एक ग्राम प्रधान को क्षेत्र की जनता भले ही भावना में बहकर विधायक बना दे,परन्तु उसकी सोच और विचारधारा नहीं बदला जा सकता। राजकुमार करेजा पाल उन्हीं विधायकों में से हैं...!!!
ग्राम प्रधान से अचानक किस्मत ने साथ दिया तो उप चुनाव-2019 में सदर सीट से संगम लाल गुप्ता के सांसद निर्वाचित होने के बाद 248 सदर प्रतापगढ़ सीट खाली हो गयी तो अपना दल एस के टिकट की लम्बी कतार में राजकुमार करेजा पाल का भविष्य खुल गया और भाजपा की दखल के बाद अपना दल एस से भाजपा कार्यकर्ता राजकुमार पाल को टिकट दिला दिया। उप चुनाव सत्ता के दबाव का होता है, इसलिए राजकुमार करेजा पाल विधायक निर्वाचित हो गए।
राजकुमार "करेजा पाल" भले ही विधायक निर्वाचित हो गए परन्तु उन्हें न तो प्रोटोकाल की जानकारी है और न ही बातचीत करने का सलीका ही पता है। सच बात तो यह है कि विधायक राजकुमार ''करेजा पाल" को एक होमगार्ड भी तवज्जों नहीं देता। निर्वाचित ऐक्सीडेंटल विधायकों में राजकुमार "करेजा पाल" का भी नाम दर्ज हो गया है। राजकुमार "करेजा पाल" आज इतना उत्साहित हो गये कि वह भूल गए कि देश का प्रधानमंत्री कौन है ? यदि करेजा पाल कहीं मंत्री बनाये गए होते तो वह स्वयं को ही भूल जाते...!!!
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