जिला पंचायत अध्यक्ष पद की तरह ब्लॉक प्रमुख पद पर सत्ताधारी दल भाजपा चाहती हैं, अधिक से अधिक सीटों पर अपना कब्जा...!!!
विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दंभ भरने वाली भाजपा का असल चाल,चेहरा और चरित्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद और ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में दिख गया ! समूचे प्रदेश में जिस तरह लोकतंत्र की हत्या की गई वह शर्मनाक रहा और योगी सरकार पर बदनुमा दाग लगा दिया...!!!
सूबे में आज होगा ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव... |
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आज समापन हो जायेगा। ब्लाक प्रमुख पद पर आज मतदान होगा, जिसका समय 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक निर्धारित है। कल तक निर्विरोध कराने के लिए सत्ताधारी दल और बाहुबली उम्मीदवारों द्वारा नामांकन प्रपत्र वापसी का खेल खेला गया। जिला पंचायत चुनाव से पहले ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव के लिए बीडीसी के प्रमाण पत्र बाहुबलियों द्वारा जमा करा लिए गए और जो बाहुबल में स्वयं को कमजोर माना वह धनबल का सहारा लिया। बीडीसी को धन देकर अपने पाले में रखने के लिए उनके प्रमाण पत्र जमा करा लिए गए।
कुछ बीडीसी को महीनों से उन्हें उनकी इच्छा पर अलग से ब्यवस्था देकर रखा गया है। उनकी सारी सुख सुविधाओं का विशेष ख्याल भी रखा गया। उनके रहने खाने-पीने की उत्तम ब्यवस्था प्रमुख पद के उम्मीदवार महीनों से उठा रहे हैं। आज मतदान के समय उन्हें सुरक्षित मतदान स्थल लाकर अपने पक्ष में मतदान कराकर उन्हें सम्मानपूर्वक मुक्त कर दिया जाएगा। यही ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव की असलियत है। पंचायत चुनाव में सबसे अधिक गुंडई सत्ताधारी दल के लोग करते हैं। इसमें विधायक, सांसद और मंत्री तक शामिल रहते हैं। लोकतंत्र को शर्मसार करने और उसका गला घोंटने में भी सांसद, विधायक और मंत्री परहेज नहीं करते।
बीडीसी भी बहुत चालाक हो चुके हैं। बीडीसी जैसे प्रमाण पत्र पाया वैसे ही उसकी रंगीन फोटो कॉपी कराकर रख लिया। सामान्य तौर पर यह तय कर पाना कठिन हो रहा था कि असल प्रमाण पत्र कौन है ? इसके पीछे बीडीसी जो ब्लॉक प्रमुख का निर्वाचन करेंगे उनका तर्क है कि पाँच वर्षों में सिर्फ एक बार ही तो उन्हें पूँछा जाता है, बाकी उन्हें सिर्फ ढ़क्कन बनाकर रखा जाता है इसलिए समय के हिसाब से सभी उम्मीदवारों से धन प्राप्त करने में कोई बुराई नहीं है। जो अधिक धन दिया रहेगा अंत में उसे वह अपना मत दे देंगे। जीत हार का वह ठेका थोड़े ही ले रखे हैं। चुनाव परिणाम बाद जब दूसरे हारे हुए उम्मीदवार छाती पर सवार होंगे तो उनका धन किस्तों में वापस कर देंगे। जितना समय धन उपभोग किया उतना समय तो लाभ मिला। इतने चालाक हो चुके हैं,वर्तमान बीडीसी।
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