शिक्षिका को परेशान करने वाले शिक्षक रमेश चन्द्र महतो को पहनाया गया चप्पलों की माला |
चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बचमगुटु के प्रधान शिक्षक रमेश चंद्र महतो को ग्रामीणों ने जूते-चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया गया है। प्रधान शिक्षक पर यह आरोप है कि वह स्कूल की ही एक पारा शिक्षिका की नियुक्ति को अवैध बताकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते था। इसके साथ ही शिक्षिका को शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने की धमकी देता था। सवाल उठता है कि शिक्षा का मन्दिर जहाँ पठन-पाठन के पहले सरस्वती की वंदना होती है और स्कूल के अंदर शिक्षक अपने छात्र और छात्राओं को भाई-बहन होने का एहसास दिलाकर उनमें एक दूसरे के प्रति उस रिश्ते का भाव पैदा करते थे, परन्तु आधुनिकता में गुरूजी का ही चरित्र नष्ट होता जा रहा है। फिर वह बच्चों को कौन सी शिक्षा देंगे जब स्वयं अनैतिकता के दलदल में धंसते जा रहे हैं।
प्रताड़ित पारा शिक्षिका का कहना है। कि प्रधान शिक्षक रमेश चन्द्र महतो उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़ा करके धमकी देता है। जबकि वर्ष-2003 में शिक्षिका की नियुक्त बतौर पारा शिक्षक के पद पर हुई थी। झारखंड के रमेश चंद्र महतो का वर्ष-2005 उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पद स्थापन हुआ है। वर्ष-2020 में जब वे विद्यालय के प्रधान शिक्षक बने उसके बाद से वह तरह-तरह से शिक्षिका को प्रताड़ित करते रहते हैं। इसको लेकर कई बार कहासुनी भी हुई। आरोप है कि प्रधान शिक्षक उन्हें गलत नजर से देखते हैं। बार-बार धमकी देते हैं। शिक्षिका का नियुक्ति प्रमाण पत्र भी प्रधान शिक्षक अपने पास ही रखे हुए हैं। शिक्षा के मन्दिर में इन दिनों देश के अलग-अलग क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं सुनकर अभिभावकों का मन शिक्षकों के प्रति घृणा से भरता जा रहा है। उनके प्रति गुरुजन का भाव भाव खत्म होता जा रहा है।
शिक्षिका का आरोप है कि प्रधान शिक्षक ने पारा शिक्षिका से 50 हजार रुपये की मांग भी की थी। रमेश चंद्र महतो, शिक्षिका को शारीरिक प्रताड़ना का धमकी भी देता था। मंगलवार को शिक्षिका के विरोध करने पर हाथापाई भी की थी। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बच्चोमगुटु के अध्यक्ष सुरेश चंद्र दास ने बताया कि प्रभारी प्राचार्य रमेश चंद्र महतो अक्सर स्कूल में देर रात को लड़कियों को लेकर आते हैं। पूँछताँछ करने पर वे रिश्तेदार होने की बात कहा करते थे। ऑब्जेक्शन करने पर स्कूल के काम का हवाला दिया करते थे। ऐसा कई बार हो चुका है। प्रधान शिक्षक रमेश चंद्र महतो ने बताया कि उनके ऊपर जो आरोप है, वह गलत है। शिक्षिका का प्राइमरी स्कूल में अप्वॉइंटमेंट हुआ था और प्राइमरी वाला पेमेंट मिलता था। शिक्षिका पर विभागीय कार्रवाई भी हुई है। आरोप और प्रत्यारोप की बात किनारे कर दिया जाए तो भी सवाल वही है कि शिक्षा के मंदिर को आपसी लड़ाई का अखाड़ा क्यों बनाया जाता है...???
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