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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव की फटकार से जिला मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार की बिगड़ी तबियत, सीने में दर्द के बाद प्रयागराज रेफर

DMOमलेरिया अधिकारी राजेश कुमार (Rajesh Kumar)को इलाज के लिए लारी कार्डियोलॉजी सेंटर लखनऊ ले जाया गया


DMOमलेरिया अधिकारी प्रतापगढ़ राजेश कुमार...

सुबह घर से स्वस्थ दशा में खाना खाए और ड्यूटी के लिए अपने साधन से निकल पड़े थे, चीफ  फार्मासिस्ट बरकत अली सीएमओ की फटकार के बाद चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली को आया था, हर्ट अटैक और हो गया था, निधन ! डीएम शंभु कुमार एवं सीएमओ डॉ आरके नैयर ने एसीएमओ डॉ अशोक कुमार को सार्वजनिक रूप से डांटा फटकारा और अपशब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित किया। यह अपमान डॉ. अशोक सहन नहीं कर सके, जिससे उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया। उन्हें तत्काल सरस्वती हार्टकेयर इलाहाबाद ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई...!!! 

 

भ्रष्टाचारी ही नहीं घाघ किस्म के हैं,प्रतापगढ़ सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव...

प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ में सीएमओ अरविंद श्रीवास्तव पर मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार (Rajesh Kumar) को फटकार लगाने का आरोप लगा है। गुरुवार 9 सितंबर 2021 की दोपहर में सीएमओ आफिस में मलेरिया अधिकारी अचेत हो गये थे। इलाज के लिए उन्हें लारी कार्डियोलॉजी सेंटर लखनऊ ले जाया गया है। कहा जा रहा है कि सीएमओ प्रतापगढ़ की फटकार से जिला मलेरिया अधिकारी की तबियत बिगड़ गई और सीने में दर्द के बाद पहले उन्हें राजकीय मेडिकल कालेज प्रतापगढ़ में भर्ती कराया गया, जहाँ जिला मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार की गंभीर हालत देखकर डॉक्टरों ने SRN प्रयागराज रेफर कर दिया। परन्तु परिजनों ने सीने में दर्द को गंभीरता से लिया और राजेश कुमार को इलाज के लिए लारी कार्डियोलॉजी सेंटर लखनऊ ले गए हैं। लारी कार्डियोलॉजी सेंटर लखनऊ में उनका इलाज चल रहा है, अब वो खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं


मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार गुरुवार की दोपहर में रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। गुरुवार की शाम को ही मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक करने वाले थे। दोपहर में मलेरिया अधिकारी को सीएमओ ने रिपोर्ट लेकर अपने कक्ष में बुलाया। जैसे ही मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार सीएमओ के कक्ष में पहुंचे सीएमओ उन्हें फटकारने लगे। लोगों को जुटता देख सीएमओ कार्यालय छोड़कर चले गये। CMO का मेडिकल कालेज के प्राचार्यं से भी विवाद हुआ थासीएमओ अरविंद कुमार श्रीवास्तव आये दिन विवादों में रहते हैं। पिछले दिनों सीडीओ की बैठक में भी सीएमओ और मेडिकल कालेज के प्राचार्य के बीच विवाद हो गया था। इस मामले में सीडीओ ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया था। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव पर रिपोर्ट बनाने के लिए कई बार फटकार लगाने का आरोप लग रहा है। डॉ राजेश कुमार प्रतापगढ़ जनपद में जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर तैनात हैं।


प्रतापगढ़ सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव घाघ किस्म का ब्यक्ति है और भ्रष्टाचार के आकंठ डूबा हुआ है। धन के लिए किसी भी स्तर तक प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव जा सकते हैं। सीएचसी और पीएचसी पर तैनाती के लिए मानक को दर किनार करके जूनियर डॉक्टरों को भी MOIC पद पर तैनात करने में प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव नहीं हिचकते और बदले में 2 से 3 लाख रुपये लेते हैं। जिले में जितनी आशा बहुएं हैं उनसे 400 रूपये की नकद वसूली के बाद ही उनका वेतन दिया जाता है। एक माह में लगभग 8 लाख की वसूली आशा बहुएं से प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव कराते हैं। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव अभी तक भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के जरिये प्रतापगढ़ से लगभग 50 करोड़ रुपये कमा चुके हैं। शासन ने 3 दर्जन सीएमओ का तवादला किया,परन्तु प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव का तवादला नहीं किया गया। शासन सत्ता में डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव का अच्छी पकड़ है। तभी उनका तवादला नहीं किया जा सका। प्रतापगढ़ स्वास्थ्य विभाग को लूटने के लिए छोड़ दिया गया है


प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर दवा के प्रमुख स्टोर जहाँ से CHC और PHC की दवा की आपूर्ति की जाती थी, उस स्टोर पर चीफ फार्मासिस्ट के रूप में बरकत अली की तैनाती कुछ माह पहले की गई थी। अधिक कमीशन की लालच में सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने लाखों रुपये की दवा नजदीक तिथि वाली खरीदकर दवा सप्लायर को भुगतान करना चाह रहे थे। बिना चीफ फार्मासिस्ट के हस्ताक्षर किये दवा सप्लायर का भुगतान नहीं हो पा रहा था। सीएमओ और चीफ फार्मासिस्ट में इस बात को लेकर टशन चल रही थी। पूर्व में तैनात चीफ फार्मासिस्ट ने ऐसे भुगतान के लिए साफ तौर पर मना कर दिया था। बहुत उम्मीद के साथ सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने बरकत अली को चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात किया था। तैनाती की तिथि से चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली पर सीएममो प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव का लगातार दबाव था कि नजदीकी तिथि वाली एक्सपायरी दवा की खरीद का भुगतान 31मार्च, 2020 तक किसी भी दशा में हो जाना चाहिये।


इसी बीच 22मार्च को जनता कर्फ्यू फिर 25 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया। उक्त भुगतान हुआ या नहीं कोई स्वास्थ्य कर्मी बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल अपने पद को संभालने के बाद चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली से उक्त भुगतान के सम्बंध में कई बार बात किया था। उनका साफ कहना था कि ये भुगतान उनके कार्यकाल का नहीं है। वो अपने पद पर रहते हुए कोई भुगतान गलत तरीके से करने की अपनी संस्तुति नहीं देंगे। उसके लिए उन्हें चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े। हाँ, जिनके कार्यकाल में दवा की खरीद हुई जिसने दवा प्राप्त किया वो चाहे तो बैकडेट में अपनी संस्तुति दे दे। उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। आज जब चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली का हर्ट अटैक से मौत हो गई तो अन्य चीफ फार्मासिस्ट और फार्मासिस्ट सहित उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी आपस में सीएमओ और चीफ फार्मासिस्ट के बीच अनबन की चर्चा आपस में कर रहे थे। फिलहाल जिला अस्पताल के इमरजेंसी में मौजूद चीफ फार्मासिस्ट के परिजन पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिए हैं। वो अभी कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं। परन्तु स्वास्थ महकमें में ही नजदीकी तिथि वाली दवा का भुगतान को लेकर दोनों अधिकारियों में तनाव चल रहा था।


सीएमओ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव से उक्त के सम्बंध में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह का कोई विवाद को सिरे से खारिज कर दिया। जनपद प्रतापगढ़ में ऐसा आरोप इसके पूर्व भी लग चुका है। चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली की घटना पहली नहीं है। इससे पहले जनपद प्रतापगढ़ में तत्कालीन सीएमओ डॉ आर के नैयर और जिलाधिकारी प्रतापगढ़ शम्भू कुमार पर जिला अस्पताल में प्रदेश चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संघ की जिला इकाई ने आरोप लगाया था कि 8 अक्टूबर, 2017 को सुबह आठ बजे मिशन इंद्रधनुष के उद्घाटन अवसर पर डीएम शंभु कुमार एवं सीएमओ डॉ आरके नैयर ने एसीएमओ डॉ अशोक कुमार को सार्वजनिक रूप से डांटा फटकारा और अपशब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित किया। यह अपमान डॉ. अशोक सहन नहीं कर सके, जिससे उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया। उन्हें तत्काल सरस्वती हार्टकेयर इलाहाबाद ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। ऐसा ही आरोप उनके परिजनों ने लगाए थे। जिसके बाद सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ आर के नैय्यर का तवादला हो गया और जिलाधिकारी शम्भू कुमार के तेवर ढीले पड़ गए थे।


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