शराब माफिया पूरी पुलिस टीम को फिल्म डॉन के डॉयलाग को चरितार्थ कर दिखाती है कि डॉन को पकड़ना आसान नहीं, नामुमकिन है...!!!
शराब माफियाओं ने चकमा देकर कोर्ट में किया आत्मसमर्पण,देखती रह गई प्रतापगढ़ पुलिस...
प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र के हथिगवां थाना क्षेत्र में बरामद हुई करोड़ो की शराब मामले में फरार शराब माफिया धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बंगाली व संजीव सिंह ने प्रतापगढ़ पुलिस की आँखों में धूल झोंकते हुए आज जिला अदालत में आत्म समर्पण कर दिया और प्रतापगढ़ की नकारा पुलिस देखती रह गयी। वहीं शराब माफिया सुधाकर सिंह के ऊपर पुलिस ने एक लाख रुपये का हुआ ईनाम रखा हुआ है और शराब माफिया सुधाकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ व पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। मजेदार बात यह है कि जिन शराब माफियाओं को पुलिस दिनरात एक कर ढूढती रहती है, वह शराब माफिया पूरी पुलिस टीम को फिल्म डॉन के डॉयलाग को चरितार्थ कर दिखाती है कि डॉन को पकड़ना आसान नहीं, नामुमकिन है। क्योंकि पुलिस शराब माफियाओं को तलाशती रहती है और शराब माफिया पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में आत्म समपर्ण कर पुलिस की नाकामी का इतिहास रच रहे हैं।
शराब माफिया पूरी पुलिस टीम को फिल्म डॉन के डॉयलाग को चरितार्थ करके दिखाया...
शराब माफियाओं से प्रतापगढ़ की पुलिस के बड़े अफसरों के तार जुड़े हुए हैं। जिसका खुलासा होने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश द्विवेदी, सीओ और कुंडा कोतवाल एवं हथिगवां के इंस्पेक्टर को निलंबित होना पड़ा था।पुलिस के अलावा आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर और जिला आबकारी अधिकारी सहित कुंडा के एसडीम भी शराब माफियाओं के ऊपर अंकुश लगा पाने में बेदम होने से शासन स्तर से इन पर कार्यवाही हुई थे। प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं का जाल पूरे प्रदेश में तो फैला ही है, साथ ही कई अन्य प्रान्तों में भी प्रतापगढ़ की नकली शराब की तस्करी होती है। प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं के सम्बन्ध नेताओं, पत्रकारों और समाजसेवियों के साथ-साथ अधिकारियों एवं उनकी पत्नी और परिवार के साथ बेहतर सम्बन्ध होने के भी आरोप लगे।
तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी दिनेश द्विवेदी की पत्नी को फार्च्यूनर लग्जरी गाड़ी चढ़ने के लिए प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं द्वारा ब्यवस्था करने का आरोप लगा था, जो चर्चा का विषय बना था। आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने सार्वजानिक रूप से माना था कि शराब माफियाओं से जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारी मिलकर शराब की तस्करी कराते हैं। सिस्टम के लोगों के बिना मिले शराब की तस्करी का कार्य संभव ही नहीं है। उनके इस बयान से सूबे में तहलका मच गया था और बाद में योगी सरकार समय देखकर उनकी भी विदाई कर दी। आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के बयान से योगी सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी। इसीलिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को योगी सरकार ने हटा दिया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें