जौनपुर के जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों को चुल्लू भर पानी भी नहीं खोजना, इसी जलभराव में डूब मरना चाहिए...!!!
सरकार का दोहरा मापदंड, प्राइवेट सेक्टर में मकान और काम्प्लेक्स निर्माण आदि में भूगर्भ जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग की ब्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू है,परन्तु सरकारी विभागों में यह ब्यवस्था लागू नहीं है, जिससे सरकारी दफ्तरों में ऐसी भयानक स्थिति का करना पड़ता है, सामना...!!!
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जौनपुर में पुलिसकर्मियों ने घुटने भर पानी में खड़े होकर किया ध्वजारोहण... |
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरे जिले में आयोजन किए गए। लेकिन रामपुर थाने में पुलिसकर्मियों ने घुटने भर पानी में खड़े होकर झंडारोहण कर और सलामी दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने तिरंगे का मान और अभिमान बारिश और पानी के बीच भी कम नहीं होने दिया। बारिश के चलते तालाब का पानी भी ओवर फ्लो होकर थाना परिसर में जमा हो जाता है। घुटने तक पानी भरने से थाने के पुलिसकर्मियों को भी बैरक तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ध्वजारोहण के बाद जौनपुर के रामपुर थाने में सलामी लेते पुलिस के जवान...
थानेदार विजय शंकर सिंह ने थाना कार्यालय के बाहर घुटने भर पानी में अपने पुलिसकर्मियों के साथ खड़े होकर झंडारोहण किया। बता दें कि लगातार बारिश की वजह से थाना परिसर के पानी में डूबने से तलाब जैसे हालात पैदा हो गए है। थाने के कार्यालय से लेकर थानेदार के ऑफिस तक घुटनों तक पानी डूब जाने से पुलिसकर्मियों को कार्य करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह तस्वीर कोई पहली बार सामने निकलकर नहीं आई है।हर वर्ष की भांति इस बार भी थाना रामपुर तालाब बना हुआ है। यदि पुलिस कैम्पस में पानी भरा रहता होगा तो वहाँ की जनता अपनी समस्या को लेकर कहाँ जाती होगी ? पुलिस कर्मी कैसे रहते होंगे ? मालखाने सहित बैरक की क्या दशा होगी ? थाना परिसर से पानी निकलने की यदि कोई ब्यवस्था नहीं है तो वाटर हार्वेस्टिंग की ब्यवस्था करके थाना परिसर के जल भराव को समाप्त किया जा सकता है। इससे दो फायदे होंगे। पहला जला भराव से मुक्ति मिल जायेगी और दूसरा सबसे बड़ा फायदा भूगर्भ जल संरक्षित होगा।
सिस्टम में बैठे हर उस ब्यक्ति के मुँह पर तमाचा है,जो इसके लिए जिम्मेदार है...
जौनपुर का यह रामपुर थाना है, जहां बारिश के दिनों में अक्सर ही इतना पानी लग जाया करता है। बड़ी श्रम की बात है कि देश 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और हालात बद से बद्तर दिख रहे हैं। आजादी के 75 साल बाद भी जब यूपी पुलिस ही इसका दंश झेलने को मजबूर है तो अन्य बस्तियों की हाल कैसे होगी ? जब सरकारी विभाग जहाँ से क्षेत्र की कानून ब्यवस्था की देखरेख की जाती है और आम जनमानस अपनी समस्या लेकर जिस थाने में जाती है, वहाँ के हालात जब ऐसे होंगे तो जनता अपनी फरियाद लेकर कैसे पहुँच सकेगी ? इस समस्या का स्थाई समाधान अब तक क्यों नहीं हो पाया, यह सोचने वाली बात है और रामपुर बाजार का भी यही हाल है।जौनपुर शहर का हर व्यक्ति जानता है कि जिले की सबसे बदहाल क्षेत्र रामपुर का है, जिसे वहाँ के लोग वर्षों से झेलते आ रहे हैं।
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