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बुधवार, 4 अगस्त 2021

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का दामन थाम सकते हैं,भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक बृजेश सौरभ

भाजपा नेता अश्वनी सोनी के बाद पूर्व विधायक बृजेश मिश्र ''सौरभ'' भी भाजपा का छोड़ सकते हैं,दामन...!!! 


विधानसभा चुनाव-2022 की उम्मीदवारी के लिए पूर्व विधायक बृजेश मिश्र "सौरभ" जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का थाम सकते हैं,दामन...!!!


भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक बृजेश मिश्र "सौरभ'

पंचायत चुनाव के बाद सूबे में सभी दलों में विधानसभा टिकट के लिए मारामारी अभी से शुरू हो गई है एक-एक विधानसभा से आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी के लिए हैरान व परेशान दिख रहे हैं दलबदलू और मौकापरस्त स्वार्थी नेता एक दल में रहते हुए दूसरे दलों में घुसपैठ करने में भी पीछे नहीं हैं कुछ तो अपने विधानसभा में होर्डिंग्स लगाकर अपने को उम्मीदवार बताने से भी नहीं चूक रहे हैं कुछ तो इस कदर उछल कूंद मचाये हैं कि अपने दल में उतनी आस्था नहीं है, जितनी दूसरे दल में है सबसे रोचक बातें यह हैं कि अपनी-अपनी उम्मीदवारी  के लिए हर कर्म कुकर्म करने के लिए ये उम्मीदवार हमेश तैयार बैठे हैं इनके चाल, चेहरे और चरित्र  के विषय में सोचना ही ब्यर्थ है  


भाजपा में रहते जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष का गुणगान बहुत कुछ कहता है...

प्रतापगढ़ में कुल 7 विधान सभा हैं, जिनमें एक विधानसभा बाबागंज रिजर्व रहती है और उस पर राजा भईया का आधिपत्य रहता है, सो वहाँ पर विशेष रूप से कोई चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता राजनीतिक दल सिर्फ उम्मीदवार देकर खानापूर्ति का कार्य करती हैं अब आते हैं कुंडा विधानसभा पर जहाँ वर्ष-1993 से उस सीट पर बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह का कब्जा बना हुआ है उन्हें हराने और धूल धूसरित करने के दावे तो हर बार किये जाते हैं, परन्तु चुनाव परिणाम में सब धराशायी हो जाते हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के लिए आम धारणा बन चुकी है कि कुंडा और बाबागंज में शहीद होने के लिए चुनावी मैदान में अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवार चुनाव में उतरे हैं। जमानत जब्त कराकर घर वापस चले जायेंगे और पांच साल स्वयं को कोसेंगे 


पूर्व विधायक/भाजपा नेता बृजेश सौरभ का राजा भईया के पक्ष में गढ़ रहे हैं,कसीदे... 

कुंडा और बाबागंज की ही तरह रामपुर खास विधानसभा है जहाँ लगभग 45 वर्षों से एक झंडा फहर रहा है रामपुर खास विधानसभा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है रामपुर खास विधानसभा से विधायक निर्वाचित होते रहे प्रमोद कुमार को वर्ड की गिनीज बुक में स्थान मिला आरोप लगता रहा है कि सभी दलों में अपनी पैठ बनाने में सफल रहने वाले प्रमोद कुमार डमी उम्मीदवार उतरवा कर अपनी विधानसभा रामपुर खास को कांग्रेस का दुर्ग बना डाला जो अभेद हो चुका है अब बची सदर प्रतापगढ़, विश्वनाथगंज, रानीगंज और पट्टी विधानसभा जहाँ से दो सीट पर भाजपा और दो सीट पर उसका सहयोगी दल अपना दल एस के विधायक निर्वाचित हैं सबसे अधिक गदर 248-सदर विधानसभा के लिये घमासान मचा हुआ हैं 


भर गया भगवा से बृजेश सौरभ का मन...

सदर विधानसभा प्रतापगढ़ जिसमें शहर भी सम्मिलित रहता है, जो सबसे संवेदनशील रहता है जिसके लिए यह कहा जाता है कि एक या दो उम्मीदवार को छोड़ दें तो यहाँ पर वर्तमान विधायक जल्दी रिपीट नहीं होते इसलिए सारे नए उम्मीदवार सदर में गदर करने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं वर्तमान में सदर में अपना दल एस के विधायक राजकुमार "करेजा पाल" हैं और भाजपा का गठबन्धन अपना दल एस से होने की संभावना अभी भी प्रबल बनी हुई है ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा से जो नेता सदर विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बनाया है, उसका मन अशांत और अधीर बना हुआ है इसलिए अब भाजपा के नेता दूसरे दलों में जाने की शुरुवात कर चुके हैं 


भाजपा नेता अश्वनी सोनी मय टीम हो गए सपाई...

वर्ष-2017 में रानीगंज विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार धीरज ओझा के चुनाव में होर्डिंग्स लगाकर चर्चा में आये अश्वनी सोनी भी लोकसभा चुनाव-2019 और विधानसभा उप चुनाव-2019 में टिकट की इच्छा रहने वाले अश्वनी सोनी को सफलता न मिलने के बाद वर्ष-2022 के आम चुनाव में अश्वनी सोनी बिना आगे-पीछे सोचे ही भाजपा को त्यागकर समाजवादी पार्टी में अपनी आस्था जताते हुए सदर विधान सभा का उम्मीदवार बनने समाजवादी पार्टी में जा चुके हैं, जहाँ पहले से ही मारामारी है अब उसी कड़ी में पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ भी भाजपा को कभी भी अलविदा बोल सकते हैं प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज के नामकरण के बाद पार्टी में बगावती बोल बोलते हुए गठबंधन दल के नेताओं से झाऊ झाऊ करके प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र की जनता में अपनी पैठ बनाने की नियत से पूर्व विधायक बृजेश सौरभ पहले समाजवादी पार्टी में अंदर ही अंदर गुणा गणित कर रहे थे, परन्तु वहाँ बात न बनी 


फेसबुक पर भगवाधारी फीगर हटाकर निर्दलीयों की तरह लगाया था बैनर...

विगत दो दिनों से पूर्व विधायक बृजेश सौरभ जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" के विषय में अपनी फेसबुक आई डी से अपने उनके लिए कसीदे गढ़ रहे हैं कल से राजनीति के जानकार पूर्व विधायक बृजेश सौरभ के द्वारा गढ़े जा रहे कसीदे पर नजर बनाये हुए हैं बृजेश सौरभ छात्र राजनीति से राजनीति में आये हैं और उन्हें इस बात का ज्ञान है कि उन्हें कहाँ से टिकट मिल सकता है और कहाँ से टिकट कट सकता है ? इस लिहाज से पूर्व विधायक बृजेश सौरभ को एहसास होने लगा कि वर्ष-2022 में भी उन्हें टिकट मिलने से रहा सो उन्होंने समय रहते अपनी ब्यवस्था बनाने में जुट गए हैं चूँकि बृजेश सौरभ को यह बात अच्छी तरह से ज्ञात है कि भाजपा का गठबंधन अपना दल एस से बना रहा तो गठबंधन दल से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा क्योंकि अपना दल एस यदि वर्तमान विधायक राजकुमार "करेजा पाल" का टिकट काटती है तो किसी पिछड़ी जाति पर ही दाँव लगाएगी   


भाजपा नेता बृजेश सौरभ ने अपने ही शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ फूंका बिगुल...

उसी क्रम में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" के विषय में पूर्व विधायक बृजेश सौरभ द्वारा कसीदे गढ़े जा रहे हैं। क्षत्रियों का मत राजा भईया की वजह से मिल जायेगा और ब्राह्मण मतदाता उन्हें ब्राह्मण उम्मीदवार मानकर अपना मत दे देगा किसी दल से गठबंधन हुआ तो सोने पर सुहागा हो जायेगा इस तरह पूर्व विधायक बृजेश सौरभ एक बार पुनः विधायक बन सकते हैं, ऐसा वे स्वयं और उनके समर्थक मान रहे हैं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को भी ब्राह्मण नेता चाहिए सो बृजेश सौरभ का जनसत्ता दल लोकतांत्रिक में जाना कोई अतिश्योक्ति न होगी मेडिकल कालेज के नामकरण को लेकर सबसे अधिक विरोध सत्ताधारी दल से बृजेश सौरभ ने ही किया और विरोध करके जिले में अपनी पहचान अगड़ी जाति के उत्थान के लिए प्रयास करने वाले नेताओं में स्वयं को शुमार किया है    


मेडिकल कालेज के नामकरण को लेकर पूर्व विधायक सौरभ ने दिया था, ADM को ज्ञापन...

पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता बृजेश सौरभ को अंदाजा हो चुका है कि इस बार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठबंधन या तो भाजपा से होगा अथवा कांग्रेस से होगा दोनों स्थिति में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से जुड़कर सदर विधानसभा का टिकट लिया जा सकता है। कुछ अपना जनाधार तो कुछ जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का जनाधार और गठबंधन होने की स्थिति में जिले में कम से कम पाँच सीट जनसत्ता दल लोकतांत्रिक लेने का पूरा प्रयास करेगा और उस दशा में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से टिकट की उम्मीदवारी अभी से पक्की कर लेने से विधायक बना जा सकता है। इसलिये पूर्व विधायक बृजेश सौरभ के मन में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भईया पर कसीदे गढ़ने की वजह राजनीति के जानकार मान रहे हैं। ऐसे में राजनीति के जानकारों का कहना है प्रतापगढ़ जिले में बड़ा राजनैतिक फेरबदल होने वाला है  


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