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बुधवार, 22 सितंबर 2021

आइये जाने कि महंथ नरेंद्र गिरि का सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरि उनका दुश्मन क्यों बन गया...???

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंथ नरेंद्र गिरि के आत्महत्या का मामला सुलझता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। महंथ नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में अपने सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरि को  आत्महत्या का ठहाराया है,जिम्मेदार 


महंथ नरेंद्र गिरि और शिष्य आनंद गिरी के सम्बन्ध का रहस्य...

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंथ नरेंद्र गिरि ने अपनी खुदकुशी के लिए अपने ही शिष्य आनंद गिरि को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं आनंद गिरि कभी नरेंद्र गिरि का सबसे प्रिय शिष्य था और लोग उसे ही नरेन्द्र गिरि का उत्तराधिकारी समझते थे। पिछले कुछ समय से गुरु नरेंद्र गिरि और सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरि के रिश्ते खराब हो गये थे। झगड़े का कारण बाघंबरी मठ की सैकड़ों करोड़ की जायदाद बताया जा रहा है। गुरू नरेंद्र गिरि पर शिष्य आनंद गिरि मठ की समपत्तियों को बेंच डालने का आरोप लगा रहे थे। लेकिन अब नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट से आनंद गिरि खुद फंस गए हैं, लेकिन उनके शिष्य उनके समर्थन में अभियान चला रहे हैं।


आनंद गिरि संतों के हीरो माने जाते हैं। लंबे बालों वाले खूबसूरत योग गुरु नरेंद्र गिरि आनंद को हरिद्वार के किसी आश्रम से लेकर आये थे। नरेंद्र गिरि के आनंद सबसे प्रिय शिष्य माने जाते थे। हर कोई आनंद को नरेंद्र गिरि की गद्दी का उत्तराधिकारी समझता था, लेकिन गुरु से झगड़ा हुआ तो उसे धर्म युद्ध कहने लगे। आनंद गिरि ने कहा था कि आदि गुरु शंकराचार्य ने हम नागाओं को एक नारा दिया था, एक हाथ में शस्त्र, एक हाथ में शास्त्र, आज ये झगड़ा गुरु शिष्य का नहीं है। मैं हार जाऊं, या वो हार जाएं, मैं जीत जाऊं या वो जीत जाएं, इस बात पे नहीं है, आज प्रयागराज की अस्मिता का सवाल है।


आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि पर बाघंबरी मठ की 40 करोड़ की जमीन बेंचने का आरोप लगाया। आनंद की तरफ से नरेंद्र गिरि पर अधिकतर हमले फेसबुक पे वी सपोर्ट स्वामी आनंद गिरि और फैन्स स्वामी आनंद गिरि नाम के फेसबुक पेज से होते थे। बीच में आनंद गिरि, नरेंद्र गिरि को नार्को टेस्ट कराने की भी चुनौती देने लगे। आनंद गिरि ने कहा था कि मैं सच या झूठ बोल रहा हूं तो सरकार का सपोर्ट लेकर नार्को टेस्ट भी मेरा कराया जा सकता है। साथ ही साथ अपेक्षा यह भी करूंगा कि उधर से भी नार्को टेस्ट हो और अगर वो दोषी पाये जाएं तो उन पर भी कार्रवाई करने का आप सामर्थ्य रखिये।


आपको बता दें कि एक बार आनंद गिरि के समर्थकों के फेसबुक पेज पर नरेंद्र गिरि की एक ऐसी वीडियो जारी की गई जिसमें नरेंद्र गिरि किसी शिष्य की शादी में नोट उड़ा रहे थे और बाद में वहां रंगारंग नृत्य भी हुआ। जब इसका इल्ज़ाम आनंद गिरि पर लगा तो आनंद ने इसकी सफाई में वीडियो मैसेज जारी किया। आनंद गिरि ने वीडियो मैसेज में कहा था कि मैंने कोई वीडियो नहीं बनाई है, न मैंने किसी से कहा है कि वहां खड़े हो जाओ, फिर भी इसका आरोप मुझ पर लगाया जा रहा है। उनके गुर्गों द्वारा अब मुझे षड्यंत्र में फंसाने की साज़िश की जा रही है।


आनंद गिरि सबसे अधिक सुर्खियों में तब आये जब आनंद को ऑस्ट्रेलिया में दो शिष्याओं से बदसुलूकी के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में बरी हो गए। इस विवाद के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को बाघंबरी मठ और निर्वाणी अखाड़े से निकाल दिया था, लेकिन अखाड़े के लोगों ने नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच सुलह समझौता कराया, तब आनंद की माफी मांगते हुए वीडियो सामने आई थी। वीडियों में आनंद ने कहा था कि मैं आनंद गिरी पूज्य गुरुदेव को कान पकड़ कर अपनी सारी गलतियों की सबसे पहले माफी मांगता हूं और पिछले दिनों जो भी विवाद हुआ, उस विवाद का जो भी कारण रहा हो, जो भी परिस्थितियां बनी हों, उन परिस्थितियों में जो मेरी जिम्मेदारी है, उसके लिए भी मैं क्षमा याचना करता हूं।


गुरु नरेन्द्र गिरि और शिष्य आनंद गिरि में नया विवाद दुबारा तब शुरू हुआ जब आनंद गिरी ने अपने गुरु नरेंद्र गिरि को बिना बताए हरिद्वार में आश्रम बना लिया। अब आनंद गिरि की पुलिस हिरासत के बाद उनके समर्थक उनकी हिमायत में अभियान चला रहे हैं। इसे लेकर स्वामी कल्याण देव ने कहा कि आनंद गिरि के ऊपर बेकार के अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। ये तो एक तरह से युवा संतो को फंसाने के लिए चारों तरफ से घेरने की कोशिश है। 

1 टिप्पणी:

  1. कोई यूँ ही सुसाइड नहीं कर लेता है।वह बहुत मजबूर व टूट चुका होता है।ऐसे में आरोपों को गलत नहीं कहा जा सकता है।
    न्याय तो होना ही चाहिए।

    जवाब देंहटाएं

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