गोसाईगंज थाने में महेन्द्र प्रताप सिंह (Mahendra Pratap Singh)के विरुद्ध दर्ज हुई थी,एफआईआर
जनपद प्रतापगढ़ में गंध मचाने के बाद प्रतापगढ़ में सक्रिय शराब माफिया कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह अयोध्या में बेंच रहा था,जहरीली शराब...!!!
प्रतापगढ़ का शराब माफिया कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह अयोध्या में किया गया गिरफ्तार... |
अयोध्या। यूपी के अयोध्या में पुलिस ने प्रतापगढ़ के कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह (Mahendra Pratap Singh) को 26 अगस्त, 2021 को गिरफ्तार किया है। कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह अयोध्या में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब की बिक्री करता था। पंचायत चुनाव के दौरान जहरीली शराब पीने से गोसाईगंज थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर में दो लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद से पुलिस महेन्द्र प्रताप सिंह की तलाश कर रही थी। 26 अगस्त को पुलिस ने महेन्द्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। महेन्द्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़ जिले के सांगीपुर थाना क्षेत्र के डभियार गांव का रहने वाला है। उसे गांव में लोग चंदन सिंह के नाम से जानते हैं। अयोध्या के पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने महेन्द्र प्रताप सिंह के गिरफ्तार होने की पुष्टि की है। पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह अयोध्या के अलग-अलग क्षेत्रों में मिलावटी शराब की आपूर्ति करता था।
गोसाईगंज थाने में उसके विरुद्ध अपराध संख्या 107/2021 के अंतर्गत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज है। 26 अगस्त, 2021 को इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार मिश्र के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुंवर महेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। शराब माफिया कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किये जाने से क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं। प्रतापगढ़ के उदयपुर क्षेत्र में 8 लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन करने से हुई थी। पंचायत चुनाव के दौरान प्रतापगढ़ जिले में अन्य थाना क्षेत्र के अलग-अलग हिस्से में भी जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में उस समय उदयपुर के थानाध्यक्ष को भी निलंबित किया गया था। सूत्र बताते हैं कि कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ से लेकर अयोध्या तक जाल फैला रखा है। वह प्रतापगढ़ और अयोध्या में बड़े पैमाने पर मिलावटी शराब की आपूर्ति करता है। पुलिस कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह के पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
सवाल उठता है कि जब पुलिस वास्तविक रूप से जहरीली शराब की तस्करी से जुड़े तस्करों की तलाश कर रही और कई माफियाओं पर लाखों रुपये के इनाम भी घोषित हैं तो पुलिस उनके गिरेबान तक पहुँचने में सफल क्यों नहीं हो पा रही है ? क्या शराब माफियाओं के सम्बन्ध पुलिस विभाग में इतने मजबूत हैं कि उन्हें पल-पल की विभागीय खबर उन तक पहुँचा दी जाती है। पंचायत चुनाव- 2021 के दौरान होली के दिन त्रिलोकपुर में रामनाथ वर्मा के घर शराब पार्टी की पार्टी हुई थी। यहां जहरीली शराब की महेन्द्र प्रताप सिंह ने आपूर्ति की थी। शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गयी थी। प्रतापगढ़ के उदयपुर क्षेत्र में भी जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई हुई थी। यक्ष प्रश्न है कि प्रतापगढ़ में शराब माफियाओं पर राजनीतिक संरक्षण और पुलिस संरक्षण पर योगी सरकार क्यों प्रहार करने से पिछड़ जाती है ?
शराब माफिया गुड्डू सिंह पुलिस को चकमा देकर फिल्मी अंदाज में अदालत में आत्म समर्पण किया और प्रयागराज जोन में एक पुलिस अफसर पर बड़ा आरोप लगाया था, परन्तु उसकी आजतक जाँच कराना योगी सरकार जरुरी नहीं समझा। जोन का सबसे बड़ा अधिकारी स्वयं अपर पुलिस महानिदेशक होता है और वर्तमान में उस पद पर प्रेम प्रकाश जी आरूढ़ हैं। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश जी दो बार प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात रहे। शराब माफिया गुड्डू सिंह का सीधा आरोप था कि जोन के पुलिस अफसर की डिमांड पूरी न कर पाना मेरा असल अपराध है। इतना बड़ा आरोप लगा था तो उसकी जाँच तो होनी ही चाहिए थी। मुंबई में ऐसे ही आरोपों को आधार बनाकर गृहमंत्री को त्यागपत्र तक देना पड़ा। साथ ही मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया है और आज भी जाँच प्रचलित है। सरकार गिरने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
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