समझ में नहीं आता आखिर क्या चाहते हैं,प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल...???
प्रतापगढ़ थाना संग्रामगढ़ जहाँ वारंटी को धन लेकर छोड़ दिया जाता हैं... |
संग्रामगढ़ थाना में एक गैर जमानत वारंटी को बीट का सिपाही पकड़ कर थाने लाया था। थाने पर दिन भर की सौदेबाजी के बाद शाम को मोटी रकम देकर स्थानीय ब्यक्ति की सुपुर्दगी में थाने से बिना किसी चालान और मेडिकल मोयना कराये ही वारंटी लल्लन पटेल को छोड़ दिया। आरोपी लल्लन पटेल पुत्र ननकू पटेल निवासी-कोडरखुर्द पर अवैध शराब के कारोबार समेत अन्य कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों की मानें तो संग्रामगढ़ पुलिस पर आयेदिन किसी न किसी को वारंटी बताकर लोगों को उठाती हैं और शाम तक मोटी रकम लेकर छोड़ देती हैं। न्यायालय के आदेश की सौदेबाजी करके न्यायालय को भी गुमराह करने से संग्रामगढ़ पुलिस नहीं बाज आ रही हैं। महेशगंज थानाध्यक्ष के पद पर रहते हुए भी अमित सिंह धन उगाही को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चित रहे हैं। अब देखना यह हैं कि सौदेबाज थानाध्यक्ष संग्रामगढ़ अमित सिंह पर प्रभावी कार्यवाही होती हैं या फिर से धन उगाही के लिए मिलेगा जिले का कोई दूसरा थाना।
प्रतापगढ़ के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल... |
संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के बसोय गाँव भटनी में 12 वर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ उस ब्लात्कार की घटना हुई जब वह अपने पड़ोसी अक्षय के साथ बकरी चराने गई थी। घर लौटी नाबालिक लड़की अपनी माँ से अपने साथ घटित घटना की कहानी बताई तो पीड़िता की माँ अक्षय के घर शिकायत करने गई जहाँ अक्षय का चाचा नागेश आ गया और वह पीड़िता की माँ को ही भला बुरा कहा और धक्का देकर भगा दिया। भद्दी-भद्दी गाली देते हुए नागेश ने कहा कि अब इस बात की चर्चा कहीं मत करना वर्ना ठीक न होगा। तहरीर पड़ने के बाद संग्रामगढ़ पुलिस मुकदमा लिखने से बचती रही। पीड़िता और उसकी माँ से संग्रामगढ़ पुलिस ने इज्जत की दुहाई देकर थाना से लौटा दिया।दुराचार की घटना से संग्रामगढ़ पुलिस की पोल खुल गई है। पड़ोसी युवक द्वारा बकरी चराने गई नाबालिक बच्ची के साथ दुराचार की घटना से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। परन्तु संग्रामगढ़ थानाध्यक्ष अमित सिंह पर उसका कोई फर्क नहीं है। ऐसे में संग्रामगढ़ पुलिस के इकबाल पर सवाल उठ रहा है।
सिर्फ महिला हेल्प डेस्क लिख लेने से नहीं बन जाती बात,दुराचार का नहीं दर्ज हुआ मुकदमा... |
प्रतापगढ़ जनपद अपराध और अपराधियों से जाना जाता है। साथ ही प्रतापगढ़ पुलिस उन अपराधियों पर अंकुश लगाने के बजाय उनकी आवभगत के लिए चर्चा में रहती है। अपराध पर नियंत्रण के लिए तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल दिन रात हैरान व परेशान हैं तो उनके थानाध्यक्ष/इंस्पेक्टर नए-नए कारनामें करने में मस्त हैं। ऐसा ही एक मामला संग्रामगढ़ थानाध्यक्ष अमित सिंह का प्रकाश में आया है। उन पर पैसे लेकर एक गैर जमानती वारंटी को छोड़ने का इल्जाम लगा था। अभी उस कलंक को संग्रामगढ़ थानाध्यक्ष अमित सिंह धो भी नहीं पाए थे कि संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र में किशोरी के साथ हुए दुराचार की घटना ने अंतर्मन को झझकोर कर रख दिया। फिर भी थानाध्यक्ष संग्रामगढ़ अमित सिंह उस पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। फिर भी प्रतापगढ़ के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल मौन हैं।
थानाध्यक्ष संग्रामगढ़ अमित सिंह अपराधियों की गिरफ्तारी के सवाल पर आखिर क्यों चुप्पी साध लेते है ? इसी तरह थानाध्यक्ष अमित सिंह पर पूर्व में पंचायत चुनाव में प्रचार के दौरान भी आरोप लगा था कि रिश्वत लेकर प्रधान प्रत्याशी पर जानलेवा हमला करने जैसे गंभीर मामले में धारा-307 समेत कई धाराओं पर मुकदमा लिखने का गंभीर आरोप लगा था। साथ ही विहिप नेता ओम मिश्र हत्याकांड में शामिल वांछितों के परिजनों को संरक्षण प्रदान करने का भी आरोप लगा था। बड़ा सवाल है कि आखिर पुलिस विभाग की नाक कटवाने वाले ऐसे थानाध्यक्ष पर जिले के आला पुलिस अधिकारी क्यों मेहरबान है ? रिश्वतखोरी की चर्चा-ए-आम होने के पश्चात भी जिले के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल थानाध्यक्ष संग्रामगढ़ अमित सिंह पर कार्यवाही करने से बच रहे हैं। आखिर क्या है, असली वजह ?
संग्रामगढ़ थाना हर समय सुर्खियों में रहता है। मामला चाहे दारू को लेकर रहा हो अथवा गैर जमानती वारंटी के सौदेबाजी का रहा हो ! संग्रामगढ़ थानाध्यक्ष अमित सिंह 50 हजार रूपये से लेकर 20 हजार रूपये तक में सौदेबाजी कर लेते हैं। हिस्ट्रीशीटर लल्लन पटेल के खिलाफ न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। संग्रामगढ़ थाने का हिस्ट्रीशीटर लल्लन पटेल के सम्बन्ध में जब थानाध्यक्ष अमित सिंह से बात किया तो उन्होंने बताया कि लल्लन पटेल को सत्यापन के लिए लाया गया था, सत्यापन के बाद छोड़ दिया गया। लल्लन पटेल थाने का हिस्ट्रीशीटर नहीं है, वह ग्राम प्रधान है। अशोक कुमार सिंह जो वारंटी था जिसे बीट का सिपाही पकड़ कर लाया था, उसे अदालत भेज दिया गया था। कुछ पत्रकार साथी जबरन तिल का ताड़ बनाने में लगे रहते हैं। बिना सिर पैर की बात करते हैं। आज के दौर में व्हाट्सएप के जमाने में सोशल मीडिया पर कुछ भी अनाप सनाप चला दो !
वहीं सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो एक बड़े बैनर के पत्रकार 20 हजार रूपये में लल्लन पटेल को छोड़ने का सौदा तय किये। 5000 पाँच हजार रूपये अपनी जेब में रखे और 15 पंद्रह हजार रूपये संग्राम पुलिस को खिलाये और लल्लन पटेल को छुड़वाने में सफल रहे। योगी जी की पुलिस सौदा करने में माहिर है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि तेज तर्रार एसपी प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल को भी इसकी भनक तक नहीं लगा पाती कि उनका थानाध्यक्ष कौन सा गुल खिला रहा है ? थानाध्यक्ष अमित सिंह का कहना है कि उन्हें भी थानाध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए ऊपर तक धन की ब्यवस्था करके देना पड़ता है। ऐसे में लगता है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सभी जगह भ्रष्टाचार ब्याप्त है। भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उससे निपट पाना आसान ही नहीं नामुमकिन है। हालांकि थानाध्यक्ष अमित सिंह ने बताया बकरी चराने गई 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुराचार का मुकदमा लिख लिया है और पीड़िता का डॉक्टरी मोयना कराने के लिए जिला भेज दिया गया है।
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