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शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

जानिये मीडिया कार्पोरेट हाउस और टीवी न्यूज चैनल के मालिकों और उनके सहयोगियों के ठिकाने पर आयकर विभाग की जाँच टीम की छापेमारी की हकीकत

आखिर क्यों मीडिया संस्थनों और विपक्षी दलों के नेताओं पर आयकर विभाग की छापेमारी से लोकतंत्र खतरे में आ जाता है और देश भर में भूचाल आ जाता है...???


दैनिक भास्कर समूह और भारत समाचार न्यूज चैनल के मालिक के विभिन्न ठिकानों पर इन्कम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की छापामार कार्रवाई शुरू होने के बाद देश के चौथे स्तम्भ को उखाड़ फेंकने का मोदी सरकार पर लगने लगा आरोप...!!!


आयकर विभाग भारत सरकार...
 
सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं के यहाँ आयकर विभाग की टीम की छापेमारी विपक्षी दलों और मीडिया की आड़ में दलाली करने वाले धृतराष्ट्र को दिखाई नहीं देती, मीडिया कार्पोरेट हाउस के बेईमान मालिकों और शासन सत्ता की दलाली करके कुकरमुत्ते सरीखे न्यूज चैनल खोलने वाले दरबारी पत्रकारों के पास कम समय में आई अकूत धन सम्पदा की जाँच करना बदले की भावना कैसे हो जाती है ? मीडिया की आड़ में नेताओं के निवेश की जाँच होनी चाहिए। इससे कहीं से भी न तो लोकतंत्र खतरे में होगा और न ही चौथा स्तम्भ उखड़ सकेगा...

आयकर विभाग, भारत सरकार...

देश में चाहे जिस दल की सरकार रही हो परन्तु सीबीआई, ED और आयकर विभाग की कार्यवाही को मुख्य विपक्षी दल और अन्य राजनीतिक पार्टियां उसे बदले की कार्यवाही ही बताया करती हैं। जिसके साथ ऐसी कार्यवाही होती है वह तो अपना बचाव करता ही है,परन्तु राजनीतिक नफे-नुकसान के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां बचाव में उतर आती हैं। बात जब मीडिया हाउस की हो तो क्या कहने ? देश भर में दैनिक भास्कर ग्रुप के कई ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ता है तो राजनीतिक हलके में उथल पुथल तो होना ही थामीडिया इंडस्ट्री में हड़कंप मचना ही था भारत के लोकप्रिय समाचार पत्रों में से एक है दैनिक भास्कर समाचार। जब दैनिक भास्कर के मालिकों के यहां आयकर विभाग के छापों की सनसनीखेज खबर आई तो विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के शरीर में मानों करेंट सा दौड़ गया हो

आयकर विभाग के छापेमारी की कार्रवाई जब भी होती है तो एक साथ कई ठिकानों पर की जाती है जिससे छापेमारी की कार्यवाई में कोई रुकावट अथवा अड़चन न उत्पन्न हो सके मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भास्कर समूह पर तो उत्तर प्रदेश में भारत समाचार न्यूज चैनल के मुख्य सम्पादक बृजेश मिश्र और उनके सहयोगी वीरेंद्र सिंह के यहाँ आयकर विभाग के छापेमारी से पूरे देश में हलचल सी मच गई। ऐसा आयकर विभाग की जाँच टीम को पहले से आभास रहा होगा। इसीलिये सत्ताधारी दल भाजपा नेताओं के यहाँ भी आयकर विभाग की जाँच टीम एक साथ छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया ताकि विपक्षी पार्टियां और जिनके खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई हो वह आयकर विभाग की जाँच टीम पर आरोप न लगा सके। परन्तु जिन्हें आरोप लगाना है वह पूँछ कर आरोप नहीं लगाते। वह अपने फायदे और नुकसान के अनुसार ही आरोप लगाया करते हैं

इन्कम टैक्स विभाग की जाँच टीम छापामारी की कार्रवाई से पहले कई महीनों तक छापा मारने वाले संस्थान और उसके मालिकों एवं उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों की पूरी तहकीकात करके ही छापेमारी की कार्रवाई करती है छापेमारी घर एवं संस्थान कुछ नहीं छोड़ा जाता दैनिक भास्कर के भोपाल, नोएडा, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई की गई है। आयकर विभाग की ये बड़ी रेड मानी जा रही है। भास्कर कार्यालय में मौजूद सभी कर्मचारियों के फोन जब्त कर लिए गए। साथ ही किसी को बाहर नहीं जाने दिया गया। मुख्य विपक्षी पार्टी के दिग्गज नेताओं ने इस कार्रवाई को पत्रकारिता पर प्रहार बताया। किसी ने पत्रकारिता पर मोदी शाह का प्रहार बताया तो किसी ने IT, ED, CBI को मोदी शाह का एक मात्र हथियार बताया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है,भास्कर समूह के अग्रवाल बंधु आयकर विभाग की कार्रवाई से डरेंगे नहीं।

भारत समाचार न्यूज चैनल के मालिक बृजेश मिश्र और उनके सहयोगी वीरेन्द्र सिंह के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बौखला गए और ट्वीट कर उ प्र में मीडिया पर छापेमारी की निंदा करने लगे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कोई मौका मोदी और योगी सरकार के खिलाफ बोलने से छोड़ने में पीछे नहीं रहना चाहते। सपा मुखिया अखिलेश यादव का आरोप है कि भाजपा अपनी हार की आशंका से ग्रसित है मीडिया संस्थानों पर आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव-2022 से जोड़कर देख रहे हैं। अखिलेश के अनुसार मीडिया का मुँह बंद करने का ये तरीका भाजपा की ये हारती हुई हताशा बता रही है। ऐसे ही दैनिक भास्कर पर इनकम टैक्स छापों की निंदा हरियाणा-पंजाब के नेताओं ने की है। सबके बयान एक दूसरे से मिलते जुलते हैं। विपक्षी नेताओं के अनुसार आयकर विभाग की यह कार्रवाई प्रेस की आजादी पर हमला है

कोरोना काल में जनता की आवाज उठाने से नाराज होकर उन मीडिया संस्थान पर आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई कराई जो सबसे अधिक सरकार कि नाकामी और असफलता को उठाया था। सरकार उन मीडिया संस्थानों से डर गई। बदले की कार्रवाई कर सरकार उनको सबक सिखाना चाहती है और दूसरे मीडिया संस्थानों को इस कदम से डराना चाहती है विपक्षी दलों की ये दलील थोड़ी देर के लिए मान भी ली जाये तो भाजपा के नेताओं के यहाँ आयकर विभाग की जाँच टीम द्वारा की गई कार्रवाई को क्या माना जाए ? विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भाजपा के नेताओं के यहाँ छापा मारने की कार्रवाई के मुद्दे पर वह कुछ भी बोलने से बचते हैं। उस विषय पर जैसे उन्हें साँप सूंघ जाता है। उनके मुँह पर टेप लग जाता है। मीडिया वाले के लिए क्या देश में दूसरा नियम कानून लागू है ? आखिर ETV में कार्य करने वाले बृजेश मिश्र के पास अकूत दौलत कहाँ से आई ?

भारत समाचार न्यूज चैनल को खोलने में आखिर किसका धन लगाया गया ? समाचार प्लस में नौकरी करने करने वाले अतुल अग्रवाल के न्यूज चैनल हिन्दी खबर में किसका धन लगा है ? किसी नेता के मुँह में जुबान हो तो देश की जनता को बतायेआयकर विभाग के छापेमारी की कार्रवाई के मामले में एक भी बयान ऐसा नहीं आया जिसमें किसी ने ये कहा हो कि आय से अधिक सम्पत्ति चाहे जिसकी हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वह मीडिया पर्सन हो अथवा मीडिया कार्पोरेट हाउस के मालिक हो। जैसे अपराधियों की कोई जाति नहीं होती, वैसे ही आर्थिक और सफेदपोश अपराधियों की भी कोई जाति और वर्ग नहीं होना चाहिए। परन्तु इन स्वार्थी मंदबुद्धि नेताओं को कौन समझाए कि आर्थिक अपराधियों की भी कोई जाति व वर्ग नहीं होता। सच यही है कि देश में काला धन स्विस बैंक से अधिक देश के अन्दर भारत में ही मौजूद है

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