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रविवार, 25 अप्रैल 2021

प्रतापगढ़ के गैर जिम्मेदार और नकारे जनप्रतिनिधि की वजह से आज कोरोना संक्रमण काल में इलाज के आभाव में मरीजों की हो रही है,दुर्दशा

रियासत की सियासत में बंधा रहा प्रतापगढ़ जिला,आज भी थर्ड क्लास यानि सी ग्रेड के जिले में होती है,गणना ! कहने को है राजाओं का जिला प्रतापगढ़,परन्तु अपनी बदहाली पर बहा रहा,आँसू...!!!


प्रतापगढ़ का सत्यानाश यदि किसी ने किया तो वह है प्रतापगढ़ की रियासतें ! चाहे वह रियासत प्रतापगढ़ की रही हो अथवा कालाकांकर की रही हो ! कुंडा, भदरी, दिलीपपुर, बीरपुर और न जाने कितनी छोटी बड़ी रियासतें रही जो प्रतापगढ़ के वजूद को आगे नहीं बढ़ने दिया ! यहाँ सिर्फ और सिर्फ सामंतवादी ताकतों का ही बोलबाला रहा और यहाँ की जनता को आगे आने नहीं दिया गया ! जनता का शोषण किया गया और यह माना गया कि यहाँ की जनता यदि तरक्की कर जायेगी और उसका सर्वागीड़ विकास हो जायेगा तो रियासत का जयकारा कौन लगाएगा ? उन्हें महाराज कौन कहेगा ? बस इन्हीं भावनाओं ने प्रतापगढ़ का सत्यानाश किया...!!!


प्रतापगढ़ जिले का चौक घंटाघर...


प्रत्येक कार्य को सम्पादित करने के लिए किसी न किसी आगे आना होता है
। आगे आने का तात्पर्य है कार्य का नेतृत्व करने से है। देश जब स्वतंत्र हुआ तो देश को संचालित करने के लिए संघीय लोकतंत्र प्रणाली अपनाते हुए देश और प्रदेश में जनता द्वारा चुनाव कराया गया और जो उस में सरकार बनाने के लिए भागीदारी किये उन्हें उम्मीदवार कहा गया। अब देश और प्रदेश में सरकार बन गई। देश में जो सरकार बनी उसका मुखिया प्रधानमंत्री कहलाया और जो प्रदेश की सरकार का मुखिया बना, उसे मुख्यमंत्री कहा गया l देश में प्रधानमंत्री वही बनता है जिस दल का बहुमत हो और उस बहुमत दल के सांसद अपना नेता चुने। यही चुना हुआ ब्यक्ति प्रधानमंत्री कहलाता है। ऐसे ही प्रदेश में विधायक चुने जाते हैं और बहुमत प्राप्त दल का नेता मुख्यमंत्री बनता है


देश और प्रदेश में सांसद और विधायक मिलकर क्षेत्र का सर्वागीड़ विकास करने के लिए क्षेत्र की जनता के प्रति कटिबद्ध होते हैं परन्तु जब विधायक और सांसद नकारा और निकम्मा निकल जाए तो जनता स्वयं को ठगी हुई महसूस करती है जैसे प्रतापगढ़ की जनता इन दिनों कर रही है कोरोना संक्रमण काल में जहाँ अगल बगल के जिलों में आक्सीजन प्लांट स्थापित किये जाने की पहल की जा रही है,परन्तु प्रतापगढ़ जनपद में न तो अधिकारी आगे आ रहे हैं और न ही यहाँ के नकारे जनप्रितिनिधि ही आगे आ रहे हैं एक कथित दिग्गज कांग्रेस में हैं, जिन्हें सिर्फ रामपुरखास विधान सभा से आगे नहीं बढ़ना है भले ही वह अपना राजनीतिक उत्तराधिकार घोषित कर वहाँ की बागडोर वर्ष-2014 में ही सौंप दी थी और स्वयं गुणा गणित के आधार पर सपा मुखिया मुलायम सिंह की कृपा से केंद्र की राजनीति में दाखिल हो गए थे पर स्थायित्व नहीं आ सकाअब सुबह शाम सिर्फ मोदी-मोदी की माला का जाप करते रहते हैं और प्रतापगढ़ जनपद के लिए कुछ भी नहीं किया, जबकि मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर सूबे में कई पदों पर विराजमान रहे। प्रमोद के साथ कदमताल करने वाली रत्ना सिंह भी प्रतापगढ़ के लिए कुछ नहीं किया,जबकि प्रतापगढ़ की जनता रत्ना सिंह को 3 बार सांसद प्रतापगढ़ का सांसद चुना


कुंडा के बाहुबली निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" भी इन सब कार्यों में कोई रूचि नहीं रखते सिर्फ जिला पंचायत और लोकसभा एवं एमएलसी के चुनाव में प्रतापगढ़ मुख्यालय दर्शन देने आते हैं अथवा उनका दर्शन किसी निजी आयोजन में भले हो जायें,परन्तु जनता की जनसमस्याओं से वे कोई वास्ता व सरोकार नहीं रखते अब आते हैं, सत्तापक्ष के नेताओं पर तो सबसे प्रभावशाली और दिग्गज नेताओं में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह का नाम आता है, परन्तु वह भी ब्लाक प्रमुख और जिला सहकारी बैंक एवं पट्टी विधानसभा से ऊपर उठकर कभी भी जिले के विकास में अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया प्रमोद और मोती सिंह को राजनीति में चार दशक से अधिक हो गए,परन्तु अपने कद के मुताविक जिले के विकास में इनका रोल नगण्य रहा है एक बड़े नेता और हैं, जिनका नाम स्वामी प्रसाद मौर्य है और मायावती सरकार में उनकी खूब चलती थी, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के अति करीबियों में से थे परन्तु प्रतापगढ़ के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य कुछ नहीं किये आज योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। प्रतापगढ़ के लोगों को तब पता चलता है जब स्वामी प्रसाद मौर्य जिले में आते हैं


प्रतापगढ़ में एक बड़े नेता और भी हैंउनके सम्बन्ध तो सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैप्रतापगढ़ में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रतिनिधि बनकर उनके प्रोटोकाल के साथ हेलीकॉप्टर से पुलिस लाने आते हैं,परन्तु प्रतापगढ़ का एक पैसे का विकास करने में अपनी तौहीन समझते हैं जबकि पट्टी प्रतापगढ़ रोड़ पर सड़क मुख्यालय से 12किमी दूर उनका गाँव पड़ता है और जब कभी अपने गाँव कर्मही आते हैं तो ही समझ में आता है कि कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र सिंह का आगमन प्रतापगढ़ में हुआ है डॉ महेंद्र सिंह को लोग तब जान पाए जब वह आसाम के प्रभारी बने क्योंकि डॉ महेंद्र सिंह अपने नाम की बस खरीदे थे तो प्रतापगढ़ से जौनपुर वाया ढ़कवा होकर चलवाते थे। प्रतापगढ़ भैरोपुर बस स्टॉप पर नम्बर लेने के लिए गाँधी ट्रांसपोर्ट, ठा. लालमणि सिंह ट्रांसपोर्ट एवं जगदीश ट्रेवेल्स के आगे डॉ महेंद्र सिंह की एक न चली और मजबूर होकर बस बेंच दिए और राजनीति में आ गए केंद्र में सत्ता परिवर्तन हुआ और सूबे में भी योगी की सरकार बनी तो डॉ महेंद्र सिंह को केंद्र की राजनीति और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की बदौलत सूबे में पहले स्वतन्त्र प्रभार का राज्य मंत्री बनाया गया, जिसे मंत्रिमंडल विस्तार में प्रमोशन देते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया गया परन्तु प्रतापगढ़ का दुर्भाग्य है कि डॉ महेंद्र सिंह न तो जिले के विकास के लिए कोई कार्य करते हैं और न ही जनता के हित का ही कार्य करते हैं


अब आते हैं, पूँछ उखाड़ जनप्रतिनिधि पर ! प्रतापगढ़ सदर विधान सभा से पहले एक्सीडेंटल विधायक बने और महज दो वर्ष में एक्सीडेंटल सांसद भी बन गए परन्तु आदत में कोई सुधार नहीं हुआ चूँकि किसी ब्यक्ति को लक्ष्मी यानि धन तो छप्पर फाड़कर मिल सकता है,परन्तु अक्ल छप्पर फाड़ कर नहीं आती। प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता के साथ भी वही हुआ सांसद संगम लाल गुप्ता वर्षों से बैंड पड़ी एटीएल फैक्ट्री को पुनः संचालित कराने का दावा करते हैं तो कभी हवाई पट्टी पृथ्वीगंज को हवाई अड्डा के रूप में विकसित करके उसे संचालित करने का दावा करते हैं और पता नहीं कितने झूठे वादे और झूठी बातों को लच्छेदार तरीके से आमजनमानस के समक्ष पेश करना प्रतापगढ़ सांसद की आदत में शुमार है। ये आदत उन्हें एक आयातित समर्थक से प्राप्त हुई जो उनका ऑफ द रिकार्ड विधिक सलाहकार है बाकी जनप्रतिनधियों की बात ही करना ब्यर्थ हैप्रतापगढ़ में सनई अनुसंधान केंद्र है यह अनुसंधान तब खोला गया था जब प्रतापगढ़ सहित अगल बगल जिलों में सनई का किया उत्पादन जाता था यह अब जनपोयोगी नहीं रह गया है यदि एटीएल अभी कानूनी दांव पेंच में फंसा हुआ है तो सनई अनुसंधान केंद्र को आक्सीजन उत्पादन के लिए प्लांट के रूप में विकसित करने की इच्छाशक्ति इन जनप्रतिनधियों में होनी चाहिए बाहर से यानि दूसरे जिले से आक्सीजन लेकर कब तक प्रतापगढ़ के लोग सांस लेते रहेंगे...???

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