"उ.प्र.आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति" के बैनर पर आन्दोलन को स्वास्थ्य, बिजली, एंबुलेंस व परिवहन जैसे अतिआवश्यक सेवाओं के घटक दलों की रहेगी पूर्ण सहभागिता
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संतोष कुमार मिश्र प्रदेश महामंत्री, उ प्र परिवहन संविदा कर्मचारी संघ...
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वर्तमान सत्ताधारी सरकार के पास न तो नीति है और न ही नियति है। आउट सोर्सिंग/संविदा का शोषण जैसा पूर्व सरकारों में चलता आ रहा था, उससे कहीं अधिक वर्तमान सरकार आउट सोर्सिंग/संविदा कर्मियों का शोषण कर रही है। भाजपा सरकार में आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मियों के साथ श्रम कानून का उल्लघंन कर कार्य लिया जा रहा है। आउट सोर्सिंग के माध्यम से बिचौलियों को लाभ का एक बड़ा हिस्सा दिया जा रहा है। आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे लोगों का शोषण हो रहा है। समस्त सरकारी विभागों में नियमित रिक्त पद खाली पड़े हैं।इन नियमित रिक्त पदों पर वर्षों से आउटसोर्सिंग/संविदा के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मी को सरकार समायोजित कर रिक्त पदों की पूर्ति करें। जब तक यह प्रकिया पूर्ण नहीं हो जाती है। सभी आउटस /संविदा कर्मियों को कर्मचारियों न्यूनतम मजदूरी देना चाहिए।
आउटसोर्स/संविदा के शोषण को लेकर मुख्य न्यायाधीशों ने भी कई बार सरकार को सचेत किया है कि यह प्रक्रिया युवाओं के साथ धोखा है। कर्मचारियों के भविष्य की चिंता सरकारों को रखनी चाहिए। वर्तमान केन्द्र सरकार के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा भी वर्ष- 2016 में आउट सोर्सिंग/संविदा अधिकार दिलाओ रैली का आयोजन किया गया था और पूर्व सपा सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार आउट सोर्सिंग और संविदा के उनके अधिकार देने का काम करें। साथ ही समस्त आउट सोर्सिंग/संविदा से वादा भी किया था कि भाजपा सरकार बनते ही आउट सोर्सिंग और संविदा के अधिकार सभी कर्मचारी को मिलेंगे। झूठे वादे कर सरकार बनाना संविदा को उसको अधिकार न देना, यह सब न्यायोचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लगभग समस्त विभागों में आउट सोर्सिंग/संविदा कर्मियों से नियमित कर्मियों की भांति काम लिया जा रहा है, फिर सरकार इनके अधिकार क्यों नहीं देना चाहती है ? भाजपा सरकार अन्तोदय अंतिम व्यक्ति की कहीं जाने वाली सरकार है। इन्हीं के राज्य में एक बड़ा आउट सोर्सिंग/संविदा का तबका शोषण का शिकार हो रहा है। राज्य सरकार के द्वारा समस्त विभागों के नियमित कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी की गई है। वहीं उन्हीं विभागों में कार्यरत आउट सोर्सिंग/संविदाकर्मी महंगाई के आगे मौत के मुंह में खड़े हैं। यह दोहरा मापदंड ठीक नहीं है। प्रदेश में 18 लाख आउट सोर्सिंग/संविदा कर्मी और उनका परिवार इस दोहरे मापदंड का शिकार हो रहा है। इस दोहरे मापदंड से नाराज होकर 7 सितम्बर, 2021 को याद दिलाओ/अधिकार दिलाओ रैली ईको गार्डन आलमबाग लखनऊ में आयोजित है।
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