महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में उनके अपने ही शिष्य आनंद गिरी को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार से हिरासत में लिया, मामले में आया नया मोड़
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने जताया दुःख, डिप्टी सीएम केशव का ऐलान कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा
महंथ नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि का राजनीतिक रसूख भी गुरु से कम न था... |
महंथ नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि का इस मामलें पर बयान आया है। महंत नरेंद्र गिरी महाराज की संदिग्ध मौत, आईजी के पी सिंह को मिला 8 पन्ने की सुसाइड नोट में अहम जानकारी। 26 मई, 2021 को आंनद गिरी और नरेंद्र गिरी के समझौते के वायरल वीडियो से पुलिस जल्द ही मौत की गुत्थी सुलझाएगी। महात्वाकांक्षा और पद की लालसा के साथ ख्याति की चाहत से इस नश्वर संसार से कोई भी अधूता नहीं। इतना बड़ा संत आत्मतत्व का विवेचक जीवन भर त्याग और जीवन मृत्यु के रहस्यों का साक्षात्कार कर उसकी प्रासंगिकता को दूसरों के लिए जीवंत बनाने वाला आत्महत्या कर लेगा, ये बात उन्हें गले के नीचे नहीं उतर रही है, जो महंथ नरेन्द्र गिरी को जानता था।
अखाड़ा परिषद् के महंथ नरेन्द्र गिरी (फाइल फोटो) |
महंथ नरेन्द्र गिरी से जुड़े लोग उनकी मौत को जहाँ हत्या से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने हत्या की बात से इनकार किया है। सूत्रों के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की है। हालांकि अभी पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उनकी मौत का कारण आत्महत्या है या कुछ और... खबर के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और किसी को भी बारंबरी मठ में घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही है। फारेंसिक टीम मौके पर जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश है। भूमाफियाओं का खड़यंत्र है। उन्होंने कहा कि वह किसी मानसिक वेदना में नहीं थे। उन्हें साजिश के तहत मेरे खिलाफ भड़काया गया। मामलें की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। मैं पुलिस का पूरा सहयोग करूँगा। हरिद्वार दौरे पर गए महंथ नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। संदिग्ध हालात में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत, मौके से 8 पेज का लम्बा-चौड़ा सुसाइड नोट पुलिस को प्राप्त हुआ है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में सोमवार बाघम्बरी गद्दी परिसर के एक कमरे में उनका शव लटकता मिला। बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी का कमरा अंदर से बंद मिला था, जिसके बाद शक होने पर उसे खोला गया तो अंदर महंत नरेंद्र गिरी का शव मिला। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है। जिसमें मानसिक तौर से अपने शिष्य आनंद गिरी द्वारा परेशान किये जाने का जिक्र भी किया गया है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। महंथ नरेन्द्र गिरी की मौत की वजह पर लोग यही चर्चा करते रहे कि अखाड़ा परिषद के अंदर आपसी मतभेद ही आत्महत्या का कारण हो सकता है। बाघम्बरी गद्दी में मौजूद लोग आपस में इस बात की चर्चा करते रहे कि बिना पुलिस के पहुँचे ही जिस कमरे में महंथ नरेन्द्र गिरी का शव लटक रहा था और उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, उसे नहीं खोलना चाहिए था।
आनन्द गिरी जो महंथ नरेन्द्र गिरी का ही शिष्य रहा, उससे उनका विवाद उस समय शुरू हुआ जब महंथ नरेन्द्र गिरी ने बाघम्बरी गद्दी के दक्षिणी हिस्से को एक बिल्डर के हाथ बेंच दिया और वह बिल्डर उस पर मल्टिपल स्टोरी बिल्डिंग बनवा डाली। उस बिल्डिंग का नाम संगम लिंक अपार्टमेंट है। उसके मालिक शैलेन्द्र सिंह से भी आनन्द गिरी बहुत इर्ष्या रखता रहा और उन्हें प्रणाम करने पर भी सत्यानाश हो जाने का श्राप आनंद गिरी समय-समय देता रहा। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी का अपने ही शिष्य आनंद गिरी से जब विवाद अधिक गहराया तो दोनों में वाक् युद्ध शुरू हुआ, परन्तु कुछ ही दिनों में महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच सुलह हो गई थी। जिसके बाद शिष्य आनंद गिरी बाघम्बरी गद्दी को छोड़कर उत्तराखंड के हरिद्वार में रहने लगा।
महंथ नरेन्द्र गिरी से उनका शिष्य आनंद गिरी दिखाने के लिए माफी मांगी थी या वास्तव में माफी मांगी थी, यह जाँच का विषय है। दिखाने के लिए यदि शिष्य ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी से माफी मांगी थी और गुरु ने भी शिष्य को माफ कर दिया था तो आज 8 पेज का लम्बा-चौड़ा सुसाइड नोट उस पर संदेह खड़ा कर रहा है। उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरी कुछ समय पहले ही कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे, हालांकि वे इसको हराकर स्वस्थ्य हो गए थे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के निधन की खबर आते ही अयोध्या में भी शोक की लहर फैल गई है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के निधन की सूचना बेहद ही दुःखद है। महंथ नरेंद्र गिरी का निधन साधु समाज की अपार क्षति है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए वे हमेशा समर्पित रहते थे।
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