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सोमवार, 5 अप्रैल 2021

डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल की हत्या के चार साल बाद UPSTF ने किया खुलासा, एडमिशन माफिया ने दी थी सुपारी, शूटर को STF ने किया गिरफ्तार

प्रयागराज के चर्चित डॉ. ए के बंसल हत्याकांड का चार साल बाद हो सका राजफाश, STF का दावा- आलोक सिन्हा व दिलीप मिश्रा ने रची थी साजिश...

डॉ. अश्वनी कुमार बंसल (फाइल फोटो)

प्रयागराज मंडल ही नहीं बल्कि प्रदेश के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में शुमार डॉ. अश्वनी कुमार बंसल हत्याकांड का आखिरकार चार साल बाद खुलासा कर दिया। एसटीएफ ने ज्योति जीवन हास्पिटल के निदेशक की हत्या में शामिल शूटर मो. शोएब को सोमवार को लखनऊ के चिनहट इलाके से गिरफ्तार किया। साथ ही बताया कि एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा ने 55 लाख रुपये के विवाद में भाड़े के शूटरों से इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया। हत्या की साजिश नैनी जेल के भीतर रची गई, जिसमें कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर आरडीएक्स से हमले का आरोपी दिलीप मिश्र भी शामिल था।

UPSTF ने डॉ एके बंसल की हत्या का किया राज़फाश... 

मंडल प्रयागराज के नामचीन न्यूरो सर्जन एवं जीवन ज्योति हॉस्पिटल के मालिक डॉ. अश्वनी कुमार बंसल की हत्या जब हुई तब सूबे में अखिलेश की सरकार थी और चुनावी बेला का समय था उस वक्त भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम डॉ ए के बंसल की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा था और मीडिया में नाम उछलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी थी। सूबे में चुनाव हुए और योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी जिसमें केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम के पद से नवाजा गया। अब किसकी मजाल की डॉ ए के बंसल की हत्या की शक वाली सूई डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की तरफ घुमा सके...

डॉ ए के बंसल की हत्या में शामिल शूटर...

➤मो. शोएब पुत्र मुकीम, निवासी- आजाद नगर, थाना कोतवाली नगर, प्रतापगढ़ - गिरफ्तार
➤यासिर, निवासी- भुलियापुर प्रतापगढ़ की साथियों ने ही पैसे के लेनदेन के विवाद में चार वर्ष पहले कर दी,हत्या
➤मकसूद उर्फ जैद, निवासी- घरौरा, लालगंज, प्रतापगढ़- फरार
➤साजिशकर्ता- अबरार मुल्ला, निवासी-प्रतापगढ़- फरार
➤दिलीप मिश्रा, निवासी- लवायन कला, नैनी, प्रयागराज- जेल में
➤अख्तर कटरा, निवासी- करेली प्रयागराज- जेल में


UPSTF की गिरफ्त में आया प्रतापगढ़ का सुपारी किलर...

डॉ. बंसल की हत्या 12 जनवरी, 2017 को उनके चैंबर में जिस अंदाज में घुसकर सरेशाम गोली मारकर उनकी हत्या की थी, वह ताज्जुब करने वाली थी। क्योंकि जीवन ज्योति में डॉ ए के बंसल ने पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे।पूरे मंडल में जीवन ज्योति हॉस्पिटल ही एकमात्र ऐसी हॉस्पिटल रही जिसमें किसी भी तरह का मरीज 24घंटे भर्ती करने की ब्यवस्था उपलब्ध रहती थी। हॉस्पिटल की तरफ से यह नहीं पूँछा जाता था कि पुलिस केस है। थाना-कीडगंज से जीवन ज्योति हॉस्पिटल की बढ़िया सेटिंग थी सो सुरक्षा और मरीज के मरने के बाद पोस्टमार्टम के पहले पंचनामा भरने में पुलिस डॉ ए के बंसल का सहयोग करती थी। साथ ही मरीजों के परिजनों से इलाज के बिल भुगतान में विवाद की दशा में भी पुलिस डॉ ए के बंसल का सहयोग करती थी। चूँकि डॉ ए के बंसल पर अनाप सनाप बिलिंग करने का भी आरोप लगते रहते थे। सच तो यह है कि डॉ बंसल जीवन ज्योति हॉस्पिटल की सुरक्षा और प्रशासनिक विंग अलग से बना रखा था, फिर भी सुपारी किलर ने डॉ ए के बंसल को उनके ही चैंबर में घुसकर उनकी हत्या को अंजाम दिया था। 

ढके चेहरे में प्रतापगढ़ का सुपारी किलर शोएब...

एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि उनकी टीम ने प्रतापगढ़ में 2018 में हुई एक घटना में शामिल 50 हजार के इनामी बदमाश शोएब को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। सोमवार को शोएब के लखनऊ आने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह और इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह व अन्य की टीम ने सुबह साढ़े सात बजे चिनहट स्थित देवारोड के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि डॉक्टर बंसल की हत्या उसने अपने साथियों संग मिलकर सुपारी लेकर की थी। डॉ. एके बंसल जब रामबाग स्थित अस्पताल में मरीज देख रहे थे तभी पैंट-शर्ट और जैकेट पहने एक शूटर पहुंचा। उसका साथी बाहर ही रुक गया। सफेद मफलर पहने शूटर ने करीब पहुंच कर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी। डॉक्टरों ने एके बंसल को काफी बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी मौत हो गई थी।

प्रतापगढ़ का सुपारी किलर शोएब...

55लाख रुपये के विवाद की मुख्य वजह बनी डॉ ए के बंसल की हत्या...

एसटीएफ के मुताबिक, शोएब ने पूछताछ में बताया कि डॉक्टर बंसल ने बेटे अर्पित का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए आलोक सिन्हा को 55 लाख रुपये दिए थे। एडमिशन तो हुआ नहीं और आलोक ने पैसे भी हड़प लिए। जिस पर डॉक्टर ने एफआईआर दर्ज कराकर आलोक को जेल भेजवा दिया। यही नहीं दूसरे राज्यों में दर्ज मुकदमों में भी पैरवी करने लगे। इसके बाद ही आलोक की मुलाकात नैनी जेल के भीतर दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा, जुल्फिकार उर्फ तोता और गुलाम रसूल से हुई। आलोक ने डॉ. बंसल की हत्या की साजिश रची, जिसमें दिलीप और अख्तर कटरा भी शामिल हो गए। दोनों ने अबरार मुल्ला नाम के बदमाश के माध्यम से तीन शूटर तय किए, जिसमें शोएब के अलावा मकसूद और यासिर शामिल थे।
70लाख रूपये में तय हुआ था,डॉ ए के बंसल की हत्या का सौदा...

शोएब ने एसटीएफ को बताया कि डॉ. बंसल की हत्या करने के लिए 70 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। इसमें 15 लाख रुपये एडवांस में और 55 लाख रुपये हत्या के बाद देने की बात हुई। हअबरार मुल्ला ने शोएब, मकसूद और यासिर को पांच लाख रुपये, दो पिस्टल और एक मोटर साइकिल हत्या को अंजाम देने के लिए दी। यह तीनों बाइक से ज्योति जीवन हास्पिटल पहुंचे। गाड़ी मकसूद चला रहा था। अस्पताल के बाहर मकसूद गाड़ी पर खड़ा रहा और शोएब व यासिर दोनों ने अपनी-अपनी पिस्टल से चैंबर में मरीज देख रहे बंसल पर अंधाधुंध फायरिंग कर के मौत के घाट उतार दिया और उसी मोटर साइकिल से फरार हो गए। बाद में वर्ष-2017 में रुपयों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में अबरार मुल्ला के कहने पर शोएब और मकसूद ने यासिर की हत्या कर दी।

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