पूरी ताकत से लड़ा जायेगा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव: नागेंद्र सिंह यादव
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई गाइड लाइन और प्रोटोकाल को धता बताने में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेता भी पीछे नहीं हैं...!!!
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समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की रणनीति बनाने सपाई... |
सूबे में सरकार चाहे जिस दल की हो वह दल पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद और ब्लॉक पर प्रमुख पद कब्ज़ा करने का पूर्ण प्रयास किया जाता है और सरकार मशीनरी का बेजा इस्तेमाल भी किया जाता है। वर्ष-2010 में जब सूबे में मायावती की सरकार थी तब समूचे प्रदेश में जिला पंचायत पर बसपा का बोर्ड बना था और उसी कड़ी में प्रतापगढ़ में भी राजा भईया के हाथ से जिला पंचायत का बोर्ड बसपा ने छीन लिया था। जबकि इसके पहले प्रतापगढ़ में जिला पंचायत पर राजा भईया का ही कब्जा रहा।
इस बार सूबे में भाजपा की सरकार है और सूबे में भाजपा भी जिला पंचायत के अध्यक्ष पर पर अपना कब्जा चाहती है। आगामी विधानसभा चुनाव-2022 के पहले योगी सरकार और भाजपा शीर्ष नेतृत्व सूबे में पंचायत चुनाव को मिनी विधानसभा चुनाव के रूप में देख रही थी। परन्तु योगी सरकार और भाजपा शीर्ष नेतृत्व का दांव उल्टा पड़ गया। एक तरह से भाजपा के मंसूबों पर पंचायत चुनाव में पानी फिर गया है। प्रतापगढ़ में ही देखा जाए तो 3 जिला पंचायत सदस्य का चुनाव परिणाम फ्रेस रहा और चार पर रिकाउंटिंग कराकर जबरन जीत लेने का आरोप लगा। 57 सदस्यीय जिला पंचायत सदस्य वाली जिला पंचायत में सत्ताधारी दल भाजपा को सिर्फ 7 सीट मिली है। अब सात सीट लेकर भाजपा जिला पंचायत पर अपना कब्जा जमाना चाहती है।
उधर प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास 17 जिला पंचायत सदस्य हैं जो सभी दलों से अधिक हैं। परन्तु सपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तक की घोषणा नहीं कर सकी। अभी सिर्फ रणनीति बनाने में समाजवादी पार्टी के नेता परेशान हैं। समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारक रहने वाले राजा भईया पिछला जिला पंचायत का बोर्ड समाजवादी पार्टी के सहयोग से बनाया था और सदर विधायक नागेन्द्र सिंह "मुन्ना यादव" की पत्नी मनोरमा यादव सदर विकास खण्ड के प्रथम सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आसीन होना चाहती थी,परन्तु राजा भईया के आगे समाजवादी पार्टी में भी न चल सकी। इस बात की पंचायत मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के दरबार में हुई तो अंत में उम्मीदवार यादव ही हो कहकर गेंद राजा भईया के पाले में डाल दी गई। उसी का परिणाम रहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उमा शंकर यादव को राजा भईया ने अपना उम्मीदवार बनाया था। जीत भी राजा भईया की हुई थी।
समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित जिला कार्यकारिणी की मासिक बैठक हुई जिसमें सपा के सभी दिग्गज नेता सिरकत किये। बैठक में मौजूद सपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं समेत जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाले सपा नेता भी मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सदर नागेंद्र सिंह यादव उर्फ मुन्ना यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को पूरी ताकत से जुटने का आहवाहन किया। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी एवं नेता मौजूद रहे। समाजवादी पार्टी के भी कमर कसकर मैदान में आ जाने से अब चुनाव दिलचस्प होता दिखाई पड़ रहा है। जिला पंचायत बोर्ड पर चाहे जिस दल का कब्जा होगा, परन्तु सामाजवादी पार्टी के जीते हुए 17 जिला पंचायत सदस्य की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बिना समाजवादी पार्टी के सदस्यों को तोड़े न तो भाजपा जिला पंचायत पर कब्जा जमा सकेगी और न ही जनसत्ता दल "लोकतांत्रिक" ही बना पायेगी।इसलिए समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी।
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