लगभग 10 दिन पहले हुई मारपीट के मामले में 307 समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद 2 दिन पहले त्रिवेणी मिश्र थाने में किया था,सरेंडर...!!!
14अगस्त को पुलिस ने भेजा था,जेल। आज दोपहर लगभग 1बजे जेल के क्वारन्टीन से बैरक में शिफ्ट करते समय जेल कर्मियों द्वारा जमकर की गई बन्दी की पिटाई...!!!
प्रतापगढ़ जिला कारागार में अक्सर मारपीट की वारदात से सवालों के कटघरें में खड़ा हुआ कारागार प्रशासन, जेलकर्मियों पर लगा बंदी त्रिवेणी मिश्र (Triveni Mishra) की पिटाई करने का आरोप, गंभीर हालत में एसआरएन प्रयागराज किया गया रेफर...!!!
जिला कारागार प्रतापगढ़ में बंद, बंदी त्रिवेणी मिश्र की पिटाई के बाद स्थिति हुई नाजुक...
प्रतापगढ़। जहाँ देश में 75 वीं स्वतंत्रता दिवस की जश्न में लोग डूबे थे, वहीं यूपी के प्रतापगढ़ में स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंदी त्रिवेणी मिश्र (Triveni Mishra) के साथ जेल प्रशासन द्वारा मारपीट करने की बात सामने आयी। एक दिन पहले प्रतापगढ़ जेल में बंद हुआ त्रिवेणी मिश्र के साथ जेल प्रशासन की सह पर जेल के बंदी रक्षक द्वारा मारपीट क्र उसे बुरी तरह घायल कर देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जेलकर्मियों ने बंदी त्रिवेणी मिश्र की पिटाई की। मिली जानकारी के मुताबिक मारपीट के मामले में 14 अगस्त, 2021 को त्रिवेणी मिश्र को पुलिस ने जेल भेजा था। 15 अगस्त, 2021 की दोपहर करीब 1 बजे उन्हें बैरक में शिफ्ट किया जा रहा था। इस दौरान जेलकर्मियों ने उन्हें बुरी तरह से मारा पीटा। जेलकर्मियों की पिटाई से बंदी त्रिवेणी मिश्र की हालत खराब होने लगी तो उन्हें जिला मेडिकल कालेज ले आया गया।
जिला मेडिकल कालेज पहुँचे बंदी त्रिवेणी मिश्र की हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर एसआरएन प्रयागराज जिले के लिए रेफर कर दिया है। इस संबंध में जेल प्रशासन का पक्ष जानने की कोशिश की गयी। किन्तु दूरभाष पर किसी से संपर्क नहीं हो सका। प्रतापगढ़ जिला कारागार के जेल कर्मियों की कार्यशैली पर पखवारे भर पहले सवाल उठे थे। यहां जिला कारागार में एक बंदी की मौत हो गयी थी। इसके बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया था। अब स्वतंत्रता दिवस के दिन जेल कर्मियों द्वारा बंदी की बेरहम तरीके से पिटाई करना बेहद निंदनीय है। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कोई शिकायत उनके पास तक नहीं आयी है। अगर शिकायत मिलती है तो प्रकरण की जांच कराई जाएगी। दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जबकि जिला कारागार में बन्दी त्रिवेणी मिश्र की जमकर पिटाई का आरोप वह मीडिया के सामने स्वयं लगा रहा है। बंदी त्रिवेणी मिश्र के आरोप में बल साफ़-साफ दिखाई पड़ रहा है। यक्ष प्रश्न यही है कि कारागार में एक दिन पहले बंद बंदी को इतनी अधिक चोट कैसे लगी ? जिस तरह बंदी त्रिवेणी मिश्र की पिटाई का मामला उजागर हुआ है, उससे समूचा कारागार प्रशासन सवालों के कटघरे में खड़ा हो रहा है। प्रतापगढ़ जिला कारागार प्रशासन ऐसे कारनामों के लिए अक्सर चर्चाओं में रहता है। जिला कारागार को महफूज़ माना गया है, परन्तु योगीराज में जिला कारागारों में हत्याएं तक हुई और किसी मामले में कोई बड़ी कार्यवाही भी नहीं हो सकी। सिर्फ दिखाने के लिए जाँच गठित करके मामले को ठन्डे बस्ते में डाल देना योगी सरकार की नियति बन चुकी है। कारागार में गैंगवार तक हुए, परन्तु सब ले देकर मामले ही खत्म कर दिए जाते हैं।
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