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शनिवार, 24 जुलाई 2021

सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम सहित भाजपा प्रदेशध्यक्ष को विधानसभा चुनाव-2022 में उम्मीदवार बनाकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व चल सकती हैं,दाँव

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में बड़े चेहरे वाले नेताओं को विधान सभा में उतार कर अधिक से अधिक सीटें जीतने की बना रही है,रणनीति...!!!


कांग्रेस के गढ़ रामपुर खास के 45 साल के दुर्ग को ध्वस्त करने के लिए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के नाम पर विधानसभा चुनाव-2022 के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व लगातार कर रहा है, विचार तो वहीं कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह ''राजा भइया" को उनकी परंपरागत सीट कुंडा से जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारने का भाजपा शीर्ष नेतृत्व बना चुकी है, मन...!!!


पीएम मोदी, शाह और नड्डा की तिकड़ी ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व है...

भाजपा अपने उन सभी दिग्गजों को उत्तर प्रदेश में विधान सभा का चुनाव लड़ाना चाहती है जिसे वह पिछले दरवाजे से सत्ता के सिंघासन पर बैठाया है इसके पीछे भाजपा शीर्ष नेतृत्व की रणनीति के अनुसार प्रदेश के बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाकर उनकी उपयोगिता और सार्थकता तो निश्चित हो जायेगी साथ ही साथ बड़े नेताओं को अपने कद और जनमानस में स्वीकारिता भी तय हो जायेगी। इससे उनका नुकसान भी नहीं होगा और जीत जाने पर उनके स्थान पर दूसरे का चयन भाजपा शीर्ष नेतृत्व कर सकेगी। बड़े नेताओं में भाजपा शीर्ष नेतृत्व सबसे पहले एमएलसी पद पर विराजमान नेतागण को भाजपा उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है 


सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी लड़ सकते हैं,विधानसभा-2022का चुनाव...

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ऐसा करके एक तीर से कई निशाना साधने के मूड में दिख रही है। उन विधानसभाओं में जब बड़े नेता के नाम की घोषणा भाजपा शीर्ष नेतृत्व कर देती है तो क्षेत्रीय नेताओं में वैमनस्यता नहीं बढ़ेगी और आसानी से वह घोषित उम्मीदवार का नेतृत्व स्वीकार करे लेंगे सूबे के सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने संकेत दे दिए हैं जिस तरह से प्रदेश में कई मंत्रियों को लोकसभा चुनाव-2019 में सांसद का उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा गया और उस सीट पर भाजपा को सफलता भी मिली ऐसे में वही फार्मूला भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव-2022 में दोहराना चाहती है भाजपा के 75 फीसदी को विधानसभा में उम्मीदवार बनाकर उन्हें चुनाव लड़ाने का मन भाजपा और संघ के पदाधिकारियों ने बना लिया है   


डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी लड़ सकते हैं,विधानसभा-2022का चुनाव...

विधानसभा का चुनाव हो चाहे लोकसभा का चुनाव। सूबे में बड़के जिले के नाम से ख्याति प्राप्त जनपद प्रतापगढ़ में इस बार विधानसभा चुनाव-2022 में कुछ बड़ा होने का आसार है। प्रतापगढ़ में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं और 7 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 4 सीटों पर ही परिवर्तन होता रहा है। जिला मुख्यालय प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट, पट्टी विधानसभा सीट, रानीगंज विधानसभा सीट और विश्वनाथगंज विधानसभा सीट पर समय-समय पर परिवर्तन होता रहा है रामपुर खास लगभग- 45 वर्षों से प्रमोद कुमार का कब्जा रहा है और उन्होंने अपने विधायक रहते अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी तय करके वर्ष-2014 में ही लोकसभा चुनाव के साथ उप चुनाव में अपनी बड़ी मोना मिश्रा को रामपुर खास का विधायक निर्वाचित कराने में सफलता अर्जित कर ली थी। फिर आम चुनाव वर्ष-2017 में भी मोना ही चुनाव जीती 


बीजेपी प्रदेशध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी लड़ सकते हैं,विधानसभा-2022का चुनाव...

ऐसे हालात कुंडा और बाबागंज (बिहार) विधानसभा के हैं वर्ष-1993 के बाद से कुंडा और बाबागंज (बिहार) विधानसभा से रघुराज प्रताप सिंह और उनके ही बाहुबल एवं दम पर बाबागंज में विनोद सरोज भी निर्दलीय झंडा गाड़े हुए हैं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजा भईया ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक राजनैतिक पार्टी का गठन किया और इस बार का चुनाव अपने दल के झंडे और चुनाव चिन्ह फुलबाल खेलता खिलाड़ी से कुंडा, बाबागंज का तो चुनाव लड़ेंगे ही अन्य विधानसभाओं से भी अपने उम्मीदवार उतारेंगे ज्यादा चांस इस बार गठबंधन को लेकर चुनाव लड़ने का है अभी तक भाजपा से गठबंधन की चर्चा तेज रही, परन्तु भाजपा शीर्ष नेतृत्व के मूड को देखकर लग रहा है कि गठबंधन की बात अब सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस से बची है चूँकि प्रमोद और राजा भईया में जिस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बेहतर तालमेल देखने को मिला था, उससे कांग्रेस से ही राजा भईया का गठबंधन हो सकता है।  


डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा रामपुर खास से लड़ सकते हैं,विधानसभा-2022का चुनाव...

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में जिस तरह राजा भईया और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी में अंदरूनी डील होने का आरोप सत्तापक्ष भाजपा के स्थानीय नेता लगा रहे थे,वह आरोप भाजपा शीर्ष नेतृत्व तक जा पहुँचा है प्रदेशध्यक्ष स्वतंत्र देव को दिल्ली तलब कर इस मामले में उनकी जमकर क्लास भी लगी जबकि डैमेज कंट्रोल के लिए बताया गया कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए और दो वर्ष का कार्यकाल सम्पन्न होने पर पीएम मोदी ने उन्हें शिष्टाचार के लिए बुलाया था। शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के नेतृत्व को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि प्रतापगढ़ की इस बार शेष 3 सीट यानि कुंडा, बाबागंज और रामपुर खास पर भी उसे जीत चाहिए। वर्ष-2022 में प्रतापगढ़ की सिर्फ 4 सीट से काम नहीं चलने वाला है। प्रतापगढ़ की सभी 7 सीटों पर भाजपा अपना परचम लहराना चाहती है और 45 साल व 25 साल की उस मिथ्या को तोड़ देना चाहती है 


कुंडा से भाजपा शीर्ष नेतृत्व डॉ महेंद्र सिंह को लड़ा सकती है,विधानसभा-2022का चुनाव...

इसबार सेटिंग गेटिंग की बात नहीं होनी चाहिए। सूत्र बताते हैं कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बाहुबली कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह ''राजा भइया" को उनकी परंपरागत सीट कुंडा से जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारने का मन भाजपा शीर्ष नेतृत्व बना चुकी है जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह भाजपा शीर्ष नेतृत्व के सम्पर्क में भी रहते हैं जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह इस बार राजा भईया को विधानसभा चुनाव में कुंडा से चुनौती दे सकते हैं। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह  को कुंडा से तैयारी करने के संकेत भी दे दिए हैं। सूत्रों की माने तो अराधना मिश्रा उर्फ मोना की विधानसभा रामपुर खास के दुर्ग को ध्वस्त करने के लिए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के नाम पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व लगातार विचार कर रहा है देखना है कि कथित दिग्गज प्रमोद कुमार के गढ़ में किसको उतारा जाता है ? भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्णय ने प्रतापगढ़ की राजनीति में तहलका मचा दिया है  


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