सूबे में 22 सीटों के निर्विरोध के बाद शेष 53 सीटों पर हो रहा है,जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव...!!!
सूबे में आज हो रहा है,जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान... |
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष के 75 जनपदों में से 22 जनपदों में निर्विरोध की प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है। शेष 53 जनपदों में चुनाव होना है। खुलेआम सदस्यों की खरीद फरोख्त का कार्य किया गया। जिला पंचायत सदस्यों को खुश करने के लिए प्रीति भोज तक किये गए और उससे यह सन्देश देने की कोशिश की गई कि उनके पास बहुमत प्राप्त करने की पर्याप्त संख्या बल है।
यह सर्व विदित है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में यदि बहुमत किसी के पक्ष में स्पष्ट नहीं रहता तो उस दशा में जिला पंचायत सदस्य को अपने पक्ष में करने के लिए एक सदस्य को 10 से 15 लाख रूपये तक देकर अपने पक्ष में किया जाता है। ये सामान्य तौर पर देखा गया है। मामला जितना पेचीदा होता है, रेट उतना ही बढ़ता जाता है। इसका कोई आंकलन नहीं किया जा सकता कि किस जिला पंचायत के बोर्ड बनाने में कितने रूपये खर्च होंगे ? फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव शासन सत्ता के बल पर अथवा स्वयं के बाहुबल और धनबल पर ही जीता जा सकता है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के चुनाव में जिस तरह अंधेरगर्दी शासन सत्ता द्वारा करके कुर्सी पर कब्जा किया जाता है, वह स्वस्थ लोकतंत्र को शर्मशार करता है। फिर यह मुद्दा उठता है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रमुख पद का चुनाव भी निकाय के चुनाव सरीखे सीधे जनता से कराया जाएगा, परन्तु यह बातें कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाती हैं। कई बार यह शिकायत मिलती है कि जिला पंचायत सदस्यों को अगुआ कर लिया गया है और चुनाव बाद उसे छोड़ दिया जाता है। पर यह शिकायत अगुआ किये गए ब्यक्ति अथवा उसके परिजनों द्वारा न होकर राजनीतिक दलों द्वारा किया जाता है जो पुलिस प्रशासन के लिए मायने नहीं रखता।
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