देश 15/08/1947 को स्वतंत्र हुआ और कल 15/08/2021 को 74वर्ष पूर्ण हुआ। इस तरह देश भर में कल 75वां स्वतंत्रता दिवस और स्वतंत्रता की 74वीं वर्षगांठ के रूप में देशवासियों ने ध्वजारोहण और राष्ट्रगान गाकर देश के सभी हिस्सों में मनाया,स्वतंत्रता दिवस...!!!
देश की स्वतंत्रता को लेकर देश के नागरिकों में कभी-कभी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब पढ़े-लिखे लोग गलत बात यानि सत्य और झूठ का समर्थन करें तो स्थिति और विकराल हो जाया करती है। यदि अज्ञानता में कोई बात हो तो उसमें सुधार किया जा सकता है, परन्तु जब जानबूझकर कोई ब्यक्ति अपनी अज्ञानता को जानते हुए भी सत्य सिद्ध करने का प्रयास करता है, तब स्थिति और जटिल हो जाती है। अंग्रेजी में एक कहावत है "लिटिल नॉलेज इज डैंजरस" उसका हिंदी में अर्थ हुआ कि अल्प ज्ञान जानलेवा होता है। गलतियों को सुधार कर मनुष्य आगे बढ़ता है,परन्तु अज्ञानता को पालकर मनुष्य दलदल में फंसकर अपना नाश कर लेता है। यहाँ भी वही दशा है। जोड़ और घटाना नहीं आता और बन गए समाज सुधारक। इस कड़ी में समाज को नई दिशा देने वाले नेता भी हैं और समाज को आईना दिखाने वाले पत्रकार भी शामिल हैं। दोनों से ऊपर हैं छुट भईया नेता और तथाकथित प्रसिद्द और वरिष्ठ समाजसेवी।
स्वतंत्रता दिवस और उसकी वर्षगांठ में एक वर्ष का होता है,अंतर...
देश के 90फीसदी नागरिकों में इस बात का कंफ्यूजन है कि देश स्वतंत्रता दिवस के रूप में कौन सा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ? अधिकांश लोगों को वर्षगांठ का अर्थ ही नहीं पता होता और फिर भी वह उस शब्द का चयन कर लेते हैं जिनका आशय का ज्ञान उन्हें नहीं होता किसे कहते हैं। जनसामान्य की बात छोड़िये समाज का आइना कहे जाने वाले कुकरमुत्ते सरीखे पैदा हुए पत्रकारों की दशा भी वैसी होती जा रही है। कई अखबारों और न्यूज चैनल सहित वेव न्यूज पोर्टल पर देश के स्वंत्रता दिवस की वर्षगांठ को 75वीं वर्षगांठ लिखकर अपने ज्ञान के भंडार को सार्वजनिक किये। आज से देश की स्वतंत्रता का 75वां साल शुरू हुआ। फिर 75वीं वर्षगांठ लिखना कितना सही है ? पहले वर्षगांठ का मतलब जानिये। वर्षगांठ का अर्थ क्या है ? वर्षगांठ किसे कहते हैं ? देश कल 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया न कि स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ।
देश के अधिकांश नागरिक अपनी गलती का एहसास भी नहीं करते। यही सबसे बड़ी मुसीबत है। सही और गलत का अंतर भी नहीं जानते और बहस करेंगे कि उन्हीं की बात सही है। वह जो कह रहे हैं, वही सही है। सामने वाला सही भी कह रहा है तो वह गलत है। कभी-कभी तो हद हो जाती है कि सामने वाला जो गलत होता है और उसे पता होता है कि जो वह कह रहा है वह गलत है, असत्य है। फिर भी अपनी बात ऊपर रखने के लिए अपनी गलत बात को ही आगे करता जाता है और अपनी गलती का प्रायश्चित नहीं करता। उसे सच का एहसास कराइए और बताईये तो वह बुरा अलग मान जाता है। 75वां साल शुरू हुआ देश की स्वतंत्रता को, न कि 75वीं वर्षगांठ सम्पन्न हुआ।दोनों में अंतर है। जिसे देश के अधिकांश लोग मान नहीं रहे हैं। जब एक वर्ष पूरा हो जाए तो ही वर्षगांठ माना जाता है। जन्मदिन और शादी की सालगिरह से तुलनात्मक अध्ययन से कंफ्यूजन दूर किया जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें