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शनिवार, 26 जून 2021

भाजपा की माया भाजपा ही जाने,जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर एक अधिकृत तो दूसरा नॉन अधिकृत उम्मीदवार का मंत्री मोती सिंह की अगुवाई में हुआ नामांकन

भाजपा अपने अधिकृत उम्मीदवार के रूप में क्षमा सिंह के नामांकन हेतु सत्तापक्ष की तरफ से कैबिनेट मंत्री मोती सिंह की अगुवाई में कराया नामांकन, सांसद संगम लाल गुप्ता भी साथ रहे मौजूद...!!!


जिला पंचायत सदस्यों के प्रीति भोज से लेकर नामांकन तक विश्वनाथगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा का न होना बना रहा चर्चा का विषय, रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" का सोरांव जाकर डॉ आर के वर्मा से मिलना और लगातार उनकी अनुपस्थिति बहुत कुछ इशारा कर रही है...!!!

मंत्री मोती सिंह के नेतृत्व में BJPकी उम्मीदवार क्षमा सिंह और पूनम इंसान ने किया नामांकन...

प्रतापगढ़। पंचायत चुनाव में पैरासूट उम्मीदवारों के उतरने से भाजपा से उम्मीदवारी का सपना सजोये कार्यकर्ताओं ने पार्टी से बगावत करके जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में कूद पड़े और भाजपा के अधिकृत उम्मीदवारों के लिए नासूर बन गए। खुद तो जीत न सके परन्तु भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को हराने में दूसरे उम्मीदवारों के मददगार साबित हुए। चुनाव परिणाम आया तो भाजपा के बड़बोले पार्टी पदाधिकारी, सांसद और विधायक को साँप सूंघ गया। विपक्षी दलों के आरोपों पर यकीन करें तो भाजपा के सिर्फ तीन उम्मीदवार इमानदारी से चुनाव जीते हैं। चार उम्मीदवार तो जबरन सत्तापक्ष कि हनक से बेईमानी करके जिताए गए हैं

वेशर्मी और वेहयाई की इंतहा पार करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र ने बयान दिया कि टिकट बंटवारे से नाराज भाजपा के ही साथी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ गए जिससे हार का मुँह देखना पड़ा। तमाम निर्दलीय जो चुनाव जीते हैं उसमें भाजपा के लोग भी हैं। उनसे बातचीत की जायेगी और उन्हें मनाया जायेगा। पार्टी भी एक परिवार है और परिवार में भी वैचारिक मतभेद होते रहते हैं तो क्या उस मतभेद को खत्म नहीं किया जाता ? वैसे ही पार्टी में जो लोग पार्टी से नाराज होकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और वो चुनाव जीत गए। उनसे बातचीत करके उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए राजी कर लिया जायेगा

राजनीतिक दृष्टिकोण से जनपद प्रतापगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव अब रोमांचक दौर में पहुंच गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता को आगे करके उनके नेतृत्व में जिला पंचायत सदस्यों के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए पार्टी ने रणनीति बनाई,परन्तु सांसद संगम लाल गुप्ता के ब्यक्तित्व से जिला पंचायत सदस्य प्रभावित ही नहीं हो रहे थे। पहले कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर के साथ सांसद संगम लाल गुप्ता के आवास पर भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र के साथ बैठक हुई। अलग-अलग विधानसभाओं में भी विधानसभा वार जिला पंचायत सदस्यों के साथ बैठक हुई,परन्तु सांसद संगम लाल गुप्ता का नेतृत्व किसी को रास नहीं आ रहा था। संगम लाल गुप्ता स्वयं को पिछड़ी जाति का भले ही नेता मानते हों, परन्तु प्रतापगढ़ की जनता संगम लाल गुप्ता को नॉन सीरियस नेता आज भी मानती है और उन्हें ऐक्सीडेंटल सांसद कहती है

भाजपा का प्रदेश नेतृत्व अंत में जनपद प्रतापगढ़ की कमान कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के हाथ में सौंपी। उसी क्रम में आज शनिवार 26 जून को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व जिले में जमीनी पकड़ रखने वाले कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह की अगुवाई में भाजपा उम्मीदवार क्षमा सिंह ने नामांकन दाखिल कियाअंतिम समय तक क्षमा सिंह की उम्मीदवारी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रही। शनिवार की सुबह तक यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी आखिर किसे उम्मीदवार बनाएगी। अंतत: पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सलाह मशवरे से क्षमा सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया। इसके बाद पार्टी द्वारा चुनाव प्रभारी बनाए गए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह की अगुवाई में क्षमा सिंह ने जिला मुख्यालय पर स्थित अफीम की कोठी विकास भवन में नामांकन दाखिल किया।


जिला पंचायत अध्यक्ष पद का नामांकन तो हो गया। अब नामांकन पत्र की जाँच 29 जून को होगी और उसी दिन नाम वापसी भी होगी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की जिम्मेदारी मंत्री मोती सिंह के कन्धों पर आने के बाद माहौल बदला-बदला नजर आने लगा है सूत्रों के अनुसार मंत्री मोती सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते थे। जिम्मेदारी न लेने की खास वजह यह थी कि भाजपा के पास सिर्फ 7 जिला पंचायत सदस्य हैं और चुनाव परिणाम अपने पक्ष में लाने के लिए कम से कम 33 जिला पंचायत सदस्य को अपने पाले में करना होगा। ऐसे में यदि जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिलती है तो उसकी जवाबदेही भी मंत्री मोती सिंह की ही बनेगी और उससे उनके राजनीतिक जीवन पर खतरा मड़राने लगेगा

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद का चुनाव होगा और उसमें मंत्री मोती सिंह अपनी विधानसभा पट्टी की सभी क्षेत्र पंचायतों पर अपना कब्जा चाहते हैंपट्टी को छोड़ दे तो मंगरौरा में अखिलेश सिंह, आसपुर देवसरा में माधुरी यादव और बाबा बेलखरनाथ धाम में श्याम मिश्र द्वारा प्रमुख पद के चुनाव में मंत्री मोती सिंह को शिकस्त देने के लिए कमर कस लिए हैं और ताल ठोंककर चुनावी मैदान में उतरने को आतुर हैं। विगत छः माह पहले मनगढ़ धाम की यात्रा में जाते समय मंत्री मोती सिंह अचानक जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" से मुलाकात के बाद उसके राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे थे,परन्तु मंत्री मोती सिंह ने उसे औपचारिक मुलाकात की संज्ञा देकर मामले का पटाक्षेप कर दिया था

उस समय राजनीति के जानकारों का आंकलन था कि राजा भईया और मंत्री मोती सिंह में जिला पंचायत अध्यक्ष पद और एमएलसी दोनों में से एक पद के लिए आपसी वार्तालाप के होने की बात खुलकर सामने आई थी। परन्तु जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट महिला हो गई तो मामला कमजोर दिखने लगा। फिर भी मंत्री मोती सिंह हार नहीं माने और अपनी पत्नी उर्मिला सिंह के लिए जिला पंचायत सदस्य के टिकट की उम्मीदवारी के लिए आवेदन कराया और पहली सूची में उर्मिला को टिकट भी मिल गया,परन्तु 10 मिनट में ही टिकट काटकर दूसरे को टिकट दे दिया गया। उक्त के सम्बन्ध में मंत्री मोती सिंह ने पत्नी को अस्वस्थ बताकर डैमेज कंट्रोल को संभाला था फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव अब मंत्री मोती सिंह के लिए सांप छछूंदर की तरह हो चुकी है। न निगलते बन रहा है और न उगलते बन रहा हैअब देखना है कि जिला पंचायत सदस्यों पर मंत्री मोती सिंह कितना असर डाल पाते हैं,ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद संगम लाल गुप्ता, विधायक रानीगंज अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा, सदर विधायक राजकुमार उर्फ "करेजा पाल," जिला अध्यक्ष हरिओम मिश्र, पूर्व विधायक बृजेश मिश्र "सौरभ,"  पूर्व जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी, पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री बृजेश शर्मा, पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह, राजा अनिल प्रताप सिंह, शिव प्रकाश मिश्र "सेनानी," डीपी इंसान, संतोष मिश्र, संतोष दुबे, जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र शुक्ल, रमा मिश्रा, विनय प्रताप उर्फ "गिरधारी सिंह," राजेश सिंह समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहे। 

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