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शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

एक माह से लगातार प्रदेश भर में ब्राह्मणों को बसपा के प्रति पुनः आस्था जगाने में बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की ललकारा भी नहीं आ रही है,काम

बीजेपी व सपा एक सिक्के के दो पहलू ! बीजेपी ब्राह्मणों का वोट लेकर सिर्फ दिया धोखा ! पूरे प्रदेश में 16%हैं, ब्राह्मण ! एकजुट होकर जिस दल को देंगे वोट, बनेगी उसी दल की सूबे में सरकार ! बसपा से ब्राह्मणों को जोड़ने में लगे हैं, बसपा सुप्रीमों मायावती के चाणक्य सतीश चन्द्र मिश्र ! परन्तु नहीं मिल रहा है, उन्हें ब्राह्मणों का अपेक्षित साथ और सहयोग...!!!


बसपा के चाणक्य सतीश चन्द्र मिश्र से इस बार रिझाये नहीं रिझ रहा ब्राह्मण...


23जुलाई को अयोध्या से बसपा का यूपी मिशन-2022 शुरू करने वाले सतीश मिश्रा रामलला के दर्शन कर ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने के लिए जिलेवार सूबे भर में प्रबुद्ध वर्ग सम्म्लेलन का नाम देकर जनसभाएं कर रहे हैं,परन्तु बसपा के प्रति न तो मतदाताओं का रुझान बन पा रहा है और न ही बसपा में कोई नेता ही शामिल हुआ जिससे यह माना जाए कि बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है। पूरे प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं के वोटों पर गिद्ध रुपी नजर सभी दलों ने बना रखा है,परन्तु ब्राह्मण मतदाता को समझ पाना इतना आसान नहीं जितना राजनीतिक दलों के नेता समझ रहे हैं

मायावती ने पूरे राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया और इसकी शुरुआत 23 जुलाई को अयोध्या से बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र के नेतृत्व में की गईमायावती बहुत सोच समझकर अपने सबसे खास नेता और ब्राह्मण फेस सतीश चंद्र मिश्र को इसकी जिम्मेदारी दी हैहालांकि, ऐन मौके पर ब्राह्मण सम्मलेन का नाम बदलकर 'प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी' कर दिया गया है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत सम्मेलनों पर रोक लगा दी थीइसलिए बसपा के रणनीतिकर जातिगत सम्मलेन का नाम बदल दियालेकिन ये सिर्फ नई पैकिंग में पुराने माल जैसा है खेल हो या सियासी बाजी जो दांव चल जाता है, वो ट्रंप कार्ड कहलाता है और जो फेल हो जाता है वो 'मंथन शाला' में चला जाता है


बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी कभी एक कार्ड खेला था, जिसको ब्राह्मण कार्ड माना गया यूपी की राजनीति में उनके इस दांव का ऐसा असर हुआ कि मायावती को पूर्ण बहुमत के साथ मुख्यमंत्री की गद्दी प्राप्त हुई थी। सूबे में सिर पर विधानसभा चुनाव-2022 है और बसपा को विरोधी दल न तो तीन में मान रहे हैं और न ही तेरह में मानकर चल रहे हैं। ऐसे में बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक बार फिर वही पुराना तीर तरकश से निकाला है। बसपा के थके हुए नेता सतीश चन्द्र मिश्र ब्राह्मण सम्मेलनों में ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है खुद को ब्राह्मणों का सबसे बड़ा हितैसी बताने वाले सतीश चन्द्र मिश्र से कोई पूँछ ले कि जरा पाँच साल जब सूबे में बसपा की सरकार रही और आप बसपा सुप्रीमों के चाणक्य रहे तो कितने ब्राह्मणों का भला किया ? तो शायद उस वक्त सतीश चन्द्र मिश्र जी की बोलती बंद हो जायेगी

चाणक्य की भूमिका का निर्वहन करने वाले सतीश चन्द्र मिश्र की इस बार डाल गलने वाली नहीं है। वह भाजपा और सपा को चाहे जितना कोस लें, परन्तु सूबे की जनता विशेष रूप से ब्राह्मण उनके किसी बहकावे में आने वाला नहीं है। ब्राह्मणों को रिझाने के लिए बसपा नेता सतीश मिश्र कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या के नाम पर वोट लेकर धोखाधड़ी करने का काम किया है। एनकाउंटर के नाम पर ब्राह्मण समाज के मजबूत लोगों को मारा जा रहा है। पूरे प्रदेश में एक-एक घटनाओं से पता चलता है कि ब्राह्मणों से कितना नफरत यह बीजेपी की सरकार करती है। कानपुर में बीकरू कांड में आदेश जारी हुआ कि एक भी ब्राह्मण बचने न पाए। हरियाणा से साढ़े सत्रह वर्ष के लड़के को लाकर गोली मार दी। आसपास के 50 ब्राह्मण लोगों को जो कोलकाता, मुंबई जैसे महानगरों में थे, उन्हें पकड़ा गया और फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। खुशी दुबे को जो साढ़े सोलह वर्ष की है, उसे तमाम तिकड़म कर जेल भेज दिया गया। लखनऊ से आदेश देकर बेल नहीं होने दी।


बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने ये सभी आरोप लगाकर बीजेपी सरकार को एक माह से घेरने का कार्य कर रहे हैं,परन्तु कोई असर नहीं हो रहा है। ब्राह्मणों के साथ ही दलितों के अत्याचार के किस्से बताकर कहा दलितों पर जितनी कोशिश कर लें, ये बहन मायावती के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। सतीश चंद्र मिश्र ने समाजवादी सरकार को भी जमकर निशाने पर लिया और कहा कि इनकी सरकार गुंडों माफियाओं की थी, जिसे लोग भूले नहीं हैं। ब्राह्मण समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से बसपा के चलाए जा रहे प्रबुद्ध जन सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के अगुवाई में अभी तक बसपा से नाराज होकर दूसरे दलों में जा चुके पूर्व बसपा नेता अथवा बसपा की नीतियों से खुश होकर एक भी नेता एक माह के अंदर बसपा में शामिल नहीं हो सका। अभी तक कुल 34वां सम्मेलन का आयोजन हो चुका है। इस दौरान योगी के कथित राम राज्य पर सवाल खड़े किए।


लगभग सभी आयोजनों में वही घिसी पिटी बातें सतीश चन्द्र मिश्र मंच से बोलते हैं हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी लोगों को 15 लाख देने का ऐलान किया था। 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन नौकरी देने के बजाय उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को उद्योगपतियों को बेच कर नौकरियां छीनने का काम किया हैनोटबंदी और जीएसटी के चलते बहुत सारे छोटे-छोटे कल कारखाने बंद हो गए और इसके बंद होने से भी बहुत सारे युवा बेरोजगार हो गए। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने रोजगार के बदले पकौड़ा बेचने की बात कर रही है पढ़ा-लिखा नौजवान पकौड़ा बेचकर अपना और अपने परिवार की परवरिश करेगा, लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैक्योंकि हम ठेला वाले और ऐसे ही लोगों की पार्टी के माध्यम से मदद करते रहते हैं। भाजपा महिलाओं की सुरक्षा की बात कही थी, लेकिन आज हर 2 घंटे पर प्रदेश में महिलाओं के साथ रेप हो रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया जगत में भी यहां की घटनाओं का जिक्र हो रहा है। देश के पीएम मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, लेकिन दोगुना करने की तो बात छोड़िए उन्हें शून्य पर लाकर खड़ा कर दिया है

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