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मंगलवार, 29 जून 2021

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में मंत्री मोती सिंह और रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया के बीच छः माह पूर्व हुई मुलाकात के निकाले जा रहे हैं,सियासी मायने

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भईया और कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के बीच आधे घंटे तक हुई थी,मुलाकात। इस दौरान बेंती कोठी के बाहर समर्थकों की भीड़ आई थी, नजर...!!!

कैबिनेट मंत्री मोती सिंह कुंडा के बेंती कोठी पर राजा भईया से मिलने हुए...

राजनेताओं का मिलन कोई अतिश्योक्ति नहीं, परन्तु ये जब भी मिलते हैं तब विना मतलब के ये एक दूसरे से नहीं मिलते ये उस मुलाकात को भले ही ये कहकर टाल जाएं कि उनकी ये मुलाकात सिर्फ औपचारित मुलाकात महज थी, परन्तु सच्चाई कुछ और होती है। विगत छः माह पहले योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह जब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया से मिलने उनकी बेंती कोठी पर पहुंचे तो कयासबाजी की अटकलों का दौर शुरू हो गया था। जितनी मुंह उतनी बातें होने लगी थी

कैबिनेट मंत्री मोती सिंह और कुंडा विधायक राजा भईया के बीच इस मुलाकात से जिले का सियासी पारा भी चढ़ गया था अटकलों का बाजार भी गर्म हुआ था दोनों नेताओं के बीच आधे घंटे तक मुलाकात हुई थी इस दौरान बेती कोठी के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ भी नजर आई थी इतना ही नहीं यह मंत्री मोती सिंह और राजा भईया के बीच योगी सरकार के गठन के बाद उनके मंत्री बनने के बाद दोनों के बीच ये पहली मुलाकात थी। इसलिए इस मुलाकात का राजनीतिक दृष्टि से देखा जाना भी स्वाभाविक रहा

"योगी सरकार दरअसल रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" पर योगी सरकार इतनी मेहरबान कैसे हो गई कि उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमें ही जड़ से खत्म कर दिए ? क्या यह चुनाव से पहले की तैयारी तो नहीं ? चूंकि वर्ष- 2022 में विधान सभा के चुनाव होने हैं। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी से बेहतर सम्बन्ध हैं । योगी जी की चली होती तो आज राजा भईया उनके मंत्रिमंडल का हिस्स्सा होते और सांसद संगम लाल गुप्ता की जगह अक्षय प्रताप सिंह "गोपाल जी " आज प्रतापगढ़ के सांसद होते  बात बिगड़ गई सिर्फ कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र की सीट को लेकर ! नहीं तो आज जनसत्ता दल लोकतांत्रिक राजग का घटक दल होता ! ऐसा कहा जा रहा है कि "राजा भईया" के खिलाफ दर्ज मुकदमों को सरकार ने चुनाव से पहले वापस ले लिए हैं ताकि उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा-2022 की चुनावी बिसात बिछाई जा सके..."


राजा भईया और मोती सिंह की इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जाने लगे है आने वाले वक्त में जिला पंचायत अध्यक्ष, एमएलसी और विधानसभा का चुनाव होना है जिसकी वजह से इस मुलाकात को सियासी चश्मे से देखा गया था। एक बार फिर राजा भईया का रुख भाजपा की तरफ होने से भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। गौरतलब है कि कुंडा के निर्दलीय विधायक राजा भैया ने लोकसभा चुनाव से पहले जनसत्ता पार्टी का गठन कर चुनाव लड़ा था हालांकि उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। 

अब दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात को वर्ष-2022 के विधानसभा चुनाव से भी जोड़ कर देखा गया था। विधानसभा और एमएलसी के चुनाव से पहले जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हो गया है और अब बारी है जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की जिसमें जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पूरी ताकत से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। ताकि विधानसभा चुनाव-2022 में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक में बेहतर प्रदर्शन कर सके अथवा भाजपा से गठबंधन हो सके और गठबंधन को लेकर जो गलती लोकसभा चुनाव में हुई उसकी भरपाई की जा सके।  

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