72बीडीसी वाली क्षेत्र पंचायत आसपुर देवसरा में 52मत प्राप्त कर अपने प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार सुषमा यादव को 35मतों से भाजपा उम्मीदवार कमला कांत यादव ने किया,परास्त...!!!
चुनाव के दौरान कानून हाथ में लेने वाले अराजकत तत्वों और उपद्रवियों को नहीं बख्शे जायेगा, होगी कानूनी कार्यवाही - कैबिनेट मंत्री मोती सिंह
कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने कहा किसान के बेटे की हुई जीत, होगा आसपुर देवसरा का चतुर्दिग समग्र विकास...!!!
जनपद प्रतापगढ़ में 17 ब्लॉक में से आसपुर देवसरा ब्लॉक प्रमुख पद सबसे संवेदनशील ब्लॉक रही, वहाँ प्रमुख पद पर कब्जे को लेकर जिस तरह से भाजपा और सपा के बीच संघर्ष हुआ, इसका अंदाजा पहले से ही लोगों को पता था, परन्तु लोकतंत्र में इस कदर नंगा नाच होगा यह समझ के परे था ! बीडीसी को अपने कब्जे में रखना, उनका प्रमाण पत्र जमा कराना, बदले में उन्हें धन देना और क्षेत्र के विकास के लिए अलग से बजट देने की बात तो समझ में आती है,परन्तु आसपुर देवसरा प्रमुख पद को हथियाने के लिए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने सारी चाल को पीछे छोड़ बीडीसी मतदाताओं के मत को आरओ और एआरओ को मिलाकर बिना बीडीसी के मतदान किये ही उनका मतदान का पड़ जाना सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक है ! यह आरोप आसपुर देवसरा के बीडीसी द्वारा लगाये गए जो मतदान करने गए वह मतदान नहीं करने पाए ! उन्हें बताया गया कि उनका मतदान हो चुका है ! यक्ष प्रश्न है कि आखिर उनका मतदान किसने किया, जब उन्होंने मतदान नहीं किया ! यदि प्रकरण न्यायालय में गया और बीडीसी की बात सत्य निकली तो आरओ और एआरओ तो बिना मारे ही मर जायेंगे ! क्योंकि बीडीसी के मतदान में असल मतदाता मतदान नहीं किया और उसके स्थान पर किसी दूसरे ने मतदान किया तो जवाब देना भारी पड़ेगा...!!!
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भाजपा समर्थित उम्मीदवार कमला कांत यादव के साथ मंत्री मोती सिंह... |
पट्टी विधानसभा में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए नामांकन के दिन ही मंगरौरा, पट्टी और बाबा बेलखरनाथ धाम में निर्विरोध निर्वाचन कराने में सफलता हासिल करने के बाद मंत्री मोती सिंह अपना सारा ध्यान विकास खंड आसपुर देवसरा में टिका दिए थे। मंत्री मोती सिंह के लिए इस बार आसपुर देवसरा में ब्लॉक प्रमुख पद किसी भी दशा में उनके धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से जुड़कर राजनीति करने वाला सभापति यादव के परिवार से छीन लेना रहा। इसके लिए बाबा बेलखानाथ धाम के पूर्व ब्लॉक प्रमुख कमला कांत यादव को बाबा बेलखानाथ धाम से रातोंरात विस्थापित करके आसपुर देवसरा में सभापति यादव के सामने कमला कांत यादव को खड़ा करना था। कहावत भी है कि लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए। सो मंत्री मोती सिंह इस खेल के माहिर खिलाड़ियों में से एक हैं। पिछड़ी जाति को पिछड़ी जाति से लड़ाकर कमजोर किया। उसमें भी एक यादव को एक यादव से लड़ाया और विरादरी वार से वार कराकर सभापति यादव को अभी तो धराशायी कर ही दिया है।
सुबह 11 बजे जब मतदान शुरू हुआ तो सामान्यतः 50 बीडीसी के मतदान तक कोई बात नहीं हुई थी। अचानक समाजवादी पार्टी के क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए सपा समर्थकों ने मतदान में आर ओ और एआरओ के ऊपर बेईमानी किये जाने का आरोप समाजवादी पार्टी के नेता और समर्थक लगाने लगे। बीडीसी सुनीता यादव और पट्टी के पूर्व विधायक राम सिंह पटेल मतदान कक्ष में जाकर आरओ से बात कर रहे थे कि जब सुनीता यादव अपना मत नहीं दिया तो उसका मत किसने दिया ? काफी देर तक जब बीडीसी सुनीता यादव और पूर्व विधायक राम सिंह पटेल वापस नहीं आये तो सपा कार्यकर्ताओं का धैर्य टूट गया और वह पुलिस बैरियर तोड़कर ब्लॉक मुख्यालय के अंदर घुस लगे। पुलिस और भाजपा के समर्थक इस बात का विरोध करने लगे तो बात बिगड़ने लगी। देखते ही देखते पुलिस की मौजूदगी में सपा और भाजपा दोनों पक्षों में जमकर बवाल हुआ।
सबकुछ जानते हुए आसपुर देवसरा के विवादित इंस्पेक्टर नरेन्द्र सिंह जो मंत्री मोती सिंह का सबसे चहेता इंस्पेक्टर है जिसे तवादला के बाद भी आसपुर देवसरा के प्रमुख पद के चुनाव हेतु पट्टी से आसपुर देवसरा में तवादला कराया, जबकि नरेन्द्र सिंह का गैर जनपद तवादला हो गया था,फिर भी पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ की हिम्मत नहीं पड़ी कि मंत्री मोती सिंह के चहेते इंस्पेक्टर को रिलीव कर दें। आसपुर देवसरा में मतदान के दिन जो उपद्रव हुआ उसके जिम्मेदार थानाध्यक्ष के पद पर तैनात नरेंद्र सिंह और अखिलेश राय सब इंस्पेक्टर के गैर जिम्मेदाराना हरकत से मामला बिगड़ता गया। पुलिस पर पथराव करके उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ करना सपाईयों का मकसद नहीं था, परन्तु नाराजगी इतनी अधिक हो गई कि एक राजनीतिक दल के समर्थक उपद्रवी हो गए और बवाल काटने लगे। बवालियों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस मोर्चा छोड़ कर भागने को मजबूर हुई।
बवाली सपाई समर्थक आसपुर देवसरा ब्लॉक गेट तक पहुँच गए और पुलिस बैरियर को तोड़ डाला। मौके पर खड़ी पुलिस की गाड़ियां और सीओ के वाहन भी तोड़ डाले गए। लगभग आधे घंटे तक जमकर बवाल होता रहा। बवाल को कंट्रोल करने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर बुलाया गया और रबर बुलेट फायरिंग और हवाई फायरिंग सहित आंसू गैस के गोले छोड़कर बवाल को रोकने में पुलिस प्रशासन कामयाब हो सका। इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह और सब-इंस्पेक्टर अखिलेश राय जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के पहुँचने पर अपना चेहरा छिपाते रहे। कवरेज के लिए मीडियाकर्मी भी बवाल में घायल हुए और उनके वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया, जिससे मीडिया के लोग भी नाराज हुए थे और पुलिस अधीक्षक को देखते ही इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह और सब-इंस्पेक्टर अखिलेश की करतूत की शिकायत किया जिस पर पुलिस अधीक्षक ने खेद जताया और कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मतगणना संपन्न कराकर भाजपा उम्मीदवार कमलाकांत यादव को विजेता घोषित किया गया। भाजपा उम्मीदवार को 52 मत प्राप्त हुए थे। जबकि सपा उम्मीदवार सुषमा यादव को 17 मत ही मिल सके। जबकि तीन मत अवैध पाया गया।
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