देश के पीएम नरेन्द्र मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी के आकस्मिक निधन पर जताया शोक...!!!
पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी (फाइल फोटो) |
शरद त्रिपाठी बहुत ही कर्मठी नेताओं में से एक रहे, जिन्होंने सांसद रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी का मगहर दौरा कराया। ये उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही। 28 जून, 2018 को पीएम नरेन्द्र मोदी संत कबीरनगर के मगहर में संत कबीर साहब के महापरिनिर्वाण के 500 वें साल व उनके 620 वीं जयंती पर मगहर आये थे।
संत कबीरनगर से पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी का बुधवार की रात में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वर्ष-2014 के लोकसभा चुनावों में शरद त्रिपाठी ने करीब 98 हजार वोटों से विजय हासिल की थी। 6 मार्च, 2019 को संत कबीरनगर में प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन के सामने हुए जूता कांड में शरद त्रिपाठी का नाम सुर्खियों में आया था। यही वो दिन था जब उनके और मेंहदावल से बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच पत्थर पर नाम लिखे होने को लेकर तू-तू मैं-मैं हुई और इसके बाद जूता कांड हो गया। उस बैठक में प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम भी मौजूद थे।
इसके बाद शरद त्रिपाठी के सियासी सफर पर ब्रेक सा लग गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि जूता कांड की पंचायत प्रधानमंत्री मोदी के दरबार तक गयी थी, जिसके बाद वर्ष-2019 में भाजपा ने उनका टिकट ही काट दिया था। पार्टी ने शरद त्रिपाठी का टिकट काटकर उनके पिता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से लड़ाया, जहां से वो जीते और मौजूदा समय में सांसद हैं। इसके बाद से शरद त्रिपाठी सार्वाजनिक कार्यक्रमों में कम नजर आने लगे। शरद त्रिपाठी के करीबी बताते हैं कि जूता कांड की घटना से वो बेहद दुखी थे। उन्होंने माना कि गुस्से में उनके द्वारा विधायक को जूता मारना गलत निर्णय था। जिसका उन्हें आजीवन दुःख रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा “शरद त्रिपाठी के निधन की खबर ने मुझे और साथ ही कई अन्य लोगों को भी दुखी किया है। उन्हें समाज की सेवा करना और दलितों के लिए काम करना पसंद था। उन्होंने संत कबीर दास जी के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अद्वितीय प्रयास किए। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्रियों ने भी दुख जताया है। आज भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के जीवन का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है जो उन्हें देखने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक बृद्ध पिता के कंधे पर एक जवान बेटे का जनाजा बहुत ही दुखदायी होता है। इससे अपार कष्ट इस धरती पर दूसरा कुछ नहीं हो सकता।
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