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सोमवार, 16 अगस्त 2021

पाँच वर्ष पहले 16 अगस्त, 2016 को अखिलेश यादव की सरकार में भाजपा नेता लल्लूराम गुप्ता को करिस्ता मोड़ पर मारी गई थी गोली, अभी तक नहीं मिला सका न्याय

बेईमान और भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे अफसर और जनप्रतिनिधियों पर नहीं है,किसी का भय 


ये है, देश का सड़ा हुआ सिस्टम जिसके बल पर हम भ्रष्टतंत्र से लड़ने का  दम्भ भरते हैं। इस देश को एक मोदी नहीं एक हजार मोदी सुधार नहीं सकते  ! क्योंकि पूरा तंत्र ही सड़ चुका है...!!!


16 अगस्त, 2016 को जानलेवा हमले के शिकार हुए थे,भाजपा नेता लल्लूराम गुप्ता...

अखिलेश सरकार में गोली मारने वाले को भी प्रतापगढ़ पुलिस सत्ता पक्ष के विधायक के दबाव में बख्स दिया गया डी आई जी का भी आदेश बेअसर रहा भाजपा नेता लल्लू गुप्ता को 16 अगस्त, 2016 को गोली मारी गई और हत्या का प्रयास करने वाले सत्ता पक्ष के विधायक मुन्ना यादव के साथ घूमते रहे भाजपा नेता लल्लू राम गुप्ता को इस बात पर नाज था कि सूबे में भाजपा की योगी सरकार में उन्हें न्याय मिलेगा और उनके ऊपर कातिलाना हमला करने वाले को सजा अवश्य मिलेगी परन्तु उनकी धारणा पर पानी फिर गया क्योंकि आरोपी की मदद भाजपा के कुछ बड़े नेता करने लगे अपनी ही सरकार में भाजपा नेता को अपने ऊपर जानलेवा हमले के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए दरदर की ठोकरें खानी पड़ रही है देखते-देखते अपनी सरकार के भी दिन खत्म हो गए,परन्तु न्याय नहीं मिल सका...!!!


थाना कोहड़ौर के करिस्ता मोड़ पर गोली लगने के बाद जिला अस्पताल पहुँचे थे,लल्लू गुप्ता...

सरकार चाहे जिस दल की रहे, परन्तु भ्रष्टाचारियों का कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। बात मेरी थोड़ी अटपटी सी है,परन्तु हकीकत से जरा भी इधर-उधर नहीं बात कर रहा हूँ पंचायत में विकास योजनाओं के नाम पर लूट खसोट और भ्रष्टाचार करके धनार्जन करना और उस धनार्जन से सबका मुँह बंदकर समाज में इज्जतदार इंसान बने रहने का ढोंग करना जब एक ग्राम प्रधान के घपले घोटाले और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए उसी ग्राम पंचायत का एक नागरिक आगे आता है तो उसे रास्ते से हटाने के लिए भ्रष्टाचारियों द्वारा उसके ऊपर कातिलाना हमला कराया जाता है भ्रष्टाचारियों के मंसूबे इतने खतरनाक रहे कि वह उस कहावत को चरितार्थ करने में लग गए कि न रहे बांस और न बजे बांसुरी। फिर भी उस कातिलाना हमले में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले भाजपा नेता लल्लू राम गुप्ता बच गए  आज भी वह अपने स्तर से अपनी लड़ाई लड़ने में पीछे नहीं हैं     


विधानसभा-2022की रणनीति के लिए रमेश यादव के घर पर पहुँचे पूर्व विधायक मुन्ना यादव...

ऐसा ही एक प्रकरण ग्रामसभा लाखीपुर का है, जिसमें विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हुए कार्यों में तत्कालीन ग्राम प्रधान रमेश यादव जो 10 वर्षों तक उन योजनाओं में घपले घोटाले कर मालामाल हो गया और सपा के राज्य में विधायक मुन्ना यादव का रिश्तेदार बनकर तत्कालीन DPRO कुंवर सिंह यादव से मिलकर ग्राम लाखीपुर में खंड़जा आदि उखाड़ कर उस पर सी सी सड़क बनाकर पुरानी ईंट दूसरे कार्यों में उसे उपयोग कर उसका भुगतान नए ईंट के रूप में किया गया। चूँकि DPRO प्रतापगढ़ कुंवर सिंह यादव रहे इसलिए सभी स्वजातीय होने का फायदा उठाया और पंचायत स्तर का बड़ा घोटाला कर डाला उसी ग्राम पंचायत के रहने वाले भाजपा नेता लल्लू राम गुप्ता जब ग्राम प्रधान रमेश कुमार यादव के भ्रष्टाचार और लूट घसोट करने के खिलाफ आवाज उठाई तो पहले उन्हें मना किया गया और न मानने पर उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया  


DIG रेंज इलाहाबाद का आदेश भी निरर्थक साबित हुआ...

आदर्श तालाब में बनाते समय उसका काफी हिस्सा पर कब्जा कर लिया। सूचना मांगने पर सूचना भी नहीं मिलती। चूंकि ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार में सेक्रेटरी, बी डी ओ और DPRO तक संलिप्त हैं। ऊपर से पूर्व विधायक मुन्ना यादव का दबाव। वर्तमान में रमेश यादव समाजवादी पार्टी में जिला सचिव है। जब एक पूर्व प्रधान के द्वारा किये गये घपले और घोटाले को उजागर करने और जांच कराकर उसे जेल भेजवाने में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं तो मंत्री, विधायकों और सांसदों सहित विभागाध्यक्ष की जांच कराना कितना कठिन है ? तभी तो भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वर्तमान में लाखीपुर ग्राम पंचायत अब नव सृजित नगरपंचायत में शामिल होकर एक वार्ड का रूप ले लिया है यानि अब पुराने घपले घोटाले और लूट घसोट करने वाले सब मौज करें उन पर कोई एक्शन नहीं होगा   


16अगस्त,2016 को CO सिटी जिला अस्पताल पहुँचकर स्वीकार किया था कि गोली लगी है...

केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार कहती है कि भ्रष्टाचारियों से लड़ने के लिये शिकायत कर्ता को सुरक्षा और संरक्षा दिया जायेगा। पर ये सब बातें सिर्फ राजनैतिक मंच और खबरों की सुर्खियों तक ही सिमट कर रह जाती हैं। चूंकि इस भ्रष्टचार से लड़ रहे लल्लू गुप्ता को पूर्व प्रधान रमेश यादव भ्रष्टाचार की जांच की आंच से आजिज आकर भाड़े के शूटरों से गोली मरवाई थी, परंतु लल्लू गुप्ता भाग्यशाली रहे जो गोली लगने के बाद भी बच गए। हाँ, उन्हें पीड़ा इस बात से जरूर है कि वो बाल स्वयं सेवक रहते भाजपा से जुड़े रहे। एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को अपना सहयोग देते रहे,परंतु गोली खाकर भ्रष्टचार की लड़ाई में वह अब कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। हत्या के प्रयास जैसे गम्भीर आरोप में योगी सरकार की निकम्मी और भ्रष्ट पुलिस उसी भ्रष्टाचारी का सहयोग कर रही है। उसे बचा रही है ताकि शिकायतकर्ता लल्लू गुप्ता कमजोर होकर शांत बैठ जाए। अपनी ही सरकार में अपने ऊपर कातिलाना हमले के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए भाजपा नेता लल्लू राम गुप्ता दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं   


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