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सोमवार, 26 जुलाई 2021

अंततः कर्नाटक के चर्चित मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दिया मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा

भाजपा शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आखिरकार कर्नाटक के सीएम बी एस येदुरप्पा ने न चाहते हुए भी सीएम पद से त्यागपत्र  देकर माना शीर्ष नेतृत्व की बात...!!!


बीएस येदियुरप्पा...


कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई, 2021 को CM पद से इस्तीफा दे दिया राज्य में आज ही भाजपा सरकार के दो साल पूरे हुए हैं इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे येदियुरप्पा ने इस्तीफे का घोषणा कियाउन्होंने इस दौरान कहा कि मैं हमेशा अग्निपरीक्षा से गुजरा हूं उन्होंने कुछ ही देर बाद राजभवन पहुंचकर गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया। उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया है हालांकि, नए मुख्यमंत्री के घोषणा तक वे कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे     


उन्होंने कहा कि दो साल कर्नाटक की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभारी हूं बीएम येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक का सबसे बड़ा समुदाय है जिसमें लगभग 17 प्रतिशत आबादी शामिल है यह समुदाय 35 से 40 प्रतिशत विधानसभा सीटों का परिणाम निर्धारित कर सकता है     


4बार कर्नाटक के सीएम रहे येदियुरप्पा...


येदियुरप्पा सबसे पहले 12 नवंबर, 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, लेकिन महज सात दिन बाद 19 नवंबर, 2007 को ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा इसके बाद 30 मई, 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते इस बार 4 अगस्त, 2011 को इस्तीफा दिया तीसरी बार 17 मई, 2018 को मुख्यमंत्री बने और फिर महज छह दिन बाद 23 मई, 2018 को इस्तीफा हो गया चौथी बार 26 जुलाई, 2019 को मंख्यमंत्री बने और ठीक दो साल बाद इस्तीफा दे दिया     


येदियुरप्पा: एक नजर में...


येदियुरप्पा ने 31 जुलाई, 2011 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया था उन्होंने 30 नवंबर, 2012 को कर्नाटक जनता पक्ष नाम से अपनी पार्टी बनाई थी साल 2014 में येदियुरप्पा फिर भाजपा में शामिल हो गए इसके बाद 2018 में कर्नाटक में सियासी नाटक के दौरान पहले ढाई दिन के लिए मुख्यमंत्री बने और इमोशनल स्पीच के बाद सत्ता छोड़ दी फिर दोबारा साल 2019 में बहुमत साबित कर मुख्यमंत्री बने    

 

लिंगायत संतों का प्रदर्शन जारी...


 कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा अपने समुदाय के संतों और समर्थकों से भाजपा के केंद्रीय नेताओं के फैसले का विरोध नहीं करने की अपील करते रहे, 22 जुलाई को सौ से अधिक वीरशैव-लिंगायत संतों ने अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए उनके आवास पर एक लाइन बनाई     


दिल्ली में पीएम मोदी से की थी मुलाकात...


बता दें कि कर्नाटक की सियासत को लेकर लंबे वक्त से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं हाल ही में बीएस. येदियुरप्पा ने नई दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी तभी ये बात कही जा रही थी कि अब येदियुरप्पा अपना पद छोड़ सकते हैं   

  

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