जब लूट का मुकदमा चार लुटेरों के खिलाफ अज्ञात में दर्ज हुआ तो वादी मुकदमा और पीड़िता से माफी मांगने चारो आरोपी लुटेरे कैसे आये सामने, आइये जाने पूरी कहानी
लूट की शिकार शिक्षिका प्राची पाण्डेय के सामने अज्ञात लुटेरे स्वयं हुए प्रकट...
जनपद प्रतापगढ़ में अपराध पर नियंत्रण न लग पाने का कारण ढूढ़ना होगा। प्रतापगढ़ जनपद उद्योग विहीन जिलों में आता है। यहाँ बेरोजगारी बहुत जबरदस्त है। परन्तु युवाओं के खर्च और आधुनिक फैशन में कोई कमी नहीं दिखती। उदहारण के लिए यह बात समझने में कोई संकोच और झिझक नहीं होनी चाहिये। जिन युवाओं के प्रतिदिन खर्च 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक हैं। ऐसे युवा बिना किसी नौकरी और धंधा किये यदि प्रतिदिन इतना खर्च करते हैं और उनकी घर की माली हालत भी ठीक नहीं होती तो सवाल उठा वह धन कहाँ से आ रहा है ? यक्ष प्रश्न यही है। इस विषय पर न तो पुलिस विभाग के अफसर सोचते हैं और न ही समाज का कथित प्रबुद्ध वर्ग ही सोचता है।
पुलिस को पता नहीं और लूट की शिकार प्राची पाण्डेय का पैर छूकर लुटेरे माँग रहे हैं,माफी
अभी तो ये बात साधारण युवाओं के सन्दर्भ में की है। अब आते हैं, उन युवाओं पर जिनके पास बिन किसी कमाई के एक पिकप वाली डेढ़ से दो लाख रूपये तक की बाइक जिस पर वह सड़कों पर शाम सुबह स्टंट करते दिखते हैं। इन बिगड़े हुए युवा वर्ग की यदि जामा तलाशी ली जाये तो इनके पास से बेहतरीन आधुनिक असलहे पुलिस को मिल सकते हैं। रेस्टोरेंट में बढ़िया नाश्ता और भोजन, शाम को भोजन से पहले चखना और ब्रांड वाली शराब के भी ये युवा शौकीन होते हैं। जब ब्रांड वाली शराब इनकी जेहन में जाती है तो ये किसी नबाब से अपने को कम नहीं आंकते। उस दौरान यदि इनकी किसी से बातचीत हो जाये और बात बिगड़े तो मानिए उसकी सामत आ गई हो।
कुछ बिगड़े युवा सूखे नशे के भी आदी होते हैं। सूखे नशे यानि स्मैक और गांजा पीने के आदि लोग अपने नशे के सामान को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत रखते हैं। किसी की सुपारी भी ले सकते हैं और किसी के साथ डकैती, लूट और छिनैती भी कर सकते हैं। समाज में चोरी, लूट, हत्या और डकैती और छिनैती की घटना को अंजाम ऐसे ही युवा देते हैं। आधुनिक समाज में कुछ युवा अधिवक्ता पुत्र हैं तो कुछ नेता पुत्र हैं। सिर उस समय चक्कर खा जाता है, जब इन युवाओं में अधिवक्ता की डिग्री लेकर कचेहरी में काली कोट पहनकर ऐसे अपराध में संलिप्त हो जाते हैं। कुछ चालाक किस्म के अपराधी मीडिया का बैनर भी थाम चुके हैं। मीडिया और अधिवक्ता की काली कोट की आड़ में घिनौना कार्य किया जा रहा है।
कुछ चालाक किस्म के अधिवक्ता अपराधियों को पनाह देने के लिए मोटी रकम वसूलते हैं। बदले में उन्हें रहने व खाने की ब्यवस्था देते हैं। ऐसे लोग भी समाज में सीना चौड़ा करके कहते हैं कि प्रतापगढ़ में अपराध बहुत बढ़ गया है। पुलिस अपराधियों पर नकेल नहीं कस पा रही है। जिन्हें मेरी बातों पर यकीन न हो वह स्वतः अपनी नजरों से इसकी पुष्टि कर सकता है। आइये आप सबको एक ताजा घटना से रूबरू कराते हैं, जिसमें काली कोट की आड़ में चार युवाओं की संलिप्तता प्रकाश में आई है। प्रतापगढ़ कोतवाली नगर क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ कार्यालय के सामने 4 सितम्बर, 2021 को दिन में सवा एक बजे दिन दहाड़े एक महिला से उसके पति के सामने लूट की गई और पति बेचारा सिर्फ हल्ला गुहार मचाने के सिवा कुछ न कर सका।
पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ के कार्यालय के समीप एक शिक्षिका से लूट करने की नियति से जानबूझकर उसकी चार पहिया की गाड़ी के सामने चार युवा बदमाश आ गए। बगल होने के लिए जब चालक ने हार्न बजाया तो चारों में से तीन बदमाश चालक की तरफ बढ़ गए। चूँकि चालक की सीट पर शिक्षिका प्राची पाण्डेय के पति डॉ छवि नारायण पाण्डेय स्वयं वाहन को चला रहे थे और वह अपनी पत्नी को अस्पताल से दिखाकर घर वापस जा रहे थे।डॉ छवि नारायण पाण्डेय जी को सीएन पाण्डेय भी कहते हैं और वह शहर के एमडीपीजी कालेज में जन सूचनाधिकारी पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी प्राइमरी में शिक्षिका हैं। गाड़ी में बैठी शिक्षिका को पता था कि उनके पति के पास खरीददारी के लिए घर से नकद धन लेकर बाजार निकले हैं, कहीं ये बदमाश उनकी तरफ पैसा छीनने तो नहीं जा रहे हैं।
यही सोचकर शिक्षिका प्राची पांडे कार से बाहर निकल आई और उन बदमाशों से कहने लगी कि आप लोग सड़क पर खड़े होकर यातायात बाधित कर रहे हो और हार्न बजाने पर हट भी नहीं रहे हो ! इतने में दो बदमाश शिक्षिका को और दो बदमाश डॉ सीएन पाण्डेय से उलझ गये। दोनों पक्षों में बातचीत हो रही थी कि उन्हीं चार बदमाशों में से एक बदमाश शिक्षिका के नाक में पहनी सोने की कील जिस पर हीरे जड़े थे, को जबरन खींच लिया और सभी युवा बदमाश भाग खड़े हुए। शिक्षिका के पति डॉ छवि नारायण पाण्डेय निवासी- शिवजीपुरम, थाना कोतवाली नगर, करनपुर, प्रतापगढ़ द्वारा घटना की लिखित सूचना थाना-कोतवाली में दिया गया था। तीन दिन बाद कोतवाली नगर में उक्त घटना का मुकदमा दर्ज किया गया।
एमडीपीजी कॉलेज के वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष एवं जनसूचनाधिकारी डॉ छवि नारायण पांडेय ने कोतवाली नगर में चार अज्ञात बदमाश के खिलाफ पत्नी के साथ लूट की घटना कारित करने की तहरीर दी थी। जो मुकदमा लिखा गया, वह भी अज्ञात है। परन्तु मुकदमा लिखे जाने के उपरांत पुलिस की विवेचना में जो चार नाम सामने आ रहे हैं, वह चौकाने वाले हैं। घटना के कुछ दिनों बाद ही चारों आरोपियों की पुलिस द्वारा शिनाख्त कर ली गई। महज 10 दिन में पुलिस उन लुटेरों के गिरेबान तक पहुँच गई जो घटना को अंजाम दिए थे। चारों बदमाशों को जब इसकी भनक लगी तो वह अपने पिता और सगे सबंधियों को साथ लेकर शिक्षक दंपति के घर पहुँचे और उनके पैर पकड़कर सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करने लगे पुलिस के लगातार दबिश देने के कारण चारों लुटेरे ने शिक्षक दंपति से माफी मांग लेने में ही अपने भलाई समझा।
एसपी कार्यालय के सामने लूट की घटना को अंजाम देने वाले चारों लुटेरों की पुलिस द्वारा शिनाख्त के बाद जो नाम प्रकाश में आये हैं, वह अधिवक्ता समाज से हैं। सवाल उठता है कि काली कोट की आड़ में क्या अधिवक्ता की शक्ल में एसपी कार्यालय के सामने लूट जैसी घटना को अंजाम देना समूचे अधिवक्ता समाज के लिए शर्मनाक विषय नहीं है ? यदि शर्मनाक विषय है तो उनकी पैरवी करने के लिए वह अधिवक्ता भले जाए, जिसका वह पुत्र हो ! परन्तु दूसरा अधिवक्ता ऐसे अधिवक्ता की पैरोकारी करने जाता है तो उसकी भी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। जिला कचेहरी के अंदर और बाहर अधिवक्ताओं की ऐसी फौज है कि उनमें सही और गलत अधिवक्ता का चयन कर पाना कठिन कार्य है। काली कोट पहने अधिवक्ता की आड़ में डकैत और लुटेरे बैठे हैं,यह जानकर लोग हतप्रभ हैं। अभी तक तो अधिवक्ताओं पर थाना, चौकी के कार्य करने और बदले में मोटी रकम वसूलने का ही आरोप लगता था, परन्तु एसपी दफ्तर के सामने लूट की घटना में अधिवक्ताओं का नाम आने से अधिवक्ता समाज की मानो नाक ही कट गई।
सोशल मीडिया पर आज सुबह से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चार आरोपी युवक पीड़िता प्राची पाण्डेय और उनके पति डॉ छवि नारायण पांडेय का पैर छूकर माफी मांगते आ रहे हैं। उक्त वीडियो वायरल होने से अधिवक्ता समाज शर्म से पानी-पानी हो रहा है। इस सम्बन्ध में मुकदमा अपराध संख्या-0732/2021 की विवेचना कर रहे सिविल लाइन चौकी प्रभारी राधे बाबू से पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी वीडियो की जानकारी नहीं है। प्रतापगढ़ पुलिस को वायरल हो रहे वीडियो को संज्ञान लेकर उस पर एक्शन लेना चाहिए। क्योंकि लूट के आरोपी स्वतः वादी मुकदमा और उसकी पत्नी से पैर पकड़कर माफी मांगकर अपने उपर लगे आरोप स्वीकार कर ले रहे हैं। फिलहाल माफी मांगने गए लूट की घटना के आरोपियों में चारों लुटेरे पेशे से अधिवक्ता हैं। एक अधिवक्ता जूनियर बार पुरातन के पूर्व अध्यक्ष का पुत्र बताया जा रहा है। जनपद प्रतापगढ़ में कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता ऐसे भी हैं जो अपने पुत्र के अपराध को दबाने के लिए स्तर गिराकर कार्य करते हैं। यदि अपराध करने से अपने पुत्र को वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा समय रहते मना किया जाए तो माफी मांगने और गिड़गिड़ाने की नौबत ही न आये।
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