सत्ताधारी नेता के आगे बाहुबल और धनबल नहीं आता काम, सबको मात देकर सत्तापक्ष का दबंग विधायक और मंत्री कर लेते हैं, अपने विधान सभा क्षेत्र की ब्लॉको पर कब्जा...!!!
बाहुबल और धनबल का होता है,ब्लॉक प्रमुख चुनाव... |
प्रतापगढ़ जनपद में कुल 17 ब्लॉक मुख्यालय हैं और सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रमुख पद का चुनाव भी सम्पन्न हुआ। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव दल का चुनाव न होकर, दबंगई का चुनाव माना गया है। जिसके पास दबंगई है, वहीं ब्यक्ति ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीत सकेगा। बाहुबल के बाद ही धनबल कार्य आता है।
धनबल तभी काम आता है जब बाहुबल हो ! अन्यथा धनबल के सहारे बहुत कम सीट निकल पाती है। उदाहरण के लिए जनपद प्रतापगढ़ में लक्ष्मणपुर ब्लॉक प्रमुख पद पर प्रेमलता सिंह को निर्विरोध कराने के लिए बाहुबल काम नहीं किया, बल्कि वहाँ धनबल ही कार्य किया। ऐसा अपवाद में ही संभव होता है। बाकी जिले की 16 सीटों पर बाहुबल ही काम आया।
बाहुबल वहाँ फेल हो जाता हैं, जहाँ सत्ता का बल सामने आ जाता है। आसपुर देवसरा और शिवगढ़ ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव परिणाम प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। चूँकि शिवगढ़ ब्लॉक पर विनोद दुबे का कब्जा रहा तो आसपुर देवसरा में सभापति यादव का कब्जा रहा, परन्तु आसपुर देवसरा में मंत्री मोती सिंह और शिवगढ़ में विधायक धीरज ओझा ने सत्ता की दबंगई दिखाकर सीट हथिया ली, ऐसा मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवारों ने आरोप लगाये हैं।
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