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शनिवार, 10 जुलाई 2021

आसपुर देवसरा के ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में जमकर हुआ बवाल, सपा समर्थकों ने पुलिस टीम पर किया पथराव

सत्तापक्ष पर भारी पड़ा विपक्ष...!!! 


ढ़ाई लाख रूपये का इनामिया सभापति यादव की बहू सुषमा यादव है,आसपुर देवसरा ब्लॉक प्रमुख पद की उम्मीदवार...


मतदान के दौरान सपा और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच चले ईंट पत्थर...


प्रतापगढ़ आसपुर देवसरा में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बवाल होने की आशंका पुलिस प्रशासन पहले से ही मान रहा था, क्योंकि नामांकन के दिन जिस तरह से सभापति यादव की बहू सुषमा यादव पत्नी कुलदीप यादव ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भारी भरकम भीड़ भाड़ के साथ नामांकन किया उससे लग रहा था कि आसपुर देवसरा में सत्तापक्ष का दबाव आसपुर देवसरा की पूर्व प्रमुख माधुरी यादव की बहू सुषमा यादव और उसके समर्थकों में लेशमात्र नहीं दिख रहा था 


आसपुर देवसरा ब्लॉक मुख्यलय...


आसपुर देवसरा ब्लॉक प्रतापगढ़ जनपद के उत्तर और पूर्वी छोर पर स्थित है साथ ही जौनपुर व सुल्तानपुर का बार्डर भी है। आसपुर देवसरा में यादव का बोलबाला है और यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण रामलखन यादव पट्टी विधानसभा से समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक भी निर्वाचित हुए थे सभापति यादव का जो दबदबा आसपुर देवसरा में बना वह यादवों के संगठित होने की वजह से बना हुआ है सत्तापक्ष की खिलाफत के बावजूद सभापति यादव के परिवार से जितने बीडीसी सदस्य चुनाव लड़े वह सब जीत गए यही नहीं जिला पंचायत सदस्य पद पर अमरावती यादव चुनाव जीती तो सपा ने उसे अपना जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार भी बनाया


समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुषमा यादव...

सच बात तो यह है कि कैबनेट मंत्री मोती सिंह कभी सभापति यादव के आका हुआ करते थे और उन्हीं के इशारे पर सभापति यादव चला करता था परन्तु राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी बनती व बिगड़ती रहती है मंत्री मोती सिंह और सभापति यादव में जो वैमनस्यता आज है उसके पीछे एक-दूसरे का स्वार्थ निहित है राजनीति में सभापति यादव को आगे करने का श्रेय मंत्री मोती सिंह को ही जाता है सच तो यह है कि सभापति यादव की पत्नी माधुरी यादव को मंत्री मोती सिंह ने भाजपा से टिकट दिलाकर आसपुर देवसरा का कभी प्रमुख निर्वाचित कराने में अहम भूमिका निभाई थी और आज एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं सभापति यादव को राजनीति में लाने और उसे इस लेबल तक पहुँचाने में मंत्री मोती सिंह को जनक कहना गलत न होगा  


कैबिनेट मंत्री मोती सिंह...


मंगरौरा,पट्टी और बेलखरनाथ विकास खण्ड में मंत्री मोती सिंह जिस तरह से ब्लॉक प्रमुख पद का निर्वाचन निर्विरोध कराया वह स्थिति आसपुर देवसरा में संभव नहीं हो सकी पट्टी विधानसभा में मंत्री मोती सिंह आसपुर देवसरा से हर समय शिकस्त खाते हैं वहाँ के पिछड़ी जाति के लोग मंत्री मोती सिंह को कम पसंद करते हैं यादव जाति के लोग तो मंत्री मोती सिंह से खार खाए रहते हैं वर्ष-2012 मंत्री मोती सिंह के हार की वजह भी आसपुर देवसरा रहा कैबिनेट मंत्री मोती सिंह भी इसी वजह से आसपुर देवसरा के यादव विरादरी से अंदर ही अंदर जलन रखते हैं। मंत्री मोती सिंह नहीं चाहते कि उनके राजनीतिक जीवन में कोई काँटा बनकर उभरे मंत्री जी एक तीर से दो निशाना लगाने के माहिर खिलाड़ियों में से हैं सूत्रों की माने तो मंत्री मोती सिंह का आसपुर देवसरा में सभाजीत यादव को लेकर एक फंडा बहुत फेमस हुआ करता था 


आसपुर देवसरा का बाहुबली सभापति यादव जो मंत्री मोती सिंह के लिए कर दिया है,नाक में दम...


आतंक का पर्याय बन चुके सभापति यादव का जितना आतंक बढ़ा और उस आतंक से जितने सवर्ण विरादरी के लोग प्रभावित हुए वो सारे प्रभावित लोग भागकर मंत्री मोती सिंह की शरण में आकर पनाह लिए यानि एक तरह से समझा जा सकता है कि आसपुर देवसरा में सभापति यादव जितना आतंक मचाते थे, मंत्री मोती सिंह को राजनीतिक रूप से उतना ही फायदा होता था फिलहाल सवर्ण विरादरी के लोग अपनी इस दशा को जानते व समझते हैं, परन्तु मामा मारीच की दशा में जीने को मजबूर हैं मंत्री मोती सिंह आसपुर देवसरा में जो बोये हैं, वही आज काट रहे हैं आसपुर देवसरा प्रमुख पद पर कब्जा करने के लिए मंत्री मोती सिंह अपने खास कमला कांत यादव जो कभी बाबा बेलखरनाथ धाम का प्रमुख हुआ करते थे, उसी को मंत्री मोती सिंह बाबा बेलखरनाथ धाम से आसपुर देवसरा शिफ्ट कराया और रातोंरात मतदाता सूची से नाम कटवा कर कमला कांत यादव को निर्विरोध बीडीसी निर्वाचित कराया उसी को भाजपा से टिकट दिलाकर यादव बाहुल्य क्षेत्र आसपुर देवसरा में सभापति यादव की काट खोजा 


भाजपा उम्मीदवार एवं मंत्री मोती सिंह की खास पूर्व प्रमुख कमला कांत यादव...


पूर्व प्रमुख कमला कांत यादव और पूर्व प्रमुख माधुरी यादव के समर्थकों के बीच आज मतदान के समय पहले एक दूसरे से झड़प शुरू हुई और देखते ही देखते झड़प मारपीट में तब्दील हो गई पुलिस बीच बचाव करने का प्रयास किया तो पूर्व प्रमुख माधुरी यादव के समर्थक और सपाईयों ने पुलिस पर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि सत्ताधारी दल भाजपा और मंत्री मोती सिंह के इशारे पर प्रमुख पद के लिए कराये जा रहे मतदान में बेईमानी कराई जा रही है आसपुर देवसरा में कुल 72 बीडीसी हैं, जिसमें 50 बीडीसी ने अपना मतदान कर लिया था तभी समाजवादी पार्टी की तरफ से बेईमानी करने का आरोप आर ओ और ए आर ओ पर लागाये जाने लगे जिस पर सत्ताधारी दल भाजपा के उम्मीदवार कमला कांत यादव और उनके समर्थकों ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में ईंट पत्थर चलने लगे पुलिस को मारपीट रोकने के लिए लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े आसपुर देवसरा ब्लॉक में बवाल जारी है सपाई बीडीसी सदस्य का वोट पहले से ही पड़ने की सूचना पर सपाई समर्थक खफा हो गए चुनाव में धांधली का आरोप लगा कर बवाल करने लगे। बवाल की सूचना पर आसपुर देवसरा ब्लॉक मुख्यालय की तरफ भारी फोर्स रवाना हुई है 


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