मीडिया के सूत्र इस बार हो गए फेल, शराब माफिया का अदालत में समर्पण की किसी को भी कानोकान नहीं लग सकी भनक...!!!
पुलिस ताकती रही और शराब माफिया उसकी जांघों के नीचें से निकल कर आत्मसमर्पण कर दिया... |
प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं के रसूख के आगे सारे VVIP कल्चर बौने नजर आते हैं। इस बार कुंडा क्षेत्र का एक और शराब माफिया बहुत ही शांतिपूर्वक शुक्रवार को प्रतापगढ़ कचेहरी आया और अदालत में पहुँच कर सरेंडर कर दिया। जहाँ पुलिस शराब माफियाओं पर इनाम घोषित करके उन्हें दिन रात ढूंढने में लगी है,वहीं हर फन में माहिर शराब माफिया लगातार पुलिस की नजरों से बचते बचाते अपने आपको अदालत के समक्ष समर्पण कर जेल चले जाने में अपनी भलाई समझ रहे हैं।
बीते शुक्रवार को बहुत ही शातिराने अंदाज में शराब माफिया नवरंग सिंह प्रतापगढ़ कचेहरी पहुँच कर स्वयं को न्यायालय में सरेंडर किया, जहाँ अदालत ने उसे जेल भेज दिया। इसे स्वीकार कर लेने में कोई बुराई नहीं कि शराब माफियाओं के रसूख के आगे पुलिस पस्त हो चुकी है। बड़ा सवाल है कि ऐसे में प्रतापगढ़ की दागदार पुलिस कैसे शराब माफियाओं पर लगाम लगा पाएगी। कुंडा कोतवाली के टिकरिया गांव के शराब माफिया नवरंग सिंह पर विभिन्न थानों में शराब के काले कारोबार के मुकदमें दर्ज है। पुलिस के अभिलेख में टिकरिया गांव के नवरंग सिंह शराब माफिया घोषित है। इन पर अकेले कुंडा कोतवाली में एक वर्ष में तीन शराब की तस्करी के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज है। अपराध संख्या-122/2021, अपराध संख्या-124/2021 और अपराध संख्या-125/2021 कुंडा कोतवाली में दर्ज है,जिसमें नवरंग सिंह मुलजिम हैं।
इसके पहले शराब माफिया गुड्डू सिंह प्रतापगढ़ आकर अदालत में सरेंडर कर फ़िल्मी अंदाज में जेल जा चुका है। शराब माफियाओं और पुलिस के गठजोड़ पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। शराब माफिया गुड्डू सिंह ने तो प्रयागराज जोन के एक बड़े पुलिस अधिकारी को भी शराब माफियाओं से मिले होने की बात उजागर की थी। जोन में तो एक ही बड़ा पुलिस अफसर तैनात होता है। शराब माफिया गुड्डू सिंह ने मीडिया के कैमरे पर यह आरोप सीधे लगाया था और यह भी कहा था कि उस अधिकारी की डिमांड पूरी न कर सका इसलिए आज जेल जा रहा हूँ। शराब माफिया गुड्डू सिंह का यह आरोप छोटा-मोटा अपराध नहीं है। इतने ही आरोप में STF के DIG अनंत देव के ऊपर एक्शन शुरू हो गए थे। परन्तु प्रतापगढ़ के शराब माफियाओं से गठजोड़ बनाने वाले पुलिस अफसरों का कुछ नहीं होता। शराब माफिया गुड्डू सिंह का आरोप देखकर लग रहा था कि इस बार जोन के बड़े अफसर का विकेट गिरना तय है। फिलहाल जों के अफसर पर कुछ हुआ नहीं।
पिछले तीन माह से प्रतापगढ़ में शराब की तस्करी करने और तस्करी करने के धंधे से जुड़े लोगों पर पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हुआ तो शराब माफियाओं की कमर टूट गई। शराब के निर्माण से लेकर उसकी बिक्री तक के हर ठिकाने पर पुलिस अपनी नजर रखना शुरू किया तो पुलिस को इसका लाभ मिला। परन्तु पुलिस में ही शराब माफियाओं ने विभीषण खोज निकाला और अपनी बचत करने लगे। स्थानीय पुलिस के मिले होने की बात तो समझ में आती है, परन्तु अपर पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी यदि शर्ब माफियाओं से मिला हो तो शराब माफियाओं के रसूख का अंदाजा लगा पाना कठिन हो जाता है। प्रतापगढ़ में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी दिनेश द्विवेदी जी को शराब माफियाओं से याराना निभाना बहुत महंगा पड़ा और अंत में उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ा। शासन ने उन्हें निलम्बित कर दिया और उनका तवादला भी कर दिया। क्योंकि शराब माफियाओं से ASP साहेब की पत्नी लग्जरी गाड़ियों से सैर सपाटे के लिए सुविधा लिया करती थी।
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