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सोमवार, 17 मई 2021

अपने ही प्रतिनिधि की माँ को श्रधांजलि देने पहुँचे सांसद ने सोशल मीडिया पर जीवित पिता को दे डाली श्रधांजलि

सोशल मीडिया पर सांसद संगम लाल गुप्ता के अधिकृत एकाउंट पर शोक संवेदना बना मजाक...

39संसदीय क्षेत्र के सांसद संगम लाल गुप्ता जी को नहीं आता शोक संवेदना और श्रद्धांजलि देना। मृत आत्मा के पति जो जीवित हैं,उन्हें भी जिंदा रहते दे दिया श्रद्धांजलि...!!!

सांसद के सोशल मीडिया के अधिकृत एकाउंट पर शोक संवेदना में त्रुटि पर लोग उठा रहे हैं,सवाल...

सांसद संगम लाल गुप्ता के यहाँ जुड़े कार्यकर्त्ताओं में अंदरुनी रार अब विस्फोट होकर बाहर आ गई। लोकसभा चुनाव के बाद से नई और पुरानी टीम में सांसद संगम लाल गुप्ता जी का अति नजदीकी होने का योगाभ्यास चल रहा था। इस योगाभ्यास में धुरंधर टीम के अध्यक्ष ने बाजी मारते हुए पुराने कार्यकर्ता को येन केन प्रकारेण सांसद के सोशल मीडिया का कार्य देख रहे अनूप कुमार गुप्ता को मजबूर कर दिया कि वह त्यागपत्र देकर भाग जाए हुआ भी वहीअब कोई संघ से जुड़ा प्रशांत नाम का लड़का सांसद जी कार्य देख रहा है, जिसे यह भी नहीं पता कि कुंडा विधानसभा प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र में आता है कि कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र में आता है ? किसी माननीय का सोशल मीडिया का कार्य देखने वाला जिम्मेदार ब्यक्ति होना चाहिए। मृतक की फोटो महिला की हो और शोक संवेदना पुरुष की दी जाए। मजेदार बात यह है कि चार लाइन के शोक संवेदना में गलतियाँ ही रही। स्वर्गीय पिताजी का देहांत लिखने से ही समझ में आ गया कि प्रशांत बाबू कितने समझदार...???
सोशल मीडिया का कार्य देखने वाला सांसद का पुराने कार्यकर्त्ता को देना पड़ा त्यागपत्र...

प्रतापगढ़ सांसद महोदय मौत आपके कथित प्रतिनिधि पवन गुप्ता की माँ यानि एक महिला की हुई है और श्रद्धांजलि पिताजी यानि पुरुष की दे रहे हैं। श्रद्धांजलि के लिए घर पर लगी फोटो बता रही है कि मौत महिला की हुई है, पुरुष की नहीं। फिर आप जिंदा पिताजी को भी मार दिए। इसीलिए कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों का पढ़ा लिखा होना बहुत आवश्यक होता है। अन्यथा प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता की तरह प्रतिनिधियों के भरोसे सारे कार्य निर्भर होंगे तो ऐसी गलतियां होती रहेगी। सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता की बात करें तो उनके लिए स्क्रिप्ट कोई लिखता है तो प्रेस नोट कोई और लिखता है इस बात को जब भी किसी को चेक करना हो तो सांसद संगम लाल गुप्ता जी जब संसद के सत्र में अपनी बात रखते हैं तो उनका वीडियो देख लेने मात्र से पता चल जाता है कि सच क्या है ? सांसद जी मौका पाते ही बिना नजर हटाये लिखी स्क्रिप्ट को बुलेट एक्सप्रेस की तरह पढ़कर अपनी बात खत्म कर देते हैं

ताज्जुब की बात है कि पवन गुप्ता को सांसद संगम लाल गुप्ता अपने फेसबुक पर प्रतिनिधि भी लिखा है। वह किसके प्रतिनिधि हैं,यह नहीं स्पष्ट किया है। जब सांसद जी जुड़े ब्यक्ति के माताजी और पिताजी में सांसद संगम लाल गुप्ता को अंतर समझ में नहीं आ रहा है तो ये संसद में क्या करते होंगे ? वहाँ की बातें तो सांसद संगम लाल गुप्ता जी के सिर के ऊपर से निकल जाती होंगीसांसद जी जब सदर के विधायक निर्वाचित हुए थे, तभी अपना कार्यालय जो बनाया था, वो हाईटेक कार्यालयों में से एक रहा। अब तो 4वर्ष से अधिक समय बीत गए। सिर्फ कार्यकाल खत्म होने में सिर्फ छः माह बचे हैं। उसके बाद वर्ष-2022 के चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। अपना 5वर्ष का आंकलन सांसद संगम लाल गुप्ता जी को स्वयं कर लें तो उन्हें भी लगेगा कि वो वास्तव में एक एक्सीडेंटल जनप्रतिनिधि ही हैं। जो बिना मेहनत किये हवा में भाग्य भरोसे बन गए विधायक और सांसद

प्रत्येक जनप्रतिनिधियों के यहाँ प्रतिनिधि बनने की होड़ होती है। सांसद प्रतापगढ़ के यहाँ विधानसभा वार प्रतिनिधि नियुक्त हैं। मीडिया प्रभारी, स्क्रिप्ट राइटर, विधिक सलाहकार, सोशल मीडिया प्रभारी, निजी सचिव, प्रयागराज मंडल का प्रभारी, राजधानी लखनऊ के कार्य देखने के लिए प्रदेश प्रभारी, कटरा स्थित संसदीय कार्यालय का प्रभारी, राजधानी दिल्ली में पार्टी से मिले निजी दो निजी सचिव अलग से नियुक्त हैं। सैलून में मसाज और बाल कटिंग एवं सेविंग प्रभारी सहित जितने विभाग उतने प्रभारी नियुक्त हैंफिर भी सांसद संगम लाल गुप्ता जी के यहाँ इतनी बड़ी-बड़ी गलतियां हो रही हैं। एक के बाद दूसरी गलती करना मानो सांसद संगम लाल गुप्ता के यहाँ जुड़े लोगों की नियति बन चुकी है। सांसद संगम लाल गुप्ता जी भाजपा में रहते हुए भाजपा के विधायकों और मंत्रियों से नाराज लोगों को संरक्षण भी देने का कार्य करते हैं उनको इस कार्य में मानो बहुत मजा आता हो

विधानसभा पट्टी, रानीगंज और विश्वनाथगंज विधानसभा से जो लोग अपने विधायक/मंत्री से नाराज होता है वह आकर प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता को अपनी शरणस्थली मान लेता है और उसको सांसद जी संरक्षण भे प्रदान कर देते हैं। विधायक रहते जो लोग जुड़े थे वो अपने को पुराने और मजबूत कार्यकर्ता मानते हैं और जो लोग लोकसभा चुनाव में जुड़े वो सबको काटकर अपना सिक्का जमाना चाहते हैं। असल खेल जो वहाँ चल रहा है वो सांसद के अति नजदीक रहने का है। इसीलिए दोनों टीम में नूरा कुश्ती हो रही हैसांसद संगम लाल गुप्ता के संसदीय कार्यालय पर रहते हुए उनका सोशल मीडिया एवं आईटी मनेजमेंट सहित क्षेत्रीय कार्य के दायित्व का निर्वहन करने वाले अनूप कुमार गुप्ता जो सांसद जी के कई वर्षों तक अति नजदीक रहे,फिर भी उन्हें सांसद के यहाँ दगी तोप वाली बटालियन इतना परेशान कर दिया कि अनूप कुमार गुप्ता को सांसद संगम लाल गुप्ता से कहना पड़ा कि यह लो अपनी लकुटि कमरिया बहुतई नाच नचायो। इसी के साथ अपना त्याग पत्र देकर अपना पिंड छुड़ा लिया

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