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शुक्रवार, 18 जून 2021

जिन्दा रहने पर नहीं करते याद,लोग मरने के बाद ही क्यों करते याद...?

मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव ABP और ABP गंगा के लिए जनपद प्रतापगढ़ से करते थे, रिपोर्टिंग...!!!

एबीपी संस्थान ने पेश की मिसाल, प्रयागराज मंडल प्रभारी मोहम्मद मोइन के हाथ मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की पत्नी रेणुका को आर्थिक मदद की पहली किस्त में भेजा 3लाख, 40हजार 5सौ रूपये का चेक...!!!

काश ! ABPके संपादक अपने रिपोर्टर सुलभ श्रीवास्तव की मालीहालत और दयनीय दशा का एहसास पहले कर लिए होते और जिन्दा रहते की होती सहायता तो आज सुलभ श्रीवास्तव जिन्दा होते...!!!

मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की पत्नी को ABP के संपादक ने भेजी आर्थिक सहायता...

ABP संस्थान दो बार खबरों को लेकर सुलभ श्रीवास्तव को खबर भेजने से वैन कर दिया था, जिससे सुलभ परेशान रहते थे। एक बार विवादित खबर को लेकर सुलभ पर एक मुकदमा दर्ज हो जाने से भी संस्थान नाराज हुआ था और दूसरी बार शराब माफिया के बचाव में विना एप्रूवल लिए खबर डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रकाशित होने के बाद सुलभ को संस्थान ने जमकर क्लास लगाई थी प्रकाशित खबर की सत्यता की जाँच तक सुलभ को खबर भेजने से संस्थान की तरफ से मना कर दिया गया था ये बातें सुलभ अपने कुछ पत्रकार साथियों से शेयर भी किया था और अपनी प्रकशित खबर को दूसरे के बैनर में प्रकाशित होने के लिए कोशिश भी कर रहा था, ताकि बिगड़ा  मामला बनाया जा सके

रेणुका श्रीवास्तव की वह पासबुक जिस पर है,उनके नाम से लोन...

फिलहाल सुलभ की शराब माफिया सुधाकर सिंह के बचाव वाली खबर मीडिया का कोई दूसरा पत्रकार साथी अपने बैनर में प्रकाशित नहीं किया जिससे सुलभ वह विवादित खबर प्रकाशित करने के लिए कहते तो वह चट से पूँछ बैठता था कि कितना सेट किये हो ? फिर बात बिगड़ जाती थी। सुलभ 20से 30 हजार रूपये सुधाकर सिंह दिलाने की बात अपने एक साथी पत्रकार से किये थे, परन्तु उसी दिन सुलभ की मौत हो गई विवादित खबर की ABP संस्थान तहकीकात करवा ही रहा था कि सुलभ की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई तो अब संस्थान वाले भी अपने संस्थान के पत्रकार की मदद करने को आगे आये हैं। सम्पादक रोहित सांवल की पहल पर प्रयागराज मंडल प्रभारी मोहम्मद मोइन ने सुलभ के घर जाकर सुलभ की पत्नी रेणुका को दो चेक सौंपे उनके साथ में अध्यक्ष उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं प्रगति मंजूषा के सम्पादक रतन दीक्षित भी मौजूद रहे। 


सम्पादक ने रेणुका से फोन पर बात भी की और हर सम्भव मदद का वायदा भी किया। मोहम्मद मोइन ने बताया अगली किस्त दो सप्ताह के भीतर आने की संभावना है रेणुका से मिलने के बाद मोहम्मद मोइन और रतन दीक्षित प्रतापगढ़ के डीएम से मिलकर मृतक पत्रकार सुलभ की पत्नी को नौकरी, सरकारी आर्थिक मदद, आवास और बच्चों की पढ़ाई की प्रगति  के सम्बन्ध में जानकारी भी ली हत्या में अज्ञात शराब माफियाओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमें की जांच की प्रगति के बारे में प्रभारी एसपी सुरेंद्र द्विवेदी से भी जानकारी ली। पुलिस की हर एंगिल से अभी तक की गई जाँच में सुलभ की हत्या का कोई क्लू नहीं मिल सका। पुलिस ने अदालत में ईंट भट्ठा के मजदूर को गवाह बनाया है और दो पत्रकार साथियों के बयान लिए जिसमें दोनों पत्रकार साथी स्वीकार किये कि सुलभ के साथ वह लोग लालगंज में शराब की पार्टी की थी। पुलिस की जाँच में सुलभ की मौत सड़क दुर्घटना से एक कदम आगे नहीं बढ़ पा रही है। 


मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के नजदीकी सभी लोगों को पता था कि सुलभ की माली हालत कितनी दयनीय थी ? जिस मकान में सुलभ रहते थे वह भी एक भूमाफिया के हाथ एग्रीमेंट कर चुके थे,जिसे लेकर सुलभ बहुत परेशान रहता था। ऊपर से सुलभ अपनी पत्नी रेणुका के नाम एसबीआई से लोन भी ले रखा था। ये बातें तब सार्वजनकि हुई जब सुलभ के मृत हो जाने के बाद आर्थिक मदद के लिए साथी पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एसबीआई की उस पासबुक की इमेज पोस्ट की गई तो सदभाव में लोग मदद करने लगे तो पता चला कि उस खाते पर तो लोन है और खाता NPA हो चुका है। आनन-फानन में रेणुका का दूसरा खाता खोला गया और मदद करने के लिए उसे सार्वजनिक किया गया। हमें तो सुलभ और उसके परिवार की दशा देखकर वो बात याद आती है कि जिन्दा जी घरवाले पानी भी नहीं देते और मरने के बाद उस मृतक का श्राद्ध करते हैं। 

1 टिप्पणी:

  1. सुलभ के उस पत्र पर भी प्रकाश डालिये जो ADG प्रयागराज और पुलिस अधीक्षक को घटना से 2 दिन पहले लिखी गयी थी।

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