के परिजनों ने बताया कि रायबरेली से पकड़े गए मूलचंद उर्फ लाला का ननिहाल प्रतापगढ़ के महेशगंज थाना क्षेत्र के डिहवा जलालपुर गाँव में है, बचपन से ही लाला और इम्तियाज का गहरा याराना है और मूलचंद उर्फ लाला अपने ननिहाल में आता-जाता रहता था। इम्तियाज उर्फ कल्लू के परिजनों ने बताया कि मूलचंद उर्फ लाला के साथ उनके कोई संबंध नही थे, वह यहाँ पर अपने ननिहाल के रिश्ते से आता-जाता था। इसलिए दोनों से दोस्ती हुई। परन्तु आतंकियों से संबंध के बारे में पूछने पर कोई जानकारी नहीं होना बताया है।
आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद दाउद की डी कंपनी और पाकिस्तान की खुपिया एजेंसी आईएसआई को तमाचा लगा है। पाकिस्तान में बैठा भारत का भगोड़ा दाऊद इब्राहिम मुंबई हमले जैसी ही खौफनाक वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। पकड़े गए आतंकियों में दो को पाकिस्तान के उसी थट्टा इलाके में ही हथियारों की ट्रेनिंग दी गई थी, जहां मुंबई अटैक के पकड़े गए आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को ट्रेंड किया गया था। उनकी ट्रेनिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की देखरेख में हुई।
यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा प्रतापगढ़ का इम्तियाज उर्फ कल्लू मुंबई के माफिया समीर कालिया के लिए काम करता था। एटीएस द्वारा की गयी पूछताछ में यह बात सामने आयी है। इम्तियाज प्रतापगढ़ जिले के महेशगंज थाना क्षेत्र के जलालपुर डिहवा लरू का रहने वाला है। जानकारी मिली है कि वह मुंबई में सिलाई का काम करने गया था। इसी दौरान वह माफिया समीर कालिया के संपर्क में आ गया। फिर वह आतंकियों को असलहा और बारुद पहुंचाने का काम करने लगा। एटीएस के अफसरों को इनपुट मिले थे कि यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले सीरियल ब्लास्ट की योजना है। यह ब्लास्ट ऐसे मौके पर किया जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूपी के दौरे पर रहें। इन आतंकियों के इरादे बहुत ही खतरनाक होते हैं। इसीलिए इन्हें देशद्रोही कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा में पीएम मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी जनसभाएं कब और किस स्थल पर होंगी इसकी रूपरेखा सुरक्षा एजेंसियां अभी से तैयार करने में जुट गई हैं। सर्व प्रथम 14 सितंबर, 2021 को पीएम मोदी के यूपी दौरे को लेकर एटीएस ने छानबीन शुरू की थी। उसी छानबीन में इन छह संदिग्धों को एटीएस ने पहले चिन्हित किया और अपने बिछाए जाल में उन्हें धर दबोचा। अभी तक पकड़े गए आतंकियों में राजधानी लखनऊ के आलमबाग से मो. आमिर जावेद, रायबरेली के ऊंचाहार से मूलचंद श्रीवास्तव, रायबेरली से जमील, प्रतापगढ़ से इम्तियाज उर्फ कल्लू, प्रयागराज के करेली से जीशान और ताहिर उर्फ मदनी को गिरफ्तार किया गया है। आतंकियों की गिरफ्तारी से इलाके में सन्नाटा पसर गया। लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि देखने में सीधे साधे लोग किसकी संगत में आतंकी बन जाते हैं ?
खुफिया इकाई एटीएस को आशंका है कि यह संदिग्ध अंडरवर्ल्ड के इशारे पर यूपी में सीरियल ब्लास्ट करना चाह रहे थे। इनकी योजना लखनऊ, प्रयागराज और रायबरेली के साथ प्रतापगढ़ में सीरियल ब्लास्ट करने की थी। पूरे मामले की हो रही छानबीन के सम्बन्ध में अभी तक यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि आतंकी गतिविधियों में जुड़े लोगों की छानबीन की जा रही है। संदिग्धों के पास से बरामद सामग्री और उनके संबंधियों पर भी नजर रखी जा रही है। अभी इसके तार और जगहों से जुड़े हो सकते हैं। इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुछ बताना अभी ठीक नहीं होगा। देश में कई राज्यों में चुनाव होने हैं और आतंकी गतिविधि से जुड़े देश के गद्दारों के इरादे ठीक नहीं है वे देश के अंदर दहशत पैदा करना चाहते हैं। परन्तु उनके इरादों को नेस्तनाबूत कर दिया गया। आगे भी आतंकियों के इरादे को फलीभूत होने नहीं दिया जाएगा।
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