लोजपा के उत्तराधिकार प्रकरण की लड़ाई में अन्ततः होगी चिराग पासवान की जीत...!!!
चिराग पासवान ने अपनी माँ को प्रेस कांफ्रेंस में उतार कर राजनीतिक दिग्गजों को छुड़वाया पसीना...!!!
अपनी माँ रेखा पासवान के साथ प्रेस कांफ्रेंस में चिराग पासवान... |
लोजपा नेता चिराग पासवान... |
राजनीति में भी परिवारवाद हमेशा हावी रहा, चाहे वह मुलायम सिंह यादव का रहा हो अथवा लालू प्रसाद यादव का रहा हो ! दोनों क्षत्रपों ने समय रहते अपना उत्तराधिकार घोषित कर भविष्य के झगड़े को खत्म कर दिया,परन्तु बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान अपने जीवन काल में लोजपा का उत्तराधिकारी न बना सके। हालाँकि राम विलास पासवान अपने बेटे चिराग पासवान को राजनीतिक उठापटक के बीच हर निर्णय लेने में अपने साथ रखते थे और जनमानस में चिराग ही सर्वमान्य नेता हैं। आज भले ही उनके सामने राजनीतिक उठापटक का खौफनाक दृश्य खड़ा है,परन्तु कल जनमानस में चिराग ही लोजपा के नायक बनेगे। फ़िलहाल इसके लिए चिराग पासवान को संघर्ष करना होगा और अपने बुरे समय के खत्म होने का इन्तजार करना होगा।
लोजपा संस्थापक स्व.राम विलास पासवान... |
लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान का खून चिराग पासवान में है तो वह कुछ तो असर दिखायेगा। चिराग ने बड़ी सूझबूझ के साथ बड़ी चतुराई से अपनी मम्मी रेखा पासवान को आगे कर दिया, ताकि जो कुछ लोग इधर उधर तात्कालिक लाभ की सोच रहे हो वो पार्टी में वापस आ जाये। चिराग अब कोई बच्चे नहीं है। वह अब एक सुलझे हुए नेता बन चुके हैं। अगर उन्होंने अपनी माता का चेहरा आगे करके मेहनत करते गए तो उनका राजनीतिक भविष्य बेहद शानदार होगा। चिराग पासवान में एक बात और भी है। वह है, उनकी बातचीत करने का अन्दाज। चिराग पासवान की बातचीत का अंदाज बिहार की जनता को बहुत पसंद आता है। नेता उसी को कहा जा सकता है, जिसमें नेतृत्व करने की क्षमता हो ! वह जो बात करे तो उसका असर जनता में हो। हालांकि अभी कानूनी दांवपेंच का खेल चल रहा है और लोजपा के उत्तराधिकार की लड़ाई लंबी खिंचने वाली है। फिलहाल चिराग ने इसका बिगुल बजा दिया है। क्योंकि ये मामला उनकी संवेदना से जुड़ा है और पिता की विरासत के रूप उसको वो संजो के रखना भी चाहेंगे।
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