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रविवार, 11 जुलाई 2021

कथित भाजपा नेता के ऊपर दो मुकदमें दर्ज होने और विवेचना में आरोप पत्र दाखिल होते ही पेशबंदी में ब्यापारी नेता और उसके परिजनों पर कोतवाली नगर में दर्ज कराया फेंक मुकदमा

ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको सुनील गोयल ठगा नहीं...

भाजपा ब्यापार प्रकोष्ठ का कथित जिला संयोजक सुनील कुमार गोयल और ब्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा के बीच असल विवाद जमीन और मकान है,जिसे आसानी से नहीं समझा जा सकता...!!!

कथित भाजपा नेता सुनील कुमार गोयल...

इंसान जब धन की लालसा में पागल होता है तो उसे अच्छे और बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता पैसे की भूख उसे अँधा बना देती है। पैसा कमाने का जुनून होना चाहिए, परन्तु इतना ध्यान रखना चाहिए कि जो धन कमाए, वह पाप की कमाई का न हो। उस धन प्राप्ति में किसी निरीह ब्यक्ति की आह न लगे इस अर्थवादी आधुनिक युग में ऐसा सोचने वाले बहुत कम लोग मिलेंगे। फिर भी इंसान को पाप करने से बचना चाहिए और झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। आज हम एक ऐसे सच से आप सभी का सामना कराना चाहूँगा, जिसे जानकार आप सब लोग दंग रह जायेंगे झूठ की बुनियाद पर बनी अटालिका बहुत जल्द धराशायी हो जाया करती हैं  

अनिल कुमार की जमीन हथियाना चाहता है,सुनील कुमार गोयल...

आइये अब आप सबको उस सच के विषय में बताते हैं, जिसे आप नहीं जानते। प्रतापगढ़ शहर में कचेहरी रोड़ पर गोयल फर्नीचर की दुकान है। जिसके स्वामी सुनील कुमार गोयल हैं। सुनील कुमार गोयल वहीं भदरी हाउस मोहल्ले में अपना आशियाना भी बना रखा है। सुनील कुमार गोयल मायाबी किस्म का ब्यक्ति है और अपनी माया में अच्छे से अच्छे होशियार लोगों को फंसाये रखता है। गोयल फर्नीचर के सामने इंद्रपाल विश्वकर्मा, हीरालाल विश्वकर्मा, डॉ रामपाल विश्वकर्मा के नाना जी का मकान था, जो राजा प्रतापगढ़ की नॉन जेड ए भूमि पर निर्मित रहा। उक्त भूमि पट्टे पर आवंटित रही जिस पर इंद्रपाल विश्वकर्मा, हीरालाल विश्वकर्मा और डॉ रामपाल विश्वकर्मा के नाना जी अपना मकान बनाकर रहते थे। बाद में उनके मृत हो जाने के बाद तीनों भाई उस मकान को नए तरीके से बनवाकर सपरिवार रहने लगे।  

अनारकली की जुबानी सुनील कुमार गोयल की बेईमानी की पूरी गाथा सुनिए...

इंद्रपाल विश्वकर्मा का एक लड़का काशी प्रसाद था, जिसकी असामयिक मौत हो गई, जिससे इंद्रपाल विश्वकर्मा और उनकी पत्नी पार्वती बहुत दुखी रहने लगे। इंद्रपाल विश्वकर्मा की मौत हो गई तो उनकी पत्नी पार्वती अपने देवर डॉ रामपाल विश्वकर्मा के परिवार के साथ रहने लगी। पार्वती अपनी सम्पत्ति अपने भाई डॉ रामपाल विश्वकर्मा के बेटे अनिल कुमार विश्वकर्मा के हक में वसीयत कर दिया। जिनकी मौत के बाद उनका हिस्सा अनिल कुमार विश्वकर्मा के हक में आ गया। सरकारी अभिलेखों में अनिल कुमार विश्वकर्मा अपना नाम दर्ज कराकर उसका टैक्स आदि समय-समय पर जमा करते रहते हैं। इस तरह डॉ रामपाल विश्वकर्मा और इन्द्रपाल विश्वकर्मा दोनों मकान पर अनिल कुमार विश्वकर्मा (जो डॉ रामपाल विश्वकर्मा के एकलौते लड़के हैं) के हक में आ गया।   

सुनील कुमार गोयल के चाल,चेहरे और चरित्र को इस वीडियों में देखा जा सकता है...

इसी बीच वर्ष-2009 में प्रतापगढ़ के राजा अभय प्रताप सिंह ने अपने मुख्तार के जरिये डॉ रामपाल विश्वकर्मा को सिटी स्थित अपने किला बुलावाया और अपनी इच्छा जताई। राजा अभय प्रताप सिंह ने अपनी उस भूमि को बेंचने की इच्छा जताई जिस पर हीरालाल विश्वकर्मा और डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपना मकान बनाये थे। डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपने भाई हीरालाल विश्वकर्मा से राजा प्रतापगढ़ की मंशा बताई तो हीरालाल विश्वकर्मा ने अपनी इच्छा ब्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है और आप सरकारी नौकरी करते हो आप अपने लड़के के नाम जमीन और मकान का बैनामा करा लो। हम जब तक जियेंगे तब तक हमें भी इसी मकान में रहने देना। चूँकि हीरालाल विश्वकर्मा के पास अपनी कोई औलाद नहीं थी और बैनामा कराने के लिए धन भी नहीं था। 

सुनील कुमार गोयल और अनिल के बीच लेनदेन के सम्बन्ध में चैटिंग का डिटेल...

अपने भाई की इच्छा के मुताविक डॉ रामपाल विश्वकर्मा अपने बेटे अनिल कुमार विश्वकर्मा के नाम वर्ष-2011 में पैसे का इंतजाम कर राजा अभय प्रताप सिंह से बैनामा करा लिया। प्रतापगढ़ शहरी क्षेत्र में नॉन जेड ए की पट्टे वाली भूमि जिस पर राजा प्रतापगढ़ को लगान मिला करता था, वह बंद हो गई थी। क्योंकि राजा प्रतापगढ़ के यहाँ से उसकी वसूली के लिए जो लोग तैनात किये जाते थे, वो लगान लेने आते ही नहीं थे। सो तंग आकर राजा अपना मालिकाना हक का स्थानातंरण करने लगे और पट्टे की भूमि का रिन्युअल करना बंद कर दिए। हीरालाल विश्वकर्मा को कैंसर हो गया था तो सामने सुनील कुमार गोयल मोहल्ले में होने के नाते सुबह-शाम हीरालाल विश्वकर्मा को देखने आ जाते थे। सुनील कुमार गोयल अपने आदत के मुताविक हीरालाल के इलाज के लिए हजार पाँच रुपये देकर उन्हें अपने मायाजाल में फांसना शुरू किया। चूँकि सुनील कुमार गोयल की नजर हीरालाल के मकान पर पड़ चुकी थी। 

विवादित मकान और भूमि के समझौते के सम्बन्ध में लेनदेन का विवरण...

देखते-देखते एक दिन मौका पाकर सुनील कुमार गोयल दिनांक- 31 जनवरी, 2012 को हीलालाल विश्वकर्मा से उनके मकान का एग्रीमेंट करा लिया। सुनील कुमार गोयल महज 6 माह के अंदर 11 जून, 2012 को 3 लाख रुपये में ही हीरालाल से अपने हक में बैनामा करा लिया और पड़ोसी होने का भरोसा दिलाया कि विश्वकर्मा जी आप चिंता मत करो, हमारे रहते कोई दिक्कत तुम्हारे इलाज में नहीं होगी। हीरालाल और उनकी पत्नी अनारकली को सुनील कुमार गोयल पर भरोसा हो गया और 17 लाख रूपये अपने मकान का सौदा करके सुनील कुमार गोयल के हाथ हीरालाल अपना मकान बेंच दिया। जबकि पट्टे शुदा भूमि पर बने तामीर यानि ईमारत को पट्टेदार बेंच नहीं सकता, क्योंकि जमीन का मालिक वह नहीं होता। फिर भी सुनील कुमार गोयल अपने मायाजाल में हीलालाल को फंसाकर उसका मकान यह जानते हुए कि अनिल कुमार विश्वकर्मा पहले ही मकान और जमीन का बैनामा राजा अभय प्रताप सिंह से दिनांक-2 जून, 2011 को करा लिया है। उसके बाद भी सुनील कुमार गोयल जानबूझकर बैनामा कराकर ब्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा से झगड़ा मोल लिया।  

अनिल कुमार विश्वकर्मा द्वारा सुनील कुमार गोयल के नाम किया गया RTGS

अत्यंत चालाक किस्म का सुनील कुमार गोयल बैनामा लेने के बाद अनिल कुमार विश्वकर्मा से 6 लाख, 30 हजार रुपये यह विश्वास दिलाकर ले लिया कि वह उसके बड़े पिताजी हीरालाल विश्वकर्मा से जो मकान बैनामा लिया है, उसमें वह समझौता कर लेगा पैसा सुनील कुमार गोयल के खाते में बैंक से RTGS किया गया। फिर भी सुनील कुमार गोयल उक्त प्रकरण में समझौता नहीं किया। 27 मई, 2020 को सुनील कुमार गोयल अपने आधा दर्जन गुंडों के साथ अनिल कुमार विश्वकर्मा के घर में घुसकर मारपीट की थी, जिसका मुदकमा कोतवाली नगर में अपराध संख्या- 0440/2020 लिखा गया और बहुत दबाव के बाद भी सुनील कुमार गोयल उस मुकदमें में फाइनल नहीं लगवा सके। 

कोतवाली नगर में सुनील कुमार गोयल के खिलाफ दर्ज प्रथम मुकदमा...

उक्त मुकदमें में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो गया है। अनिल कुमार विश्वकर्मा अपना 6 लाख, 30 हजार रूपये मांगने लगे तो सुनील कुमार गोयल धमकी देते हुए धन वापस करने से मना कर दिया। मजबूर होकर अनिल कुमार विश्वकर्मा पहले पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया, परन्तु रसूख वाला मानकर मुकदमा दर्ज न होने की दशा में अनिल कुमार विश्वकर्मा को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा न्यायालय में वाद दाखिल करने पर न्यायालय के आदेश पर अपराध संख्या-0196/2021 धारा-419, 420, 147, 323, 504, 506 एवं 406 आईपीसी के तहत कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया l जिसमें सुनील कुमार गोयल, केदारनाथ गोयल, सुनील की माता नाम अज्ञात, सुनील की पत्नी एवं 3-4 ब्यक्ति नाम पता अज्ञात को आरोपी बनाया गया है l उक्त मुकदमें में भी आरोप पत्र दाखिल हो चुका है।  

कोतवाली नगर में सुनील कुमार गोयल के खिलाफ दर्ज 2ndमुकदमा...

इसी से नाराज होकर सुनील कुमार गोयल बदले के भावना से प्रेरित होकर कपोल कल्पित मनगठंत कहानी गढ़कर अनिल कुमार विश्वकर्मा, उनके पिता डॉ रामपाल विश्वकर्मा, पत्नी रीमा शर्मा और नाबालिक पुत्र राजन सहित घर के अन्य अज्ञात सदस्यों पर कोतवाली नगर में मुकदमा अपराध संख्या- 0575/2021 लिखाया है। जबकि मामला पूरी तरह से सिविल कोर्ट का है और न्यायालय में मुकदमा प्रचलित है l अनिल कुमार विश्वकर्मा ने सुनील कुमार गोयल के बैनामें का कैंसिलेशन न्यायालय में दाखिल कर रखा है l रहा सवाल बैंक के लोन का तो बैंक किसी भी लोन में पहले जमीन का कागजात देखती है और संतुष्ट होने के बाद ही उस पर लोन देती है l अनिल कुमार विश्वकर्मा का बैनामा राजा अभय प्रताप सिंह से क्रय किया गया है l जमीन के मालिक राजा अभय प्रताप सिंह ही हैं l सुनील कुमार गोयल का बैनामा बाद का है और पट्टेदार से लिया गया है l पट्टेदार जमीन का बैनामा नियमतः नहीं कर सकता l जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो उस पर आपराधिक मामला बनता ही नहीं l

सुनील कुमार द्वारा ब्यापारी नेता अनिल कुमार और परिजनों के ऊपर दर्ज कराया गया मुकदमा...

मजेदार बात यह है कि सुनील कुमार गोयल बैंक के किसी भी अधिकारी को मुकदमें में नामजद नहीं किया है l जबकि लोन तो बैंक का मैनेजर ही किया है l बैनामा सही है या गलत है, इसका निर्धारण करने का अधिकार न तो पुलिस के पास है और न ही बैंक के मैनेजर के पास है l फिर पैसे के बल पर पुलिस वालों ने उक्त मुकदमा लिखा है l सुनील कुमार गोयल की तहरीर पर नगर कोतवाली में व्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा, रामपाल विश्वकर्मा, रीमा शर्मा, नाबालिक राजन विश्वकर्मा सहित परिवार के तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है l सुनील कुमार गोयल ने इस बार सेटिंग के तहत एक शिकायत की जिसकी जाँच अस्पताल चौकी इंचार्ज हरीश तिवारी को जानबूझकर दी गई जाँच के नाम पर दरोगा हरीश तिवारी सबसे पहले अपना कागजात लेकर अनिल कुमार विश्वकर्मा को कचेहरी में बुलाया जहाँ उससे 50 हजार रूपये धन की माँग किया l अनिल कुमार विश्वकर्मा के धन न देने पर उक्त मुकदमा लिखा गया। ऐसा आरोप ब्यापारी नेता अनिल कुमार विश्वकर्मा ने लगाया है। 

नाबालिक लड़के राजन के ऊपर प्रतापगढ़ पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी का मुकदमा...

अनिल कुमार विश्वकर्मा का आरोप यह भी है कि दरोगा हरीश तिवारी उससे एक लाख रूपये की माँग की है और एक लाख में फाइनल रिपोर्ट लगाने का आश्वसन भी दिया है सुनील कुमार गोयल की बात का भरोसा भी कर लिया जाए तो उसके हिस्से की संपत्ति को अपना बताकर जामताली स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखा जामताली से 20 लाख रूपये अनिल कुमार विश्वकर्मा द्वारा लोन ले लिया गया है। जिसकी जानकारी सुनील कुमार गोयल को बैंक द्वारा नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाने लगी, तब उन्हें जानकारी हुई। यदि ऐसा है तो सुनील कुमार गोयल बैंक के मैनेजर को मुकदमें में नामजद क्यों नहीं किये ? उक्त मुकदमें में अनिल कुमार विश्वकर्मा के नाबालिग बेटे राजन को नामजद किया गया है। एक नाबालिक लड़का का उक्त प्रकरण में क्या रोल है ? यदि उक्त प्रकरण हाईकोर्ट में ले जाया गया तो पुलिस वालों को जवाब देते नहीं बनेगा। उक्त मामले का आदोपांत यही है, जो विस्तार से लिखा गया है

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