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रविवार, 25 जुलाई 2021

अपराधियों की गोली का जवाब गोली से देने वाले नवागत कप्तान साहब की बोली जिले के अपराधियों की बन्दूक से निकलने वाली गोली के आगे दम तोड़ती नजर आ रही है

जनपद प्रतापगढ़ में कायम हो गया जंगलराज, एक दिन में कई जगह हुई मारपीट की बड़ी वारदात से कानून ब्यवस्था पर लगा प्रश्नचिन्ह...!!!


पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत के साथ-साथ अपराधियों के सिर पर रहता है सांसद, विधायक और मंत्रियों का है, हाथ...!!!


प्रतापगढ़ में घटित घटनाओं से हतप्रभ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने मीडिया को बाईट देने से बचते रहे और अंत में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेन्द्र द्विवेदी से दिलवाई बाईट...!!!


तेजतर्रार आईपीएस सतपाल अंतिल की भी प्रतापगढ़ में चकौती हुई गुल...


प्रतापगढ़। यह मान लेने में कोई बुराई नहीं है कि बेल्हा में शराब माफियाओं के ऊपर कानून का डंडा चलने की स्थिति में नहीं है। यहाँ जो कप्तान पोस्ट किये जाते हैं वो आते तो बहुत ही जोश के साथ,परन्तु उनके आते ही बेल्हा के दबंग और बेखौफ अपराधियों के आगे वह नतमस्तक हो जाते हैं। फिर खुद ही छुट्टी लेकर प्रतापगढ़ से अपना बोरिया विस्तर लेकर प्रतापगढ़ से चले जाने में अपनी भलाई समझते हैं। जब कानून के रक्षक के मुखिया की यह दशा होगी तो प्रतापगढ़ में कानून का राज स्थापित हो सकेगा, यह कह पाना मुश्किल होगा।


आईपीएस सतपाल अंतिल के प्रतापगढ़ पोस्ट होते ही बिना पदभार ग्रहण किये ही प्रतापगढ़ के बेखौफ बदमाशों ने उन्हें सलामी ठोंक दी। जिस दिन कार्यभार ग्रहण किये उस दिन लगातार प्रतापगढ़ के अपराध में इजाफा होना शुरू हुआ जो थम नहीं रहा है। इस समय रानीगंज विधानसभा में चुनावी रंजिश में प्रतिदिन गोली बम और मारपीट की बड़ी घटनाएं हो रही हैं और प्रतापगढ़ की पुलिस वेवश और सहाय बनी हुई है। पुलिस की खौफ और कानून का भय अपराधियों के दिलोदिमाग से निकल चुका है 


जब कानून ब्यवस्था ही प्रतापगढ़ की पुलिस संभालने में हाफ रही है तो प्रतापगढ़ के खूंखार शराब माफियाओं पर पुलिस कार्रवाई करेगी ऐसा सोचना भी पाप होगा। आकाश तोमर द्वारा प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं की कमर जिस अंदाज में तोड़ी गई थी, उसी अंदाज में आगे भी कार्रवाई होती रहती तो बेल्हा के शराब माफियाओं में भी बदलाव और सुधार आने की उम्मीद की जाती। परन्तु शराब माफियाओं की बात करें तो अकेले कुंडा क्षेत्र में जिस तरह शराब माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण मिलने की बात सामने आती है उससे तो यही लगता है कि शासन सत्ता भी इसमें लिप्त है। 


इस आरोप को उस समय बल मिल गया जब संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव आबाकारी विभाग ने स्वीकार किया कि शराब माफियाओं से पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर मिले रहते हैं। शायद उन्हें योगी सरकार इसलिए संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव आबाकारी विभाग से हटा दिया और उनके स्थान पर सेंथिल पांडियन सी को तैनात किया गया। देखना है कि आबकारी विभाग में सेंथिल पांडियन सी सुधार ला पाते हैं अथवा वह भी समय काटकर निकल लेने में अपनी भलाई समझते हैं।     


अलीगढ़ जनपद में हुए जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों के मरने के बाद अलीगढ़ से प्रतापगढ़ का कनेक्शन जोड़कर पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग देख रहा था। चूँकि अलीगढ़ के जिलाधिकारी के पद पर बैठा ब्यक्ति प्रतापगढ़ का रहने वाला है। अलीगढ़ में जहरीली शराब  कांड के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अनिल चौधरी की 5 करोड़, 30 लाख रूपए की संपत्ति को जब्त करते हुए शराब कांड के सभी 35 मुकदमों में चार्ज शीट दायर कर दी गई है। 


गौरतलब है कि अलीगढ़ के तकरीबन छः अलग-अलग थाना क्षेत्रों में बीती 28 मई से शुरू हुए जहरीली शराब पीकर लोगों के मरने के सिलसिले में 100 से भी अधिक लोगों की जान चली गई थी। जहरीली शराब पी लेने से हुई मौत के मामले में रविवार को अलीगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए मुख्य आरोपी अनिल चौधरी की 5 करोड़, 30 लाख रूपए की संपत्ति जब्त कर ली है। आश्चर्य की बात यह है कि बेल्हा के शराब माफियाओ की संपत्ति जब्त करने को कौन कहे, अभी तक नामजद आरोपियो की गिरफ्तारी बेल्हा की पुलिस नहीं कर सकी।


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