ब्राह्मण यदि प्रबुद्ध वर्ग है तो मायावती किस राग में आती हैं और समाज की शेष जातियां को किस श्रेणी में रखा जाए...???
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भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह... |
लखनऊ। ब्राह्मण इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में आ चुका है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सभी मुख्य पार्टियां ब्राह्मणों को अपने पाले में करने में जुट गई है। बसपा द्वारा किये जा रहे ब्राह्मण सम्मेलन पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने करार प्रहार किया है और बसपा सुप्रीमो मायावती से तीन तीखे सवाल पूछे हैं। हालाँकि बसपा में ब्राह्मण सम्मलेन के नाम को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णय से डर कर उसे प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन का नाम दिया गया। अब बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन विधानसभा चुनाव-2022 में कितना असरदायक रहता है,यह तो भविष्य के गर्व में हैं।
ब्राह्मण सम्मलेन से प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन की एक झलक...
बृजभूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों द्वारा किये जा रहे ब्राह्मण सम्मलेन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बसपा सपा या कांग्रेस बताए कि इन्होंने ब्राह्मणों के सम्मान के लिए किया क्या है। वर्ष- 2014 से पहले सभी विपक्षी दलों की मीटिंग तक तक पूरी नहीं होती थी, जब तक उसमे कोई दाढ़ी वाला मौलाना न बैठा होता था। सभी पार्टियां चाहती थी कि मुस्लिम वोटों के लिए बुखारी साहब उनके लिए अपील कर दें। लेकिन वर्ष-2014 के बाद से अब राजनीति बदल गयी है। अब मुस्लिम वोट चाहते सब हैं, लेकिन उनको कोई अपने साथ दिखाना नहीं चाहता। मंच पर बिठाना नहीं चाहता। इस परिवर्तन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
1- ब्राह्मण सम्मेलन पर भाजपा सांसद का पहला सवाल कि मायावती बताएं क्या काशीराम के बयान पर स्पष्टीकरण देंगे सतीश मिश्र, जिसमें उन्होंने राम मंदिर की जगह शौचालय बनाने को कहा था ?
2- क्या मायावती इस बार बिना पैसे के ब्राह्मणों को टिकट देंगी ?
3- क्या मायावती से जो साधु-संत, ब्राह्मण ये लोग मिलने जाएंगे तो इनके चप्पल नहीं उतरवाएंगी मायावती ? क्योंकि मायावती के अति करीबी सतीश मिश्र को भी अपनी चप्पल उतारकर ही मायावती से मिलने जाना पड़ता है।
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