Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

सोमवार, 2 अगस्त 2021

भाजपा के भोपो बनकर रह गए दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुनील भराला, सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए देते रहते हैं, उल्टे सीधे बयान

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ के एन ओझा भाजपा नेता सुनील भराला को भाजपा का बता चुके हैं,भोपो...!!!


दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनील भराला ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2022 में रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को देंगे खुली चुनौती, कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र सिंह को कुंडा से लड़ने के बाद आया बयान...!!!


"राजा भईया" पर हमलावर रहते हैं,दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला...

प्रतापगढ़ में लगातार बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को कड़ी चुनौती दे रहे दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला ने लोक निर्माण अतिथि गृह प्रतापगढ़ में ब्राह्मण को मठ, मंदिर, वेदपाठ और कर्मकांड की अवश्यकता है। इसके लिए राम मंदिर, काशी कॉरिडोर, वेद पुराण की चिंता भाजपा करती है साढ़े सोलह प्रतिशत ब्राह्मण भाजपा के साथ है राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग हैं, वो भाजपा के साथ है। भाजपा नेता सुनील भराला की बातों से ऐसा लगता है कि ब्राह्मण मतों के ठेकेदार बन चुके हैं। सारे ब्राह्मण मतदाता सुनील भराला की मानों जेब में हों ! फ़िलहाल यह तो वक्त बताएगा कि विधान सभा चुनाव-2022 में ब्राह्मण किस दल को अपनी पहली पसंद बनाता है।   


भाजपा नेता व दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला और भाजपा नेता एसपी मिश्र "सेनानी" 

तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार ! उक्त नारा देने वाली पार्टी को ब्राह्मण बिल्कुल पसंद नहीं करता। ये बातें भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुनील भराला ने कही यही नहीं भराला ने राजा भईया को चुनौती देते हुए कहा कि विधानसभा- 2022 के चुनाव में भाजपा ऐसे योद्धाओं को मैदान में उतरेगी जो सरकार में मंत्री व विधान परिषद के सदस्य हैं और ये योद्धा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और राजा भईया जैसे लोगों को चुनौती देंगे व हराने का काम करेंगे। सुनील भराला को यह नहीं भूलना चाहिए कि मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत उनके प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव पिछले दरवाजे से विधान परिषद सदस्य बनकर विधानसभा चुनाव लड़ने से बचते रहे। 


सुनील भराला,राजा भईया पर निकलते रहते हैं,भड़ास और तस्वीरें उच्च और बयां कर रही हैं...

राजनीति में चोर दरवाजे से इंट्री करना नैतिकता के खिलाफ माना गया है। इसकी शुरू देश के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने शुरू की। 10 वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री रहने के बाद एक बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर सके। ये कार्य करने के लिए सामाजवादी पार्टी से यशवंत सिंह जैसे कई एमएलसी को पहले त्याग पत्र दिलाया गया तो भाजपा के कथित दिग्गज नेताओं को एमएलसी बनाया गया। क्योंकि मंत्री बने रहने के लिए दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य होना आवश्यक होता है। यदि इतने स्वाभिमानी थे तो पिछले दरवाजे से क्यों प्रवेश किये ? फिर तो भाजपा के दिग्गज नेताओं को विधानसभा का चुनाव लड़कर उन्हें जीतकर आना चाहिए था।    


भाजपा विधानसभा-2022 के चुनाव में पुनः 325 सीटें जीतेगी। बसपा से भाजपा में शामिल हुए शिव प्रकाश मिश्र "सेनानी" के बाद ही प्रतापगढ़ में सुनील भराला की सक्रियता बढ़ी और हर आयोजन में भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र "सेनानी" ही दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला के आगे पीछे नजर आते हैं। भाजपा के संगठन के नेता भी भराला के अगल-बगल नहीं दिखते। कुछ मीडिया के साथियों को बुलाकर सुनील भराला अपनी अंदर की भड़ास निकालकर अपनी राजनीतिक जिज्ञासा को शांत करते हैं। भाजपा नेता सुनील भराला लगभग दो साल से प्रतापगढ़ की कुंडा और बाबागंज विधानसभाओं में लगातार सक्रिय हैं और संगठन को बूथ लेबल तक मजबूत करने के लिए गांव-गांव दौरा करते रहे 


इसी का नतीजा रहा कि पंचायत चुनाव में राजा भईया का एक भी समर्थक निर्विरोध नहीं हो सका इतना ही नहीं उनके प्रभुत्व की बिहार ब्लाक की जिला पंचायत की 5 सीटों में महज एक सीट पर भाजपा की प्रत्याशी क्षमा सिंह ने सफलता हासिल की। इस सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक उम्मीदवार तीन नम्बर पर रही और दो नम्बर पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार रही। फिलहाल भाजपा की इस सफलता में भाजपा के किसी नेता का कोई योगदान नहीं रहा। सुनील भराला जी का भी कोई योगदान नहीं रहा। सुनील भराला प्रायः प्रतापगढ़ आते हैं और बेतुका बयानबाजी करके चले जाते हैं। उन्हें और उनके बयान को न तो किसी राजनीतिक दल के नेता सीरियस रूप में लेते हैं और न ही प्रतापगढ़ की जनता उनके बड़बोले बयान को तवज्जों देती है।  


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें